शराब
और नशीले पदार्थों
का सेवन एक
मानसिक-सामाजिक और
चिकित्सकीय समस्या है।
इस मामले में
प्रभावी हस्तक्षेप,
पुनर्वास और सामाजिक एकीकरण
के लिए,
रोकथाम संबंधी उपायों से
लेकर समस्या
के पहचान तक
की प्रक्रिया
में एक समग्र
दृष्टिकोण
अपनाए जाने की
जरूरत है। केन्द्रीय सामाजिक न्याय और
अधिकारिता
मंत्रालय नशीली दवाओं की
मांग में कमी
लाने के लिए
नोडल मंत्रालय है।
यह मंत्रालय नशीली
दवाओं के सेवन
से जुड़े रोकथाम
संबंधी सभी पहलुओं
की निगरानी
और निर्देशन करता
है। इसमें समस्या की
गंभीरता का आंकलन,
निवारक कार्रवाई, नशे की
लत के शिकार
लोगों का उपचार
और पुनर्वास, सूचना
एवं जन शिक्षा
का प्रसार जैसी
कोशिशें शामिल हैं। स्वैच्छिक
संगठनों के जरिए
सामाजिक न्याय और अधिकारिता
मंत्रालय इनकी पहचान,
उपचार और पुनर्वास
के लिए सामुदायिक
सेवाएं उपलब्ध कराता है।
शराब, मादक द्रव्य
(ड्रग्स), और अन्य
हानिकारक पदार्थों (तंबाकू और
कफ सीरप जैसे
इसके उपचारात्मक द्रव्य
उत्पादों को छोड़कर)
के सेवन पर
रोकथाम और इसके
पीड़ितों के पुनर्वास
के क्षेत्र में
उत्कृष्ट प्रयासों को मान्यता
और प्रोत्साहन देने
के लिए, इस
कार्य में संलग्न
श्रेष्ठ योगदान देने वाले
व्यक्तियों और संस्थाओं
को हर साल
पुरस्कृत किया जाता
है।
सामाजिक न्याय और
अधिकारिता
मंत्रालय वर्ष 1985-86 से शराब
और मादक द्रव्यों
के सेवन के
खिलाफ उन्मूलन कार्यक्रम
क्रियान्वित कर रहा
है। वर्ष 1994 और
1999 में संशोधित यह
कार्यक्रम वर्तमान में स्वयंसेवी
संगठनों और उनके
कर्मियों को
प्रमुख तौर पर
जागरूकता अभियान
और निवारक
शिक्षा, जागरूकता
और परामर्श केन्द्र (सीसी),
उपचार सह पुनर्वास
केन्द्र (टीसी),
कार्यस्थल निवारण
कार्यक्रम (डब्ल्यूपीपी), नशामुक्ति शिविर
संचालित करने
के लिए
वित्तीय
सहायता उपलब्ध कराता
है।
इसके
अलावा यह मंत्रालय
प्रतिवर्ष जागरूकता
कार्यक्रम संचालित करता
है, सूचना, शिक्षा और
संचार (आईईसी) सामग्री वितरित
करता है, स्कूलों में और
आमजन के बीच
कार्यक्रम आयोजित करता
है, प्रदर्शनी कार्यक्रम
आयोजित करता
है और न्यूजलेटर्स (सूचनापत्र) व
जर्नल (पत्रिका) प्रकाशित करता
है। मंत्रालय के
सहयोग से वर्तमान
में 41 परामर्श केन्द्र
और 401 उपचार सह पुनर्वास
केन्द्र देश
में चल रहे
है।
इसके
अतिरिक्त इस
प्रयास में भारी
तादात में स्वयंसेवी
संगठन भी जुटे
हुए है। गत
वर्ष दिसम्बर में
मंत्रालय ने शराब,
मादक द्रव्य (ड्रग्स),
और अन्य हानिकारक
पदार्थों (तंबाकू और कफ
सीरप जैसे इसके
उपचारात्मक द्रव्य उत्पादों को
छोड़कर) के सेवन
पर रोकथाम और
इसके पीड़ितों के
पुनर्वास के क्षेत्र
में उत्कृष्ट प्रयासों
को मान्यता और
प्रोत्साहन देने के
लिए, इस कार्य
में संलग्न श्रेष्ठ
योगदान देने वाले
व्यक्तियों और संस्थाओं
को सम्मानित करने
के लिए
राष्ट्रीय पुरस्कारों की योजना
अधिसूचित
की थी।
यह
पुरस्कार प्रतिवर्ष 10 अलग-अलग
श्रेणी में 26 जून को
दिया जाता
है। गौरतलब है
कि संयुक्त
राष्ट्रसंघ ने इस
तिथि को नशीली
दवाओं के सेवन
और अवैध तस्करी
के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय
दिवस घोषित किया
है। सभी श्रेणियां
इस प्रकार हैं-
क. संस्थागत श्रेणी
·
शराबियों और
नशेड़ियों को
पुनर्वास सुविधा
उपलब्ध कराने
वाले सर्वश्रेष्ठ
नशामुक्ति एकीकृत पुनर्वास केंद्र
(आइआरसीए)।
·
इस
क्षेत्र में अनुकरणीय
योगदान देने वाले
श्रेष्ठ क्षेत्रीय संसाधन और
प्रशिक्षण केंद्र (आरआरटीसी)।
·
नशे
की लत के
खिलाफ काम करने
वाले श्रेष्ठ पंचायतीराज
इकाई या नगर
निगम।
·
नशा
उन्मूलन के खिलाफ
शानदार काम करने
वाले श्रेष्ठ शैक्षणिक
संस्थान।
·
इन
सब के अलावा
नशामुक्ति के खिलाफ
बेहतरीन काम करने
वाले गैर लाभकारी
संगठन।
·
इस
दिशा में श्रेष्ठ
शोध या नवाचार।
·
सर्वश्रेष्ठ
जागरूकता अभियान।
ख. व्यक्तिगत श्रेणी
·
एक
पेशेवर द्वारा हासिल उत्कृष्ट
व्यक्तिगत उपलब्धि।
·
एक
गैर पेशेवर द्वारा
हासिल उत्कृष्ट व्यक्तिगत
उपलब्धि
·
नशे
की लत से
मुक्ति पा चुके
व्यक्ति की इस
दिशा में उत्कृष्ट
सेवा।
इन
सभी श्रेणियों में
राष्ट्रीय पुरस्कार की योजना
वास्तव में नशे
से निपटने में
सरकार की प्रतिबद्धता
को व्यक्त करती
है।
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