सोमवार, 17 फ़रवरी 2014

अंतरिम बजट 2014-15

केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने लोकसभा में शोर-शराबे के बीच सोमवार को वित्त वर्ष 2014-15 के लिए अंतरिम बजट पेश किया। बजट के मुख्य अंश इस प्रकार है।


अंतरिम बजट 2014-15 में योजना व्यय 5,55,322 करोड़ रूपए तथा गैर-योजना व्यय 12,07,892 करोड़ रूपए होने का अनुमान-

केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री पी.चिदंबरम ने आज लोकसभा में वर्ष 2014-15 का केन्द्रीय अंतरिम बजट प्रस्तुत किया जो 5,55,322 करोड़ रूपए के योजना व्यय और 12,07,892 करोड़ रूपए के अनुमानित गैर-योजना व्यय को दर्शाता है। उन्होंने सदन को बताया कि चालू वित् वर्ष में 4.6 प्रतिशत का वित्तीय घाटा और 3.3 प्रतिशत राजस् घाटा होने से स्थिति संतोषजनक रहेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 में वित्तीय घाटा और राजस् घाटा क्रमश: 4.1 प्रतिशत और 3 प्रतिशत रहेंगे।

निर्यात वर्ष 2013-14 के दौरान निर्यात में 6.3 प्रतिशत वृद्धि-

केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री पी.चिदंबरम ने आज लोकसभा में वर्ष 2014-15 का केन्द्रीय अंतरिम बजट प्रस्तुत करते हुए बताया कि चालू वित्तीय वर्ष के दौरान पण् निर्यात में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर हुई है। उन्होंने जानकारी दी कि यद्यपि 2013-14 में निराशाजनक शुरूआत हुई थी लेकिन वर्ष के अंत तक पण् निर्यात 326 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है। भारत से निर्यात में तेजी से वृद्धि हुई है, जबकि वैश्विक व्यापार 2011 में 6.1 प्रतिशत था। 2013 में घटकर 2.7 प्रतिशत हो गया। 2012-13 में भारत का पण् निर्यात 300.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंचा और इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 1.8 प्रतिशत नकारात्मक वृद्धि दर्ज हुई। लेकिन चालू वर्ष में इसके बढ़कर 6.3 प्रतिशत होने की संभावना है। वित् मंत्री ने स्वीकार किया कि 2013-14 के दौरान रूपए पर बहुत दबाव बढ़ा। लेकिन सरकार भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी ने पूंजी प्रवाह में मदद करने और विदेशी विनिमय बाजार स्थिर रखने के लिए अनेक कदम उठाए। उभरती हुई आर्थिक मुद्राओं में रूपया सबसे कम प्रभावित हुआ।

खाद्य, उर्वरक और ईंधन सब्सिडी-

केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री पी.चिदंबरम ने आज लोकसभा में वर्ष 2014-15 का केन्द्रीय अंतरिम बजट प्रस्तुत करते हुए बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष के लिए खाद्य, उर्वरक और ईंधन, सब्सिडी 2013-14 के संशोधित अनुमानों से थोड़ी सी अधिक है। उन्होंने यह जानकारी दी कि ईंधन सब्सिडी के लिए 65 हजार करोड़ रूपए उपलब् कराए गए हैं। पूरे देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू करने के लिए यूपीए सरकार की पूर्ण प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए खाद्य सुरक्षा के लिए 115,000 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं।

रक्षा आवंटन 10 प्रतिशत बढ़ाया गया-

केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री पी.चिदंबरम ने आज लोकसभा में वर्ष 2014-15 का केन्द्रीय अंतरिम बजट प्रस्तुत करते हुए बताया कि रक्षा आवंटन में 10 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की गई है। उन्होंने जानकारी दी कि 224,000 करोड़ रूपए सुरक्षा के लिए आवंटित किए गए हैं जबकि पिछले बजट में यह राशि 203,672 करोड़ रूपए थी।

केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों का आधुनिकीकरण-
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री पी.चिदंबरम ने आज लोकसभा में वर्ष 2014-15 का केन्द्रीय अंतरिम बजट प्रस्तुत करते हुए सदन को बताया कि केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की क्षमता बढ़ाने के लिए 11,000 करोड़ रूपये से अधिक की लागत से आधुनिकीकरण योजना की घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि इस उद्देश्य के लिए चालू वित्त वर्ष और अगले वर्ष के लिए धन उपलब्ध कराया गया है। इस धन का उपयोग केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को अत्याधुनिक उपकरण और प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा।

पूर्वोत्तर राज्यों, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए 1,200 करोड़ रुपये की अतिरिक् हायता-

केन्द्रीय वित् मंत्री श्री पी. चिदंबरम ने अपने अंतरिम बजट भाषण के दौरान सदन को जानकारी देते हुए बताया कि पूर्वोत्तर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड पर विशेष ध्यान दिया गया है। श्री चिदंबरम ने वर्तमान वर्ष में आबंटित की गई निधियों के अलावा इस वर्ष की समाप्ति से पूर्व इन राज्यों को 1,200 करोड़ रुपये की अतिरिक् केन्द्रीय सहायता राशि जारी करने का प्रस्ताव किया।

शिक्षा ऋण प्राप्तकर्ताओं को बड़ी राहत, 9 लाख विद्यार्थी होंगे लाभान्वित-

केन्द्रीय वित् मंत्री श्री पी. चिदंबरम ने 31 मार्च, 2009 से पहले लिए गये और 31 दिसम्बर, 2013 तक के सभी बकाया शिक्षा ऋणों के लिए ऋण स्थगन अवधि की घोषणा की है। सरकार 31 दिसम्बर, 2013 की स्थिति के अनुसार बकाया ब्याज की देनदारियों को चुकता करेगी लेकिन उधारकर्ता को 1 जनवरी, 2014 के बाद की अवधि के लिए ब्याज चुकाना होगा। उन्होंने बताया है कि इससे करीब 9 लाख उधारकर्ता विद्यार्थियों को लगभग 2600 करोड़ की राशि का लाभ होगा। आज लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करते हुए केन्द्रीय वित् मंत्री श्री पी. चिदंबरम ने कहा कि इसके लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2600 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी और यह धनराशि केनरा बैंक में हस्तांतरित की जाएगी। वित् मंत्री श्री पी. चिदंबरम ने कहा कि शिक्षा ऋणों की संदर्भ में ब्याज सब्सिडी की केन्द्रीय योजना वर्ष 2009-10 में प्रारंभ की गई थी। उन्होंने कहा कि जिन विद्यार्थियों ने 31 मार्च, 2009 से पूर्व ऋण लिया था, वे भी कुछ राहत के पात्र हैं। श्री चिदंबरम ने जानकारी दी कि दस वर्ष पहले तक कुछ हजार विद्यार्थी ही ऋण प्राप् कर पाते थे। दिसम्बर 2013 की समाप्ति पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 25,70,254 खाते, विद्यार्थियों के ऋण के थे और ऋणों की बकाया राशि 57,700 करोड़ रुपये थी।

वर्ष 2014-15 से रक्षा बलों के लिए एक रैंक एक पेंशन-


सरकार ने रक्षा बलों के लिए एक रैंक एक पेंशन योजना को कार्यान्वित करने के लिए वर्तमान वित् वर्ष में रक्षा पेंशन खाते के लिए 500 करोड़ रुपये का आबंटन किया है। अंतरिम बजट भाषण के दौरान आज संसद में इसकी घोषणा करते हुए वित् मंत्री श्री पी. चिदंबरम ने कहा कि यह निर्णय वित् वर्ष 2014-15 से भविष्यलक्षी प्रभाव से कार्यान्वित किया जाएगा। वित् मंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रत्येक रैंक से सेवानिवृत् होने वाले व्यक्तियों की पेंशन में अंतर को समाप् करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि रक्षा सेवाओं में एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) की मांग लम्बे समय से थी और यह एक भावनात्मक मुद्दा भी रहा है।

निर्भया निधि के लिए 1000 करोड़ रूपए आवंटित-

केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री पी.चिदंबरम ने आज लोकसभा में वर्ष 2014-15 का केन्द्रीय अंतरिम बजट प्रस्तुत करते हुए पिछले वर्ष बालिकाओं के लिए किए गए वायदों को पूरा करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। वर्ष 2014-15 के दौरान निर्भया निधि के अधीन 1000 करोड़ रूपए की राशि आवंटित की गई है। उन्होंने सदन को सूचित किया कि यह स्थाई निधि होगी और उन्होंने 1000 करोड़ रूपए का अनुदान देने की घोषणा की। इस बारे में अधिक प्रस्तावों में योगदान देने के लिए उन्होंने अगले वर्ष 1000 करोड़ रूपए की राशि अलग से देने का प्रस्ताव भी किया।


वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान कृषि की सकल घरेलू उत्पाद विकास 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान, अनाज उत्पादन 263 मिलियन टन होने की उम्मीद-

वित्त मंत्री श्री पी चिदम्बरम ने आज लोकसभा में वर्ष 2014-15 के लिए अन्तरिम बजट पेश करते हुए कृषि क्षेत्र के प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष देश में अब 263 मिलियन टन अनाज का उत्पादन हो रहा है जो 2012-13 के 255.36 मिलियन टन से बहुत अधिक है। वित्तमंत्री ने कहा कि गन्ने, कपास, दलहन, तिलहन और गुणवत्तापूर्ण बीजों का उत्पादन भी नये रिकार्ड तक पहुंचने की उम्मीद है।

श्री चिदम्बरम ने कहा कि कृषि का सकल घरेलू उत्पाद विकास 2004-09 की अवधि के दौरान 3.1 प्रतिशत रहा। इसके बाद यूपीए-2 के पहले चार वर्षों के दौरान 4.0 प्रतिशत हो गया। वर्तमान वर्ष में कृषि के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 4.6 प्रतिशत पहुंचने की उम्मीद है। वित्तमंत्री ने सदन को बताया कि 2013-14 में कृषि निर्यात 45 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक होन की उम्मीद है जो 2012-13 में 41 बिलियन अमरीकी डॉलर था।

वित्तमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय विनिर्माण नीति ने यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण का हिस्सा बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया जाए तथा एक दशक में 10 करोड़ रोजगार सृजित किये जाएं।

वित्तमंत्री ने कहा कि इस्पात, सीमेन्ट परिशोधन विद्युत एवं इलेक्ट्रानिक्स जैसे मुख्य विनिर्माण उद्योगों में अतिरिक्त क्षमताएं संस्थापित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु तथा मझोले उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए भी अनेक उपाय किए गए हैं।


विनिर्माण क्षेत्र को राहत, कार तथा स्कूटर सस्ते होंगे,मोबाईल हैंडसेटों पर उत्पाद शुल् में फेरबदल-


केन्द्रीय वित् मंत्री श्री पी. चिदम्बरम ने अप्रत्यक्ष करों की दरों में परिवर्तन की घोषणा की है। आज संसद में 2014-14 का अंतरिम बजट पेश करते हुए वित् मंत्री ने कहा कि वह परिपाटियों को ध्यान में रखते हुए कर कानूनों में परिवर्तन की घोषणा नहीं कर रहे हैं, लेकिन वर्तमान आर्थिक स्थिति, कुछ आवश्यक हस्तक्षेप की मांग करती है, जिनके लिए नियमित बजट तक नहीं रूका जा सकता है। विशेषकर विनिर्माण क्षेत्र को तत्काल प्रोत्साहन देने की जरूरत है। श्री चिदम्बरम ने कुछ अप्रत्यक्ष करों में परिवर्तन का निम्नलिखित प्रस्ताव किया।

पूंजीगत वस्तुओं और उपभोक्ता वस्तुओं में वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए 30-06-2014 तक की अवधि के लिए केन्द्रीय उत्पाद शुल् टैरिफ अधिनियम की अनुसूचि के अध्याय 84 और अध्याय 85 के तहत आने वाली सभी वस्तुओं पर उत्पाद शुल् 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इन दरों की समीक्षा नियमित बजट पेश करते समय की जायेगी।
एसयूवी ............................................. 30 प्रतिशत से 24 प्रतिशत
बड़ी तथा मझौली कारें...................... 27/24 प्रतिशत से 24/20 प्रतिशत
चिदम्बरम ने चेसिस तथा ट्रेलरों पर उत्पाद शुल् में भी कटौती का प्रस्ताव किया है।
मोबाईल हैंडसेटों के घरेलू उत्पाद को प्रोत्साहित करने तथा आयात पर निर्भरता कम करने के लिए वित् मंत्री ने सभी श्रेणियों की मोबाईल हैंडसेटों के लिए उत्पाद शुल् की नई दरों का प्रस्ताव किया है। ये दरें सेनवेट क्रेडिट के साथ 6 प्रतिशत और बिना सेनवेट क्रेडिट के एक प्रतिशत होगी।
साबुनों और रंगीन रसायनों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए वित् मंत्री ने गैर-खाद्य ग्रेड के औद्योगिक तेलों तथा वसिय अल्कोहलों पर सीमा-शुल् ढांचे को युक्ति संगत बनाकर 7.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है।
निर्दिष् सड़क निर्माण मशीनरी के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वित् मंत्री ने ऐसी आयातीत मशीनों पर लगने वाली सीवीडी से छूट समाप् करने का प्रस्ताव किया है।
करेंसी नोटों के मुद्रण के लिए प्रतिभूति कागज के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वित् मंत्री ने बैंक नोट पेपर मिल इंडिया प्राईवेट लिमिटेड द्वारा आयातीत पूंजीगत माल पर 5 प्रतिशत रियायती सीमा शुल् का प्रस्ताव किया है।

चुनौतियों से निपटना मुख्य लक्ष्य-

वित्त मंत्री श्री पी चिदम्बरम ने आज लोकसभा में वर्ष 2014-15 के लिए अन्तरिम बजट पेश करते हुए कहा कि दुनिया की अन्य उभरती हुईं अर्थव्यवस्थाओं की तरह 2012 और 2013 भारत के लिए भी संकट के वर्ष रहे हैं। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री के पद पर वापस आते ही उनका मुख्य लक्ष्य राजकोषीय समेकन, मूल्य स्थिरता, अनाज में आत्मनिर्भरता, आर्थिक वृद्धि को फिर से पटरी पर लाना, विनिर्माण को प्रोत्साहन देना, निर्यात में वृद्धि और परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाना था। वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार पेट्रोलियम, विद्युत, कोयला, राजमार्ग और कपड़े जैसे तनावगस्त क्षेत्रों के लिए सम्यक और व्यावहारिक समाधान तलाशना चाहती है।

यूपीए सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए 10 उपाय किए-

वित्त मंत्री श्री पी चिदम्बरम ने आज लोकसभा में वर्ष 2014-15 के लिए अन्तरिम बजट पेश करते हुए कहा कि भारत 2043 तक अमरीका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था मे तेजी लाने के लिए राजकोषीय सुदृढ़िकरण, चालू खाता घाटा, मूल्य स्थिरता और विकास, वित्तीय क्षेत्र में सुधार, अवसंरचना विनिर्माण, सब्सिडी, शहरीकरण, कौशलविकास और राज्यों एवं केंद्र के बीच जिम्मदारी वहन करने जैसे 10 कार्यों की पहचान की है और इन्हे पूरा करने के लिए समुचित कदम उठाए हैं।

सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों द्वारा पूंजी व्यय में नया रिकार्ड हासिल-

वित्त मंत्री श्री पी चिदम्बरम ने आज लोकसभा में वर्ष 2014-15 के लिए अन्तरिम बजट पेश करते हुए कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाएं 66 कार्यक्रमों के रूप में पुनः बनायी गयी हैं तथा राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को दी जाने वाली सहायता बजट अनुमान 2013-14 में आवंटित 1,36,254 करोड़ रुपये से काफी बढ़कर 2014-15 में 3,38,562 करोड़ रुपये हो जाएगी।श्री चिदम्बरम ने सदन को बताया कि 2013-14 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में पूंजी व्यय 2,57,641 करोड़ रुपये का नया रिकार्ड हासिल करेगा। 2013-14 के लिए रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए वित्तमंत्री ने वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान सरकार की विभिन्न आर्थिक पहल की जानकारी दी।

लगभग 50,000 मेगावाट तापीय एवं पन विद्युत क्षमता का निर्माण कार्य चल रहा है। 78,000 मेगावाट विद्युत उत्पादन के लिए कोयला आपूर्ति का आश्वासन दिया गया।
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति को उदार बनाया गया।
दो सेमी-कंडक्टर वैफर फैब यूनिटों को स्थापित करने का अनुमोदन।
4,999 करोड़ रुपये के परिव्यय से, डाक विभाग की सूचना प्रौद्योगिकी आधुनिकीकरण परियोजना।
कुडनकुलम परमाणु विद्युत संयंत्र यूनिट 1 ने महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। यह 180 मिलियन यूनिट विद्युत आपूर्ति कर रहा है।
कलपक्कम स्थित 500 मेगावाट प्रोटोटाइप फास्ट ब्रिडर रिएक्टर पूरा होने वाला है।


सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी लगाने के लिए 11,200 करोड़ रूपयों का प्रावधान-

अंतरिम बजट 2014-15 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी निवेश के लिए 11,200 करोड़ रूपये आबंटित किए गए हैं। आज संसद में अंतरिम बजट पेश करते हुए वित् मंत्री पी. चिदम्बरम ने यह घोषणा की। वित् मंत्री ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अब तक 5207 शाखाएं खोली हैं तथा बैंक प्रत्येक शाखा में एटीएम लगाने के लक्ष् के निकट हैं। श्री चिदम्बरम ने कहा कि बैंकों ने आश्वासन दिया है कि वे अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ अनुपादक परिसम्पत्ति को नियंत्रित करने, अधिक ऋण वसूली तथा बेहतर तुलन-पत्र बनाने में सफल होंगे।


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