केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज ऊर्जा
मंत्रालय की ऊर्जा प्रणाली विकास निधि को चालू करने और केन्द्रीय विद्युत नियामक
आयोग ऊर्जा प्रणाली विकास निधि में दी गई प्रक्रियाओं के आधार पर निधियों को इस्तेमाल
करने के संबंध में योजना बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।ऊर्जा प्रणाली विकास
निधि को निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा:-
- रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण आवश्यक पारेषण प्रणाली तैयार करना, जो लोड डिस्पैच केन्द्रों की रिपोर्ट पर आधारित होगी। इससे अंतर्राज्यीय पारेषण प्रणालियों से संकुलन कम करने में मदद मिलेगी।
- ग्रिड में वोल्टेज में सुधार के लिए शंट कैपिसेटर, कंपनसेटर और अन्य ऊर्जा जेनरेटरों को लगाया जाएगा।
- पायलट परियोजनाओं और विशेष सुरक्षा एवं मानक योजनाओं को चलाया जाएगा।
- संकुलन कम करने के लिए पारेषण और वितरण प्रणालियों को दुरुस्त किया जाएगा और उन्हें उन्नत बनाया जाएगा।
- तकनीकी अध्ययन और क्षमता निर्माण सहित उपरोक्त लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए अन्य योजना/परियोजना तैयार की जाएगी।
ऊर्जा प्रणाली विकास निधि तीन महीनों
के अंदर चालू हो जाएगी।
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