बुधवार, 25 दिसंबर 2013

2013 के दौरान खेल-कूद विभाग की पहल और उपलब्धियां

बड़े खेल-कूद आयोजनों के काम की प्रगति पर नजर रखने और उनमें तालमेल लाने की संचालन समिति गठित :
 बड़े खेल-कूद आयोजनों से संबंधित काम की प्रगति पर नजर रखने और उनमें तालमेल के लिए 2020 तक ओलंपिक समिति और संचालन समिति गठित कर दी गई है, जिसके अध्‍यक्ष खेल-कूद सचिव हैं और जिसमें महानिदेशक खेल-कूद प्राधिकरण, संयुक्‍त सचिव (खेल-कूद), संयुक्‍त सचिव (विकास), संबंद्ध खेल-कूद के सरकारी प्रेक्षक, संबंद्ध राष्‍ट्रीय खेल-कूद परिसंघ के प्रतिनिधि, भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन के प्रतिनिधि, संबंद्ध खेल-कूद के चीफ कोच और कार्यपाल निदेशक (टीम्‍स), भारत के खेल-कूद प्राधिकरण शामिल हैं। इस समिति के कार्य नियमित रूप से संभावित खेल-कूद भागीदारों, उनके कामकाज की समीक्षा नियमित रूप से करना और जिन लोगों को रखा गया है/निकाला गया है/शामिल किया गया है उनकी जरूरतों के बारे में फैसले करना है।

शहरी खेल-कूद बुनियादी सुविधा स्‍कीम के अंतर्गत 13 खेल-कूद बुनियादी सुविधा परियोजनाओं का अनुमोदन :
इस मंत्रालय ने वर्ष के दौरान मंत्रालय की शहरी खेल-कूद बुनियादी सुविधा योजना के अंतर्गत 13 खेल-कूद बुनियादी सुविधा परियोजनाओं को अनुमोदित किया।

2020 के ओलंपिक्‍स में कुश्‍ती को शामिल करना :
ब्‍यूनस आयर्स में अपने 125वें अधिवेशन के दौरान अंतर्राष्‍ट्रीय ओलंपिक समिति ने 08 सितम्‍बर, 2013 को 2020 के ओलंपिक खेलों में कुश्‍ती को शामिल करने का फैसला किया। यह खेल-कूद के विकास के लिए अतिरिक्‍त 25 करोड़ रूपये की मंजूरी के अतिरिक्‍त था। कुश्‍ती, स्‍क्‍वैश और बेसबॉल/सॉफ्टबॉल भी 2020 के ओलंपिक खेलों में अतिरिक्‍त रूप में शामिल करने का भी फैसला किया गया। इससे पहले एक्जिक्यूटिव बोर्ड (ईबी) ने आईओसी ने 12 फरवरी, 2013 को अपनी बैठक में सिफारिश की थी कि कुश्‍ती को 2020 ओलंपिक्‍स में मुख्‍य खेल-कूद प्रतियोगिताओं में न शामिल किया जाए। युवा मामलों और खेल-कूद मंत्रालय ने आईओसी के सामने अन्‍य देशों के साथ मिलकर यह मसला उठाया, जिसके बाद यह सुनिश्चित किया गया कि ओलंपिक खेलों में कुश्‍ती को शामिल किया जाए।

खेल-कूद में मानव संसाधन विकास की शुरुआत :
युवा मामलों और खेल-कूद मंत्रालय ने प्रतिभा तलाश और प्रशिक्षण की स्‍कीम संशोधित कर दी है और अब इसका नाम ''खेल-कूद में मानव संसाधन विकास स्‍कीम'' रखा गया है। संशोधित स्‍कीम के अंतर्गत सरकार मानव संसाधन में खेल-कूद विज्ञान और खेल-कूद औषधियों के विकास पर ध्‍यान देना चाहती है, ताकि देश में खेल-कूद और खेलों का समुचित विकास हो सके। इससे इन क्षेत्रों में भी देश स्‍वावलंबी होगा और देश में खेल-कूद का विकास हो सकेगा। इससे प्रस्‍तावित खेल-कूद विज्ञान और औषधियों के राष्‍ट्रीय संस्‍थान की जरूरतें खासतौर से पूरी हो सकेंगी। खेल-कूद विज्ञान/खेल-कूद औषधियों में उन्‍नत अध्‍ययन के लिए दो डाक्‍टरों के पद सृजित करने को पहले ही अनुमोदित किया जा चुका है।

2017 में 17 वर्ष  तक के खिलाड़ियों के फुटबॉल विश्‍वकप टूर्नामेंट के लिए सरकारी अनुमोदन :
13 जून, 2013 को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में अखिल भारतीय 2017 में फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) द्वारा 'फेडरेशन इं‍टरनेशनल फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) 17 वर्ष तक के खिलाड़ियों के फुटबॉल विश्‍वकप टूर्नामेंट' को आयोजित करने के प्रस्‍ताव को भारत सरकार ने अनुमोदित किया है। फीफा अंडर-17 विश्‍वकप 2017 में भारत में आयोजित किया जाएगा। फीफा ने यह दायित्‍व भारत को प्रदान किया। फीफा अंडर-17 विश्‍वकप भारत में पहली बार होने वाला गौरवपूर्ण आयोजन है। एआईएफएफ ने पांच राज्‍यों-‍दिल्‍ली, पश्चिम बंगाल, महाराष्‍ट्र, कर्नाटक तथा असम, गोवा और केरल में से किसी एक राज्‍य में मैच आयोजित किए जाने का प्रस्‍ताव रखा है। अंडर-17 विश्‍वकप के इस आयोजन से देश में युवाओं को खेलों में अधिक से अधिक भागीदारी करने और विशेषकर फुटबॉल जैसे खेल के विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह आयोजन विशेषकर 17 वर्ष तक के खिलाड़ियों के लिए खेल तकनीक, प्रशिक्षण, कोचिंग और प्रतिस्‍पर्धा की दृष्टि से महत्‍वपूर्ण होगा और इस प्रकार भारत में फुटबॉल के भविष्‍य के लिए भी बेहतर होगा।

मानक संचालक प्रक्रिया (एसओपी) के माध्‍यम से उन विशेष परिस्थितियों (महिला हार्इपरएंड्रोगेनिज्‍म) की पहचान करना जिनके कारण महिला श्रेणी में कोई खिलाड़ी भागीदारी के लिए पात्र नहीं है :
प्रेस में ऐसी महिला खिलाड़ियों के बारे में रिपोर्ट प्रकाशित हुई हैं जिनमें पुरूष लिंग की शारीरिक विशेषताएं हैं। इस प्रकार के मामले में ऐसे खिलाड़ियों को अपने लिंग को लेकर सार्वजनिक चर्चा और अपमान की परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। इस प्रकार के विवादास्‍पद मामलों से बचने के लिए मंत्रालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (एम्‍स) से ऐसे परीक्षण तथा प्रक्रियाएं सुझाने का निवेदन किया है जिससे ऐसे खिलाड़ियों के लिंग के बारे में जानकारी प्राप्‍त की जा सके। इसे ध्‍यान में रखते हुए एम्‍स के चिकित्‍सा बोर्ड की सिफारिशों तथा महिला हार्इपरएंड्रोगेनिज्‍म अंतर्राष्‍ट्रीय ओलम्पिक समिति के नियमों के अनुसार खेल विभाग ने 19 मार्च, 2013 को मानक संचालक प्रक्रिया(एसओपी) का गठन किया है, ताकि उन विशेष परिस्थितियों (महिला हार्इपरएंड्रोगेनिज्‍म) की पहचान की जा सके जिनके चलते कोई विशेष खिलाड़ी महिला श्रेणी की प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा लेने के लिए अर्हता हासिल न कर सके।

खेलों में सहयोग के लिए भारत और हंगरी के बीच समझौता :
हंगरी के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान 17 अक्टूबर 2013 को भारत और हंगरी के बीच खेलों में सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते में ओलंपिक समितियों, खेल महासंघों, विश्वविद्यालयों, खेलों से जुड़े वैज्ञानिक संस्थानों, दोनों देशों के बीच खेल से जुड़े ढांचे की स्थापना, प्रबंधन एवं खेल सुविधाओं के प्रशासन के लिए अनुभव तथा जानकारी का आदान-प्रदान करना शामिल है।

राष्ट्रीय खेल विकास मसौदा विधेयक 2013 :
सेवानिवृत्त न्यायाधीश मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक 2013 का मसौदा तैयार करने के लिए 21 मार्च 2013 को एक कार्यकारी समूह का गठन किया गया, इस समूह से मौजूदा मसौदा विधेयक की खेल शासन एवं कानूनी पहलू से समीक्षा करने को कहा गया है।

इसके अलावा इसे और अधिक कारगर बनाने, विधेयक के तहत मसौदा के आदर्श नियमों को बनाने की सिफारिश करना, अलग खेल निकायों जैसे खेल चुनाव आयोग, विवाद निपटारा प्राधिकरण एवं नीति समिति के गठन, उनकी शक्तियों, कार्यों, गठन, वित्त प्रावधानों की संभावनाओं का पता लगाना, निर्वाचक मंडल की तैयारी, राज्य/जिला निकायों की शक्तियों को कम करने संबंधी सिफारिशें देना जैसा मुद्दे शामिल थे।

इस समूह ने राष्ट्रीय खेल विकास मसौदा विधेयक-2013 को 10 जुलाई 2013 को सौंप दिया। इस पर आम जनता तथा इससे जुड़े लोगों की प्रतिक्रिया जानने, सलाह देने के लिए इसे 31 जुलाई 2013 तक इसे वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया गया। कार्यकारी समूह ने इस पर मिली प्रतिक्रिया के बाद संशोधित राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक 2013 को अंतिम रूप से सौंप दिया। इस मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।

खेलों में धोखाधड़ी की रोकथाम संबंधी विधेयक-2013 :
देश में खेलों की गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा उन्हें साफ-सुथरा रखने के मद्देनजर खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय ने विधि मंत्रालय के साथ मंत्रणा के बाद एक विशेष "खेलों में धोखाधड़ी विधेयक-2013" का मसौदा तैयार किया। मंत्रालय ने इस पर आम लोगों तथा इससे जुड़े व्यक्तियों के सुझावों/प्रतिक्रियाओं को तीन दिसंबर तक जानने के लिए इसे अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया। इस पर मिले सुझावों पर विचार किया गया है और मंत्रालय इस पर विचार के लिए जल्दी ही इसे मंत्रिमंडल के पास भेजेगा।

राष्ट्रीय खेल महासंघों के पदाधिकारियों की आयु तथा उनका कार्यकाल निश्चित करना :
देश के सभी 53 राष्ट्रीय खेल महासंघों ने राष्ट्रीय खेल विकास कोड 2011 के नियमों के अनुरूप अपने संघों के संविधान में पदाधिकारियों की आयु एवं उनके कार्यकाल की शर्तों के संबंध में संशोधन किए जाने के लिखित आश्वासन दिए। इनमें से 45 ने आयु एवं कार्यकाल संबंधी प्रतिबंधों को शासित करने के लिए अपने संविधान में पहले ही संशोधन कर लिए हैं।
खेल विभाग एवं एड्स नियंत्रण विभाग के बीच आपसी सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर :
खेल विभाग एवं एड्स नियंत्रण विभाग ने 29 नवंबर को एक आपसी सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसका मकसद गांवों, जिलों तथा राज्य स्तर पर खेलों में सक्रिय युवाओं को एड्स तथा विभिन्न यौन जनित रोगों के संबंध में आम लोगों को जानकारी प्रदान करना, खेल शिक्षा क्षेत्र में क्षमता निर्माण करना, खेल क्षेत्र में एड्स संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए खेल प्रशिक्षकों, प्रशासकों और कोचों को जानकारी देने के लिए प्रेरित करना, एचआईवी एड्स की रोकथाम संबंधी गतिविधियों में खेल संघों तथा युवा संगठनों को शामिल करना, राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय घटनाओं तथा टूर्नामेंटों के दौरान एवं महत्वपूर्ण स्थान पर होर्डिंग तथा बैनर के जरिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने तथा एड्स/एचआईवी के साथ जुड़े मिथकों एवं भेदभाव संबंधी सामाजिक मुद्दों पर प्रख्यात खेल हस्तियों को शामिल करना है।


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