केंद्रीय
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री आनंद शर्मा ने आज विनिर्माण उद्योग प्रोत्साहन
बोर्ड के पहले सम्मेलन को संबोधित किया तथा यहां राष्ट्रीय विनिर्माण नीति
(एनएमपी) को लागू करने का आह्वान किया साथ ही कुछ राज्यों द्वारा राष्ट्रीय
विनिवेश तथा विनिर्माण क्षेत्र (एनएमआईज़ेड) के लिए भूमि अधिग्रहण के प्रयासों के
प्रति संतोष व्यक्त किया।
सम्मेलन
में इस बात का उल्लेख किया गया कि भूमंडलीय नवाचार तथा तकनीकी गठबंधन (जीआईटीए)
में एनएमपी के तहत विज्ञान एवं तकनीक विभाग ने तकनीक अधिग्रहण तथा विकास अनुदान के
लिए मंजूरी दे दी है। जीआईटीए पहले से ही कार्यान्वयन में है ऐसे में इससे तकनीक
अधिग्रहण एवं विकास अनुदान के शीघ्र कार्यान्वयन में सहायता मिलेगी।
श्री
शर्मा ने श्रम मंत्रालय से एक त्रिपक्षीय सम्मेलन के आयोजन के लिए आग्रहकिया ताकि
औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के भाग 25 एफएफएफ में
संशोधन के मामले पर कोई फैसला लिया जा सके। राजस्व विभाग को यह सुनिश्चित करने
के लिए कहा गया है कि एनएमपी में अनुमोदित पूंजी प्राप्ति कर से राहत संबंधी
विशेषाधिकार प्रत्यक्ष कर कूट (डीटीसी) विधेयक में शामिल होगा, जैसा
कि पहले इस विषय में संकेत दिया गया था।
सम्मेलन
में भारी उद्योग विभाग ने पूंजी उत्पादों पर प्रस्तुति दी। सम्मेलन में उद्योग
सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव, एमएसएमई,
सचिव,
विज्ञान
एवं तकनीक तथा पर्यावरण, भारी उद्योग तथा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक
एवं महाराष्ट्र राज्यों से वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
श्री
शर्मा ने सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए एमआईपीबी से देश में विनिर्माण के
क्षेत्र की स्थिति की समय समय पर समीक्षा करने के लिए कहा। इसमें राज्यों/
क्षेत्रों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन की समीक्षा शामिल है। बोर्ड
सामान्य रूप से राष्ट्रीय विनिर्माण नीति के कार्यान्वयन तथा विशेष रूप से
एनआईएमज़ेड के विकास की भी समीक्षा करेगा। बोर्ड की उच्च स्तरीय अंतर-मंत्रालयीय
प्रकृति के कारण केंद्रीय मंत्रालयों के बीच आपस में तथा राज्य सरकारों एवं
केंद्रीय मंत्रालयों के बीच विभिन्न मामलों पर संयोजन आसान होगा।
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