दक्षिण
पूर्व एशियाई क्षेत्र के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के तंबाकू नियंत्रण संरचना
समझौते (एफसीटीसी) को लागू करने संबंधी क्षेत्रीय बैठक सम्पन्न हो गई। यह बैठक 23
जुलाई से 26 जुलाई 2013 तक चार दिन
चली।
स्वास्थ्य
और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा यह बैठक विश्व स्वास्थ्य संगठन के एफसीटीसी
के सहयोग से आयोजित की गई। बैठक के लिए तकनीकी सहायता विश्व स्वास्थ्य संगठन
के देशीय कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई। इस बैठक के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार
थे – 1. डब्ल्यूएचओ, एफसीटीसी और क्षेत्र तथा अन्य देशों
में समझौते से संबंधित प्रमुख कार्यों के कार्यान्वयन की समीक्षा 2. उपलब्धियों
और चुनौतियों के कार्यान्वयन संबंधी अंतरदेशीय आदान-प्रदान के लिए सुविधाएं
जुटाना 3. समझौते, खासकर सम्बद्ध देशों के सम्मेलन द्वारा अपनाए
गए मार्ग निर्देशों के कार्यान्वयन के लिए उपलब्ध दस्तावेजों की समीक्षा 4.
डब्ल्यूएचओ
एफसीटीसी को लागू करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, स्रोत और
तौर-तरीके पर विचार करना 5. तंबाकू उत्पादों के अवैध व्यापार पर
रोक लगाने और उसके अनुमोदन को बढ़ावा देने के लिए स्वीकृत नए समझौते के प्रति
जागरूकता पैदा करना।
बैठक
में भाग लेने वालों में दक्षिण पूर्व एशिया के 10 देशों यथा भारत,
नेपाल,
भूटान,
बांगलादेश,
म्यांमा,
मालदीव,
इंडोनेशिया,
थाईलैंड,
तिमौर
लेस्ते और श्रीलंका, विश्व बैंक, विश्व सीमाशुल्क
संगठन (डब्ल्यू सी ओ), यूएनडीपी, संरचना सम्मेलन
संधि (एफसीए), 21 राज्यों के राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण
कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी, परामर्शदाता, एनटीसीपी और
तंबाकू नियंत्रण संबंधी सिविल सोसायटी के चुनिंदा संगठन शामिल हैं। एफसीटीसी
सचिवालय का प्रतिनिधित्व सम्मेलन सचिवालय के प्रमुख डॉक्टर हैक नोकीगोसियन ने
किया। इस बैठक में भाग लेने वाले भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व स्वास्थ्य और
परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री केशव देसीराजू ने किया। बैठक के दौरान डब्ल्यूएचओ
एफसीटीसी – उपलब्धियां और चुनौतियों के कार्यान्वयन
संबंधित मामलों और तंबाकू उत्पादों के अवैध व्यापार संबंधी समझौते और उसके
अनुमोदन आदि मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।
बैठक
के दौरान भारत सरकार के गुटके पर प्रतिबंध लगाने और तंबाकू-मुक्त फिल्मों संबंधी
नियमों के कार्यान्वयन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी
गई। हुक्के के प्रचलन वाले क्षेत्र के देश इस बारे में एक मत थे कि हुक्का स्वास्थ्य
के लिए हानिकारक है और वे इस बात पर सहमत हुए कि हुक्के के प्रयोग की रोकथाम के
लिए उचित वैधानिक, प्रशासनिक और नियामक उपाय किए जाएं।
बैठक
के अंतिम दिन वर्ष 2013 के लिए डब्ल्यूएचओ वर्ल्ड नो टोबेको डे
(डब्ल्यूएनटीडी) संबंधी पुरस्कार भी दिए गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन हर वर्ष
तंबाकू की रोकथाम की दिशा में असाधारण काम करने वाले व्यक्तियों/संगठनों को सम्मानित
करता है। वर्ष 2013 का पुरस्कार राजस्थान सरकार के चिकित्सा और
स्वास्थ्य सेवानिदेशालय से संबद्ध डब्ल्यूएचओ इंडिया ऑफिस, हेल्थ
ब्रिज की सुश्री शोभा जॉन और राजस्थान कैंसर फाउंडेशन के डॉक्टर राकेश गुप्ता
को प्रदान किए गए। डब्ल्यूएचओ के दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र का डब्ल्यूएनटीडी
2013 क्षेत्रीय निदेशक सराहना पुरस्कार बिहार सरकार के स्वास्थ्य
सचिव श्री संजय कुमार को, इंडिया कैंसर सोसायटी की सुश्री ज्योत्सना
गोविल, उपभोक्ता ऑनलाइन फाउंडेशन के श्री बिजॉन मिश्रा, बर्निंग
ब्रेन सोसायटी के श्री हेमंत गोस्वामी, केरल स्वयंसेवी स्वास्थ्य सेवाएं
और परामर्शदाता हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ0 श्रीनिवास रमाका को दिए गए।
आईएस 100
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