महिला एवं बाल विकास मंत्रालय स्तनपान सुरक्षा, प्रोत्साहन एवं समर्थन के महत्वपूर्ण पहलुओं की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए अगस्त के पहले सप्ताह में ‘स्तनपान समर्थन-ममत्व के समीप’ शीर्षक से विश्व स्तनपान सप्ताह मनाने जा रहा है।
मंत्रालय स्तनपान सप्ताह के दौरान स्तनपान के विषय में एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के जिला/राज्य अधिकारी, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान, बाल विकास परियोजना अधिकारियों तथा गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। आईसीडीएस के जि़ला/ब्लॉक स्तर के अधिकारियों के बीच मॉ तथा बच्चे के स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं के बारे में ब्लॉक आईसीडीएस तथा एनआरएचएम अधिकारी, चिकित्सा अधिकारियों, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, सहायक प्रसाविका, शिशु स्तनपान काउंसलर/ प्रशिक्षकों द्वारा जागरूकता फैलाई जाएगी। बच्चे के शुरूआती दो वर्ष उचित वृद्धि, विकास और उसके जीवन के लिए निर्णायक वर्ष होते हैं। इस शुरूआती विकास को सुनिश्चित करने के लिए शिशुओं और छोटे बच्चों को स्तनपान कराने की परम्परा को और मज़बूत करना अत्यन्त आवश्यक है। इस संबंध में ‘भारतीय स्तनपान प्रोत्साहन नेटवर्क (बीपीएनआई)’ ने छह राज्यों–आंध्र प्रदेश, असम, जम्मू एवं कश्मीर, पंजाब, कर्नाटक तथा उत्तर प्रदेश में स्तनपान को प्रोत्साहित करने की योजना बनायी है। योजना के तहत शिशुओं और छोटे बच्चों को स्तनपान से संबंधित राज्य वर्कशॉप/परामर्श/सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
इस सप्ताह के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्रों में भी विभिन्न गतिविधियां चलायी जाएंगी। इन गतिविधियों में स्तनपान पर समुदाय/परिवार जागरूकता माता मिलन (विशेष रूप् से गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए), स्तनपान पर परामर्श के साथ इस विषय में वृद्धि पर निगरानी, स्वास्थ्य बालक प्रदर्शन, श्रवण माध्यम और सामग्री से स्तनपान के विषय में जागरूकता फैलाना, आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्तनपान पर दीवार प्रदर्शनी, महिलाओं, माताओं, किशोरियों और बुजुर्ग महिलाओं के बीच प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता इत्यादि शामिल हैं।
मंत्रालय स्तनपान सप्ताह के दौरान स्तनपान के विषय में एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के जिला/राज्य अधिकारी, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान, बाल विकास परियोजना अधिकारियों तथा गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। आईसीडीएस के जि़ला/ब्लॉक स्तर के अधिकारियों के बीच मॉ तथा बच्चे के स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं के बारे में ब्लॉक आईसीडीएस तथा एनआरएचएम अधिकारी, चिकित्सा अधिकारियों, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, सहायक प्रसाविका, शिशु स्तनपान काउंसलर/ प्रशिक्षकों द्वारा जागरूकता फैलाई जाएगी। बच्चे के शुरूआती दो वर्ष उचित वृद्धि, विकास और उसके जीवन के लिए निर्णायक वर्ष होते हैं। इस शुरूआती विकास को सुनिश्चित करने के लिए शिशुओं और छोटे बच्चों को स्तनपान कराने की परम्परा को और मज़बूत करना अत्यन्त आवश्यक है। इस संबंध में ‘भारतीय स्तनपान प्रोत्साहन नेटवर्क (बीपीएनआई)’ ने छह राज्यों–आंध्र प्रदेश, असम, जम्मू एवं कश्मीर, पंजाब, कर्नाटक तथा उत्तर प्रदेश में स्तनपान को प्रोत्साहित करने की योजना बनायी है। योजना के तहत शिशुओं और छोटे बच्चों को स्तनपान से संबंधित राज्य वर्कशॉप/परामर्श/सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
इस सप्ताह के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्रों में भी विभिन्न गतिविधियां चलायी जाएंगी। इन गतिविधियों में स्तनपान पर समुदाय/परिवार जागरूकता माता मिलन (विशेष रूप् से गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए), स्तनपान पर परामर्श के साथ इस विषय में वृद्धि पर निगरानी, स्वास्थ्य बालक प्रदर्शन, श्रवण माध्यम और सामग्री से स्तनपान के विषय में जागरूकता फैलाना, आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्तनपान पर दीवार प्रदर्शनी, महिलाओं, माताओं, किशोरियों और बुजुर्ग महिलाओं के बीच प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता इत्यादि शामिल हैं।
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