बुधवार, 10 जुलाई 2013

एनएसएफडीसी – अनुसूचित जाति के लोगों के आर्थिक विकास में महत्‍वपूर्ण भूमिका

सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय अनुसूचित जातियों के विकास की अनेक योजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है। राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति वित्‍त और विकास निगम (एनएसएफडीसी) लक्षित समूह के आर्थिक विकास में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। यह निगम राष्‍ट्रीय स्‍तर पर सक्रिय है और अनुसूचित जाति के उद्यमियों को अपना कारोबार शुरू करने के लिए 30 हजार रूपये से 30 लाख रूपये तक की वित्‍तीय सहायता प्रदान करता है। (एनएसएफडीसी) कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए भी शत प्रतिशत अनुदान मुहैया करता है और छात्रों को उच्‍च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण भी उपलब्‍ध कराता है। इस निगम ने पिछले 24 वर्षों में 8.50 लाख से अधिक लाभार्थियों को 2500 करोड़ रूपये से अधिक के ऋण प्रदान कर‍के सहायता की है।

विश्‍व के तेजी से बदलते हुए परिदृश्‍य में कारोबार शुरू करने के लिए मात्र वित्‍तीय सहायता देकर लोगों का अधिकारिता नहीं किया जा सकता, उसके लिए विकास के सभी क्षेत्रों में कमजोर वर्गों का समायोजन भी होना चाहिए। स्‍व-रोजगार उद्यम शुरू करने या नौकरी प्राप्‍त  करने के लिए अच्‍छी शिक्षा का होना एक सर्वाधिक आवश्यकता है। आज के युवाओं को गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा प्राप्‍त करने और रोजगारोन्‍मुख कौशल प्राप्‍त करने के लिए आर्थिक सहायता की आवश्‍यकता होती है। सामाजिक न्‍याय और स‍शक्तिीकरण मंत्रालय लक्षित समूह को मैट्रिकोत्‍तर छात्रवृत्तियां और उच्‍चतर शिक्षा प्राप्‍त करने के लिए राष्‍ट्रीय पार-देशीय छात्रवृत्ति देकर सहायता करता है। वर्तमान परिस्थितियों में शिक्षा प्राप्‍त करना बड़ा खर्चीला हो गया है, खासकर यदि किसी युवक को अपने घर से दूर छात्रावासों (हॉस्‍टल) में रहकर अध्‍ययन करना हो। उसके लिए छात्रवृत्ति की राशि और वास्‍तविक खर्चें के बीच के अंतर को पूरा करने की आवश्यकता है एनएसएफडीसी इस आवश्‍यकता हो पूरा करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उसने शैक्षिक ऋण योजना इस प्रकार तैयार की है जिससे सभी खर्चों को पूरा किया जा सके और पाठ्यक्रमों के लिए भी धन की कमी न रहे। एनएसएफडीसी की शिक्षा ऋण योजना के जरिए विदेशी विश्‍वविद्यालयों से शिक्षा प्राप्‍त करना भी संभव है।

इसके अलावा, युवाओं के लिए व्‍यवसाय के अपने चुने हुए क्षेत्र में अच्‍छी तरह प्रशिक्षित होना बहुत जरूरी है। स्‍वरोजगार अथवा रोजगार के लिए कौशल विकास में व्‍यापक प्रशिक्षित होना जरूरी है। सरकार ने प्रशिक्षण देने के लिए देश में कई संस्‍थान खोले है। एनएसएफडीसी ने अपने इस प्रयास में कई प्रशिक्षण संस्‍थाओं के साथ भागीदारी की है और वह अनुसूचित जातियों के शिक्षित बेरोजगार युवाओें के लिए अल्‍पकालिक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है। ऐसे पाठ्यक्रमों के सभी खर्चें एनएसएफडीसी द्वारा वहन किये जा रहे हैं। एनएसएफडीसी ऐसे प्रशिक्षार्थियों को अन्‍य खर्चें पूरे करने के लिए 1500 रूपये प्रतिमाह वजीफा भी दे रहा है।
    
कारोबार की वर्तमान परिस्थितियों में स्‍व- रोजगार के लिए धन उपलब्‍ध कराने की योजनाओं को लागू करते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि एनएसएफडीसी से प्राप्‍त वित्‍तीय सहायता के साथ शुरू किये गए कारोबार के लिए अग्रगामी और पृष्‍ठगामी संयोजन भी उपलब्‍ध हों, ताकि लाभार्थी इन संयोजनों के जरिए भविष्‍य में अपने कारोबार को बढ़ा सके। कारोबार में निवेश की राशि इतनी अधिक होनी चाहिए कि उससे पर्याप्‍त आमदनी हो सके, ताकि लाभार्थी आर्थिक रूप से आत्‍मनिर्भर हो सके। आवश्‍यक राशि पूर्णता दी जानी चाहिए, ताकि लाभार्थियों को अपनी आवश्‍यकता पूरी करने के लिए अन्‍य स्रोतों की ओर ताक झांक न करनी पड़े। राज्‍य कार्यान्‍वयन एजेंसियों को भी लाभार्थियों को अपना कारेाबार सफलतापूर्वक चलाने में मार्गनिर्देश करना चाहिए और लम्‍बे समय तक लाभार्थी की सहायता जारी रखनी चाहिए। सभी क्षेत्रों में अनुसूचित जाति के ग्रामीण, शहरी और अर्द्ध-शहरी युवाओं के बीच की खाई को पाटने के भी प्रयास किये जाने चाहिए।


समय की आवश्‍यकता है कि अनुसूचित जाति के लोगों के आर्थिक विकास के विभिन्‍न कार्यक्रमों और योजनाओं की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए बेहतर दृष्टिकोण और तरीके अपनाये जाने चाहिए।  

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