शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2013

भारत आईसीएओ परिषद में दोबारा निर्वाचित

भारत को काउंसिल ऑफ इंटरनेशनल सिविल आर्गनाइजेशन (आईसीएओ) के लिए दोबारा चुन लिया गया है। उसका चयन अंतर्राष्‍ट्रीय सिविल एयर नेवीगेशन के लिए सुविधाओं का प्रावधान करने में सबसे अधिक योगदान देने के लिए किया गया है। मांट्रियल में 1 अक्‍तूबर को आईसीएओ की असेम्‍बली के 38वें अधिवेशन में इसके लिए चुनाव सम्‍पन्‍न हुआ। 36 सदस्‍यों की परिषद संगठन का शासी निकाय है और इसे तीन वर्ष के लिए चुना जाता है। चुनाव प्रक्रिया को तीन भागों में बांटा गया, जिसमें निम्‍नलिखित देशों को चुना गया:

भाग 1 –(हवाई परिवहन में प्रमुख महत्‍व वाले देश)- आस्‍ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, रुसी संघ, ब्रिटेन और अमरीका। सभी को दोबारा चुना गया है।

भाग 2- (ऐसे देश जो अंतर्राष्‍ट्रीय सिविल एयर नेवीगेशन के लिए सुविधाओं का प्रावधान करने में सबसे अधिक योगदान देते हैं)- अर्जेंटीना, मिस्र, भारत, मैक्सिको, नाइजीरिया, नॉर्वे, पुर्तगाल, सउदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्‍पेन और वेनेजुएला। केवल नॉर्वे, पुर्तगाल और वेनेजुएला को छोड़कर सभी अन्‍य को दोबारा चुना गया है।

भाग 3- (ऐसे देश जो भौगोलिक प्रतिनिधित्‍व सुनिश्चित करते हैं) बोलिविया, बर्किना फासो, कैमरुन, चिली, डोमिनिकन रिपब्लिक, केन्‍या, लीबिया, मलेशिया, निकारागुआ, पोलैंड, कोरिया गणराज्‍य, संयुक्‍त अरब अमीरात और तंजानिया संयुक्‍त गणराज्‍य। बोलिविया, चिली, डोमिनिकन रिपब्लिक, केन्‍या, लीबिया, निकारागुआ, पोलैंड और तंजानिया संयुक्‍त गणराज्‍य को पहली बार चुना गया है।

संयुक्‍त राष्‍ट्र की एक विशेष एजेंसी आर्इसीएसओ का गठन 1944 में विश्‍व में अंतर्राष्‍ट्रीय नागर विमानन के सुरक्षित और व्‍यवस्थित विकास को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। इसने विमानन सुरक्षा, कार्य क्षमता, क्षमता और पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्‍यक मानक स्‍थापित किए। यह संगठन 191 सदस्‍य देशों के बीच नागर विमानन के क्षेत्र में सहयोग का मंच है।


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