मंगलवार, 15 अक्तूबर 2013

प्रधानमंत्री की ब्रुनेई और इंडोनेशिया यात्रा

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ब्रुनेई और इंडोनेशिया यात्रा 12 अक्टूबर 2013 को सम्पन्न हुई. उनकी यह यात्रा आर्थिक संबंधों से आगे बढ़कर, भारत की लुक ईस्ट' नीति को विस्तार देने और एशिया प्रशांत क्षेत्र के विभिन्न देशों के साथ व्यापार संबंधों के विस्तार की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण रही.

प्रधानमंत्री आसियान शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने हेतु 9 से 10 अक्टूबर 2013 तक ब्रुनेई दारूस्सलाम में थे. ब्रुनेई के बाद प्रधानमंत्री इंडोनेशिया की अपनी पहली आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा के लिए 10 अक्टूबर 2013 को जकार्ता पहुंचे और 12 अक्टूबर 2014 को उनकी यात्रा सम्पन्न हुई.

यात्रा से संबंधित मुख्य तथ्य

डॉक्टर मनमोहन सिंह ने ब्रुनेई में आसियान और पूर्व एशिया शिखर वार्ता से इतर आसियान देशों की जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसी महाशक्तियों के प्रधानमंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें की.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के समूह आसियान के 10 सदस्य देशों के लिए पूर्णकालिक राजदूत के साथ अलग से एक दूतावास स्थापित करने की भी घोषणा की.

डॉक्टर मनमोहन सिंह ने यह भी कहा कि भारत द्वारा वर्ष 2015 तक आसियान व्यापार को 100 अरब डालर करने हेतु आसियान देशों द्वारा वर्ष 2013 के अंत तक सेवाओं और निवेशों पर एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने हैं.

प्रधानमंत्री आसियान शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने हेतु 9 से 10 अक्टूबर 2013 तक ब्रुनेई दारूस्सलाम में थे. पूर्वी एशिया सम्मेलन एशियाई देशों और उसके साझेदार देशों जैसे चीन, भारत, आस्ट्रेलिया जापान और अमेरिका शामिल हैं.

ब्रुनेई के बाद प्रधानमंत्री इंडोनेशिया की अपनी पहली आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा के लिए 10 अक्टूबर 2013 को जकार्ता पहुंचे.

डॉक्टर मनमोहन सिंह की इंडोनेशिया यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण, भ्रष्टाचार से निपटने, मादक पदार्थों पर नियंत्रण, आपदा प्रबंधन और प्रशासकों के प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों सहित छह सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए.

दोनों देश वाषिर्क सम्मेलन आयोजित कर अपनी रणनीतिक साझेदारी को विस्तारित करने पर सहमत हुए. दोनों देशों के बीच सहयोग के जिन क्षेत्रों की पहचान की गई है उनमें अंतरिक्ष, परमाणु उर्जा, खाद्य सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला, जेहादी ताकतों से सीमा पार खतरा शामिल हैं.


इंडोनेशिया में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा और मुख्य सतर्कता आयुक्त प्रदीप कुमार तथा अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल थे.

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