खुद को उभरती हुई आर्थिक शक्ति मानकर
गर्व करने वाले भारत के लिए यह खबर शर्मनाक है। दुनिया में भुखमरी के शिकार जितने
लोग हैं, उनमें से एक चौथाई लोग सिर्फ भारत रहते
हैं। भुखमरी के मामले में हमारे हालात पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे मुल्कों से भी
कहीं ज्यादा खराब हैं।
भुखमरी मापने वाले सूचकांक ग्लोबल हंगर
इंडेक्स ने 2011-2013 की अपनी रिपोर्ट में भारत को इस
मामले में 63वें स्थान पर रखा है। जबकि, श्रीलंका 43वें, पाकिस्तान 57वें, बांग्लादेश 58वें नंबर पर है। बता दें कि इस सूची में चीन छठे नंबर
पर है।
भारत को इंडेक्स ने 'अलार्मिंग कैटिगरी' में रखा है। आपको बता दें कि इस सूची
में भयानक गरीबी झेलने वाले इथोपिया, सूडान, कांगो, नाइजर, चाड और दूसरे अफ्रीकी देश शामिल हैं। हैरतअंगेज तथ्य यह है कि देश
में 5 साल से कम उम्र के 40 प्रतिशत बच्चे अब भी कुपोषित हैं।
सोमवार को जारी की गई GHI की रिपोर्ट के मुताबिक, 2011-13 में दुनिया में भूख से पीड़ित
लोगों की कुल संख्या 84 करोड़ 20 लाख है। इनमें से 21 करोड़ लोग यानी यानी एक
चौथाई के लगभग लोग अकेले भारत में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की हालत पहले से भले ही बेहतर हुई
हो लेकिन कई पड़ोसी मुल्कों से बदतर है। विकसित देशों की बात जाने भी दें तो
पाकिस्तान और बांग्लादेश से ज्यादा भुखमरी हमारे देश में है।
भारत में कुपोषित बच्चों का प्रतिशत
21% के मुकाबले घटकर 17.5% हो गया है। अंडरवेट बच्चों का प्रतिशत 43.5% से घटकर
40% रह गया है। इसी के साथ, 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 7.5% से घटकर 6% हो गई है।
कुला मिलाकर देखें तो पिछले साल भारत 67वें स्थान पर था और इस प्रकार तुलनात्मक
नजरिए से देखें तो फिलहाल बेहतर स्थिति है।
यह रिपोर्ट इंटरनैशनल फूड पॉलिसी
रिसर्च इंस्टिट्यूट (IFPRI) और
दो एनजीओ वेल्थ हंगर लाइफ और कंसर्न वर्ल्डवाइड ने मिलकर तैयार की है। रिपोर्ट के
लिए 120 विकासशील देशों पर स्टडी की गई। स्टडी के प्रमुख मापक यह रहे: देश की कुल
जनसंख्या में कुल कुपोषित लोगों का प्रतिशत, 5 साल से कम उम्र के कुल बच्चों में कुपोषित बच्चों का प्रतिशत और 5
साल से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु दर।
- अविनाश चंद्र
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