शुक्रवार, 6 सितंबर 2013

अनुसूचित जातियों के मैट्रिक पास छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना-सक्षम करने के लिए शिक्षा

शिक्षा वह गोंद है जो समाज को एकजुट रखने और इसकी मिसाल बनाने में अहम भूमिका अदा करता है। शिक्षा ने भारतीय समाज को नया आकार देने में ऐसी प्रभावी भूमिका कभी नहीं निभाई जैसा कि आज के जमाने में निभा रहा है। शिक्षा ने महान मुक्तिदाता की भूमिका बड़ी बेहतरी के साथ निभाई है। यह अब सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है। अनुसूचित जातियों के छात्रों में उच्च शिक्षा के प्रति बढ़ती भूख ने उन्हें समाज में बेहतरीन जगह दिलाई है, इससे उन्हें सामाजित गतिशीलता को नई दिशा में ले जाने की दृष्टि पैदा करने में भी मदद मिली है। जब तक शिक्षा अनुसूचित जातियों के घरों को रौशन नहीं करती है तबतक वे उन सामाजिक बाधाओं को कम या पूरी तरह खत्म करने में सफल नहीं हो सकते जिन्हें सामाजिक गतिशीलता की दिशा में रखा गया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अनुसूचित जातियों के छात्रों के शैक्षणिक विकास में बड़ी भूमिका अदा की।
सामाजिक भेद-भाव को मिटाने की दिशा में 1944 से ही काम कर रही अनुसूचित जातियों के मैट्रिक पास छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना अभी लगभग 50 लाख छात्रों को शिक्षा हासिल करने मदद कर रही है। यह राष्ट्रीय स्तर की योजना है जो देश भर में मैट्रिक के बाद शिक्षा हासिल करने में लगे अनुसूचित जातियों के छात्रों को वित्तीय मदद मुहैया करा रही है। यह योजना अनुसूचित जातियों के छात्रों को अपना शैक्षिक स्तर बढ़ाने में महत्‍वपूर्ण मदद कर रही है और इस तरह उन्‍हें समाज की मुख्यधार का हिस्‍सा बनाने में भी अहम भूमिका निभा रही है। इसके लिए राज्‍य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी प्रतिबद्ध जिम्‍मेदारियों को देखते हुए केंद्र सरकार सौ फीसदी मदद मुहैया करा रही है। पूर्वोत्‍तर राज्‍यों को प्रतिबद्ध जिम्‍मेदारियों से मुक्‍त रखा गया है।
सामाजिक न्‍याय और आधिकारिता मंत्रालय की इस महत्‍वपूर्ण योजना के तहत अनुसूचित जातियों से जुड़े छात्रों को मान्‍य संस्‍थानों से मैट्रिक के बाद या माध्‍यमिक शिक्षा के बाद के पाठ्यक्रमों के लिए छात्रवृत्तियां दी जाती हैं। इस योजना में मेंटेनेंस इंजीनियर्स पाठ्यक्रम, निजी पायलट लाइसेंस पाठ्यक्रम, मिलिट्री कॉलेज में प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों और राष्‍ट्रीय एवं राज्‍य स्‍तर पर परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्रों द्वारा चलाये जा रहे पाठ्यक्रमों को शामिल नहीं किया गया है। यहां यह बताना जरूरी है कि अनुसूचित जातियों के वे छात्र भी छात्रवृत्ति पाने के हकदार हैं, जो पत्राचार कार्यक्रमों के जरिए शिक्षा हासिल कर रहे हैं। उन छात्रों को भी मैट्रिक बाद अध्‍यापन के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी जिन्‍हें रोजगार मिल चुका है और जिनकी आय माता-पिता की वार्षिक आय के साथ मिलकर इस योजना के तहत लाभार्थी छात्र के लिए तय अधिकतम आय सीमा से अधिक नहीं हो।
इस योजना के तहत अनुसूचित जातियों के छात्रों को मिलने वाली आर्थिक मदद में अन्‍य भत्‍तों के अलावा रख-रखाव भत्‍ता, शैक्षिक संस्‍थानों द्वारा ली गई अनिवार्य शुल्‍क की अदायगी और पुस्‍तकालय सुविधा, शामिल हैं। इस योजना के तहत एक अप्रैल 2013 से छात्रवृत्ति अनुसूचित जातियों के उन्‍हीं छात्रों को मिलेगा जिनके माता-पिता/अभिभावकों की सभी स्रोतों से होने वाली वार्षिक आय दो लाख 50 लाख रूपये सालाना से अधिक नहीं हो।

पाठ्यक्रम की पूरी अवधि के दौरान नि:शक्‍त विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्‍त भत्‍ता भी इस योजना का एक भाग है। पठन भत्‍ता के अलावा नेत्रहीन विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम के स्‍तर के अनुसार परिवहन भत्‍ता रक्षक भत्‍ता और मानसिक रूप से बीमार और मंदबुद्धि वाले छात्रों के लिए एक्‍स्‍ट्रा कोचिंग भत्‍ता दिये जाने का भी प्रावधान है। इस योजना के दायरे में शामिल अनुसूचित जाति वाले नि:शक्‍त विद्यार्थियों को भी अन्‍य योजनाओं से भी अतिरिक्‍त लाभ मिलेगा जो इस योजना के दायरे में शामिल नहीं है। छात्रवृत्ति योजना में वार्षिक पुस्‍तक भत्‍ता भी शामिल हैं। इसके लिए विभिन्‍न संस्‍थाओं में बैंक स्‍थापित किए गए हैं, जहां अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को उनके पाठ्यक्रम और सेमेस्‍टर अवसंरचना के आधार पर किश्‍तों  में पुस्‍तकों की आपूर्ति की जाती है।
इस योजना में मिन्‍स टेस्‍ट आवेदन के आधार पर पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाएगी। मिन्‍स टेस्‍ट से यह निर्धारित होता है कि कोई सरकारी मदद का हकदार है या नहीं। वैसे विद्यार्थी जो किसी अन्‍य राज्‍य के हैं, लेकिन वे अपनी पढ़ाई दूसरे राज्‍य में कर रहे हैं, उन्‍हें भी उनके संबंधित राज्‍य द्वारा छात्रवृत्ति दी जाएगी और इसके लिए उन्‍हें अपने राज्‍य के सक्षम प्राधिकार के पास अपना आवेदन जमा करना होगा।  छात्रवृत्ति की अवधि निम्‍नलिखित कारकों पर निर्भर करती है, जिनमें पाठ्यक्रम की पूरी अवधि के दौरान बेहतर आचरण और नियमित उपस्थिति जैसे कारक शामिल हैं। (छात्रवृत्ति का नवीकरण इस आधार पर किया जाता है कि छात्रवृत्ति पाने वाला अगले उच्‍च वर्ग में प्रोन्‍नत हो जाएगा और इससे कोई सरोकार नहीं कि ऐसे परीक्षाओं का आयोजन किसी विश्‍वविद्यालय या संस्‍थान द्वारा किया गया हो।) हालांकि यदि अनुसूचित जाति का विद्यार्थी कोई निश्चित पाठ्यक्रम (इस योजना में शामिल) में पढ़ रहा है और पहली बार वह परीक्षा में असफल हो जाता है, तो छात्रवृत्ति का नवीकरण किया जा सकता है। स्‍पष्‍ट है कि इस योजना का उद्देश्‍य जहां तक हो सके ज्‍यादा से ज्‍यादा पात्र छात्रों को इसमें शामिल करना है।
छात्रवृत्ति राशि का समय पर भुगतान करने के लिए उत्‍तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और केरल जैसे राज्‍यों ने इस योजना का कार्यान्‍वयन पूरी तरह से कम्‍प्‍यूट्रीकृत कर दिया है। साथ ही छात्रवृत्ति की प्रक्रिया ऑनलाइन भी कर दी है। केरल ने छात्रवृत्ति राशि का समय पर भुगतान करने के लिए ई-ग्रांट्ज प्रणाली शुरू की है। इसके अलावा विभिन्‍न राज्‍य सरकारों एवं संघ-शासित प्रशासकों ने भी छात्रवृत्ति राशि का लाभार्थियों के पोस्‍ट ऑफिस या बैंक खातों में सीधे भुगतान करने पर सहमति जताई है। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि यह शत-प्रतिशत केंद्रीय सहायता प्राप्‍त योजना है और इसके तहत कुल खर्च की जाने वाली राशि प्रतिबद्ध व्‍यय से अधिक हो सकती है। किसी एक वर्ष में प्रतिबद्ध व्‍यय का स्‍तर पिछले पंचवर्षीय योजना के अंतिम वर्ष की अवधि के दौरान प्रशासकों द्वारा इस योजना के तहत की गई वास्‍तविक खर्च के स्‍तर के समतुल्‍य होती है और इसका खर्च प्रशासकों द्वारा वहन किया जाता है, जिसका प्रावधान उनके बजट में होता है।
अनुसूचित जाति के लिए शुरू की गई पोस्‍ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत लाभार्थियों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है। 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान वित्‍तयी सहायता प्राप्‍त छात्रों की संख्‍या 31.58 लाख से बढ़कर 46 लाख हो गई है। इस योजना के तहत राज्‍यों की प्रतिबद्ध व्‍यय को मिलाकर कुल खर्च राशि, वर्ष 2007-2008 के 2,158.70 करोड़ रूपये से बढ़कर वर्ष 2011-212 में 3,994.96 करोड़ रूपये हो गई है। वर्ष 2011-12 के दौरान इस योजना के तहत महिला लाभार्थियों की राष्‍ट्रीय औसत 38.31 प्रतिशत है। इस प्रकार इस योजना के जरिए सक्रिय सरकार की पहल से अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को समाज के मुख्‍य धारा में लाने का मार्ग प्रशस्‍त हुआ है।


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