सोमवार, 30 सितंबर 2013

भारत में बुजुर्गों के लिए कल्‍याण योजनाएं

पिछले 50 वर्षों में भारत की जनसंख्‍या लगभग तीन गुनी हो गई है, लेकिन बुजुर्गों की संख्‍या चार गुना से भी ज्‍यादा हो गई है। 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में बुजुर्गों की संख्‍या (60+) सात करोड़ 70 लाख थी और 2011 की जनगणना में बताया गया कि यह संख्‍या जल्‍दी ही 10 करोड़ को पार कर जाएगी। पिछले एक दशक में भारत में वयोवृद्ध लोगों की आबादी 39.3% की दर से बढ़ी है। आगे आने वाले दशकों में इसके 45-50 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्‍मीद है। दुनिया के ज्‍यादातर देशों में बुजुगों की संख्‍या दोगुनी होने में 100 से ज्‍यादा वर्ष लग गये, लेकिन भारत में इनकी संख्‍या केवल 20 वर्षों में ही दुगुनी हो गई। आज औसत आयु बढ़कर 70 से ज्‍यादा हो गई है। बेहतर चिकित्‍सा सुविधाओं, देखभाल और उदारवादी परिवार नियोजन नीतियों से देश में बुजुर्गों की संख्‍या सबसे तेजी से बढ़ी है।

भारत में स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल और बुढ़ापा पेंशन जैसे सा‍माजिक सुरक्षा के लाभ संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को मिलते हैं। गैर-संगठित क्षेत्र में लगभग 94% श्रमिक काम करते हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर को पर्याप्‍त सामाजिक सुरक्षा उपलब्‍ध नहीं है। विभिन्‍न मंत्रालयों और अन्‍य सरकारी एजेंसियों के कई सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम हैं, लेकिन इनके लाभार्थी सीमित हैं और असंगठित क्षेत्र के बहुत कम कामगार या उनके परिवार लाभार्थियों में शामिल हैं। लेकिन ये सब प्रयास गैर-नियोजित और अलग-थलग तरीके से चल रहे हैं। सामाजिक सुरक्षा के राज्‍य-स्‍तरीय कार्यक्रमों से न जुड़े होने के कारण गैर-संगठित क्षेत्र के श्रमिकों और उनके आश्रितों को बीमारी, अधिक उम्र, दुर्घटनाओं या मृत्‍यु के कारण बेहद गरीबी का सामना करना पड़ता है।
बुढ़ापे से संबंधित समस्‍याओं की गंभीरता को महसूस करते हुए भारत सरकार ने इनसे निपटने के लिए कई नीतियां और योजनाएं बनायी हैं। सरकार वयोवृद्धता से संबंधित मैड्रिड अंतर्राष्‍ट्रीय कार्य योजना सहित वयोवृद्धता के बारे में विभिन्‍न अंतर्राष्‍ट्रीय कार्य योजनाओं के क्रिया‍न्‍वयन के लिए भी प्रतिबद्ध है। 


भारत में वयोवृद्ध लोगों के लिए प्रमुख सरकारी नीतियां/कार्यक्रम/योजनाएं

सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार

वयोवृद्ध लोगों से संबं‍धित राष्‍ट्रीय नीति, 1999

भारत सरकार ने 1999 में बुजुर्गों से संबंधित राष्‍ट्रीय नीति बनायी, जिसमें सभी पहलुओं पर ध्‍यान दिया गया। इस राष्‍ट्रीय नीति की मुख्‍य बातें इस प्रकार हैं :-

  • वरिष्‍ठ नागरिकों को वित्‍तीय सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल और पौष्टिकता, आश्रय,जानकारी संबंधी आवश्‍यकताओं, उचित रियायतों आदि में सहायता प्रदान करना।
  • वरिष्‍ठ नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा जैसे उनके कानूनी अधिकारों की रक्षा करने और इन्‍हें मजबूत बनाने पर विशेष ध्‍यान देना।
  • विभिन्‍न मंत्रालयों और विभागों द्वारा क्रियान्‍वयन के लिए कार्य योजना तैयार की गई।


अभिभावकों और वरिष्‍ठ नागरिकों के गुजारे और कल्‍याण से संबंधित कानून, 2007

इस कानून में माता-पिता/दादा-दादी को उनके बच्‍चों से आवश्‍यकतानुसार गुजारा भत्‍ता दिलवाने की व्‍यवस्‍था है। कानून में वरिष्‍ठ नागरिकों के जान-माल की सुरक्षा, बेहतर चिकित्‍सा सुविधाओं और हर जिले में वृद्ध सदनों की स्‍थापना जैसी व्‍यवस्‍थाएं हैं।
कानून के बारे में पूरी जानकारी न होने और विभिन्‍न स्‍तरों पर ठीक तरह से कानून लागू न होने के कारण बड़ी संख्‍या में वृद्ध जन इस कानून के अंतर्गत मिलने वाले लाभ प्राप्‍त नहीं कर पा रहे हैं।

अनुदान सहायता योजनाएं

'वयोवृद्ध लोगों के लिए एकीकृत कार्यक्रम' नाम की योजना से गैर-सरकारी संगठनों को वित्‍तीय सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे वृद्ध सदन, दिन के समय देखभाल के केन्‍द्र, चलते-फिरते चिकित्‍सा यूनिट स्‍थापित कर सकें और उन्‍हें गैर-संस्‍थागत सेवाएं उपलब्‍ध करा सकें। इनके अलावा हेल्‍पलाइन, फिजियो‍थैरेपी केन्‍द्र, मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल सुविधाएं आदि भी प्रदान की जाती हैं। 

योजना के अंतर्गत मुख्‍य परियोजनाए/कार्यक्रम  
  • वृद्ध सदनों की स्‍थापना और रख-रखाव
  • विश्राम सदनों और निरंतर देखभाल सदनों का रख-रखाव
  • बुजुर्गों के लिए बहु-सेवा केन्‍द्र चलाना
  • चलते-फिरते चिकित्‍सा यूनिटों का रख-रखाव
  • मानसिक स्‍वास्‍‍थ्‍य देखभाल और विशेष देखभाल
  • हेल्‍पलाइन और परामर्श केन्‍द्र
  • वृद्धजनों की देखभाल करने वालों को प्रशिक्षण देना
  • वृद्धजनों के कल्‍याण के प्रति जागरूकता पैदा करना और उनकी देखभाल करने वाले लोगों की व्‍यवस्‍था करना
  • वरिष्ठ नागरिक समूहों/एसोसिएशनों का गठन करना
  • इस योजना के अंतर्गत अन्‍य कोई उपयुक्‍त गति‍विधि चलाना


ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार

इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय वृद्धावस्‍था पेंशन योजना

गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए इस समय चलायी जा रही इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय वृद्धावस्‍था पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशन प्राप्‍त करने के लिए आयु सीमा 65 वर्ष से घटाकर 60 कर दी जाएगी। जिनकी आयु 80 वर्ष या उससे अधिक है, उन्‍हें 200 रुपये के स्‍थान पर 500 रुपये महीने की पेंशन दी जाएगी। राज्‍य सरकारें चाहें तो इससे अधिक राशि अपनी तरफ से दे सकती हैं। 

स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय, भारत सरकार

वृद्ध देखभाल केन्‍द्रों की स्‍थापना

हाल ही में केन्‍द्र सरकार ने वृद्धजनों की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं में सुधार लाने के लिए ''राष्‍ट्रीय वृद्धजन स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल कार्यक्रम'' (एनपीएचसीई) को मंजूरी दी है। ये वृद्धजन देखभाल केन्‍द्र 21 राज्‍यों के 100 जिला अस्‍पतालों में खोले जाएगे। इनकी स्‍थापना सामुदायिक एवं प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों पर भी की जाएगी।

विधि एवं कानून मंत्रालय, भारत सरकार

केन्‍द्र सरकार के विधि एवं कानून मंत्रालय ने भी वरिष्‍ठ नागरिकों को निशुल्‍क कानूनी सहायता देने का प्रस्‍ताव दिया है।

गृह मंत्रालय: भारत सरकार

सरकारी सहायता प्राप्‍त विभिन्‍न योजनाओं तक इनकी पहुंच बनाने के लिए वरिष्‍ठ नागरिकों को स्‍मार्ट परिचय पहचान पत्र।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार

गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले वरिष्‍ठ नागरिकों को राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना के तहत बीमा सुरक्षा।
राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना केन्‍द्र सरकार की योजना है, जो एक अक्‍तूबर, 2007 को शुरू की गई थी और इसका मकसद गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को 30 रूपए रजिस्‍ट्रेशन के आधार पर एक वर्ष में 30 हजार रूपए तक की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाए उपलब्‍ध कराना है। इसमें कोई आयु सीमा नहीं है और पुरानी चिकित्‍सा व्‍याधियों का इसके तहत उपचार किया जाता हैा

कार्मिक एवं पेंशन मंत्रालय

कार्मिक एवं पेंशनर कल्‍याण विभाग ने पेंशनरों को सेवानिवृति लाभ दिलाने के लिए कई प्रयास शुरू किए हैं।

वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए अदालतों में छूट/सुविधाएं
वृद्धजनों से संबधित केसों को प्राथमिकता और उनका त्‍वरित निपटारा सुनिश्चित करनाा
सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई कानून)
वरिष्‍ठ नागरिकों की और से आरटीआई कानून के तहत दूसरी अपीलों की सुनवाई उच्‍च प्राथमिकता के आधार पर।

स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल सेवा :
  • अस्‍पतालों एवं स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल केन्‍द्रों में वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए अलग से लाइनों की व्‍यवस्‍था।
  • कुछ राज्‍य सरकारों ने सरकारी अस्‍पतालों में वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए विशेष क्लिनिकों की स्‍थापना की है।


वित्‍त एव कराधान :

वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए टैक्‍स में विशेष छूट तथा अन्‍य प्रावधान।

बैंकिंग एवं डाकधर

  • वरिष्‍ठ नागरिकों को उनकी बचतों पर अधिक ब्‍याज दर
  • कम बैंकिंग शुल्‍क


यातायात :
रेल यात्रा :
  • सभी वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए यात्रा 30 प्रतिशत सस्‍ती
  • किराए में 50 प्रतिशत छूट
  • वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए अलग काउंटर/पंक्तियां


विमान यात्रा :
  • इंडियन एयरलाइंस की साधारण श्रेणी के किराए में 40 से 50 प्रतिशत छूट।
  • वरिष्‍ठ नागरिकों को अन्‍य विमान सेवाओं द्वारा इसी तरह की छूटें।


सड़क यातायात :

विभिन्‍न राज्‍य परिवहन निगमों में आरक्षण एवं छूट

देश में वृद्ध लोगों की आबादी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उनके अनुकूल माहौल कहीं दिखाई नहीं पड़ रहा है। इसी वजह से अधिकतर बुजुर्ग लोग अलग थलग या उपेक्षित रहने को मजबूर हैं।

पिछले दस वर्षो के दौरान वृद्ध लोगों की आबादी और वृद्धावस्‍था सहायता प्रणाली में जनसां‍ख्यिकीय एवं सामाजिक-आर्थिक लिहाज से काफी बदलाव आए हैं। पिछले एक दशक में वृद्ध लोगों की संख्‍या में 39.3 प्रतिशत इजाफा हुआ है और देश की आबादी में इनकी हिस्‍सेदारी वर्ष 2001 के 6.9 प्रतिशत की तुलना में बढ़़कर वर्ष 2011 में 8.3 प्रतिशत हो गई है।

बदलते सामायिक परिदृश्‍य में वृद्ध लोगों की जीवन चर्या भी काफी बदली है। वे अब पहले से अधिक सक्रिय, ऊर्जावान तथा स्‍वस्‍थ है और अब वे परिस्थितियों से समझौता नहीं करके हर स्‍तर पर स्‍वतंत्र है। आज इस बात की आवश्‍यकता है कि सभी स्‍तर पर उनके लिए अच्‍छे अवसर पैदा किए जाए, ताकि वे समाज में अपनी सक्रिय भूमिका अदा कर सकें। इस अवस्‍था में उन्‍हें पूर्ण सम्‍मान दिया जाना तथा उनकी स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल सुनिश्चित हो सकती है।

  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कुल पेज दृश्य