गुरुवार, 26 सितंबर 2013

भारत में पर्यटन

पर्यटन, भारत का सबसे विशाल सेवा उद्योग है। आर्थिक विकास विशेषकर दूर-दराज और पिछड़े क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए पर्यटन का विशेष महत्‍व है। पर्यटन निम्‍न आय वर्ग और महिलाओं के लिए भी आय के बेहतर स्रोत विकसित करने में सक्षम है।

देश के सकल घरेलू उत्‍पाद में पर्यटन क्षेत्र का प्रत्‍यक्ष योगदान 3.7 प्रतिशत है, जबकि कुल प्रत्‍यक्ष एवं अप्रत्‍यक्ष योगदान 6.8 प्रतिशत है। देश के रोजगार में पर्यटन क्षेत्र का प्रत्‍यक्ष योगदान 4.4 प्रतिशत है, जबकि कुल प्रत्‍यक्ष एवं अप्रत्‍यक्ष योगदान 10.2 प्रतिशत है। पर्यटन क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जो अकुशल तथा अर्धकुशल श्रमिकों को भी बेहतर रोजगार मुहैया कराता है। महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने में इसका विशेष योगदान है। पर्यटन क्षेत्र में कार्यरत कुल श्रमिक बल में 70 प्रतिशत महिलाएं हैं। वैश्विक स्‍तर पर भी अन्‍य क्षेत्रों के मुकाबले पर्यटन क्षेत्र में लगभग दोगुनी संख्‍या में महिलाएं कार्यरत हैं। वैश्विक स्‍तर पर पाँच पर्यटन मंत्रियों में एक मंत्री महिला हैं। इस दृष्टि से पर्यटन क्षेत्र समाज में समानता तथा सामाजिक न्‍याय को समर्थन देने का भी माध्‍यम है।

12वीं पंचवर्षीय योजना में इस बात पर विशेष ध्‍यान दिया गया है कि तेजी से विकसित होते सेवा क्षेत्र के बरक्‍स पर्यटन क्षेत्र में कम-से-कम 12 प्रतिशत की वृद्धि प्राप्‍त की जाए। साथ ही इस पर विशेष बल दिया गया है कि 2004-2009 के बीच घरेलू पर्यटन में होने वाली उच्‍च वृद्धि दर को कायम रखा जाए। पर्यटन क्षेत्र के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर भी योजना में ध्‍यान दिया गया है। यह चुनौतियां हैं- कौशल विकास, आधारभूत-ढांचागत विकास, विपणन तथा ब्रांड प्रोत्‍साहन, उत्‍पादों की व्‍यापक श्रेणी, उत्‍तरदायी पर्यटन, साफ-सफाई एवं स्‍वच्‍छता तथा विभिन्‍न गतिविधियों के बीच सुसंगतता।

इन चुनौतियों से निपटने के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना में 2.49 करोड़ नए रोजगारों के सृजन का लक्ष्‍य रखा गया है। साथ ही 'हुनर से रोजगार' पहल के अंतर्गत कौशल विकास के लिए कदम उठाये गये हैं। योजना में पर्यटन के अंतर्गत निम्‍न क्षेत्रों पर ध्‍यान दिया जाएगा:-
·        चिकित्‍सा/ स्‍वास्‍थ्‍य पर्यटन को प्रोत्‍साहन देने के लिए योजना
चिकित्‍सा/स्‍वास्‍थ्‍य पर्यटन के लिए विपणन विकास सहायता योजना (एमडीए) के संदर्भ में 22.02.2009 को जारी किये गये दिशा-निर्देशों को पर्यटन मंत्रालय द्वारा संशोधित  किया गया है। एमडीए योजना के अंतर्गत अनुमोदित चिकित्‍सा पर्यटन सेवा प्रदाताओं को वित्‍तीय सहायता मुहैया कराई जाएगी।
समुद्री पर्यटन
समुद्री पर्यटन वैश्विक स्‍तर पर पर्यटन क्षेत्र के अंतर्गत तेजी से विकसित होने वाला आकर्षक क्षेत्र है। शिपिंग मंत्रालय द्वारा 20 जून 2008 को समुद्री शिपिंग नीति का अनुमोदन किया गया। इस नीति का उद्देश्‍य ढांचागत तथा अन्‍य सुविधाओं का विकास करके समुद्री पर्यटन को महत्‍वपूर्ण पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करना था। शिपिंग मंत्रालय के सचिव की अध्‍यक्षता में एक संचालन समिति का गठन किया गया जो समुद्री पर्यटन से संबंधित सभी मामलों के लिए केंद्रीय निकाय के रूप में काम करेगी।

ग्रामीण पर्यटन
पर्यटन के क्षेत्र में संभावित वृद्धि की रणनीति को अमल में लाकर ग्रामीण विकास किया जा सकता है। ग्रामीण विकास की धारणा को विकास का एक मजबूत मंच बनाया जा सकता है जो भारत जैसे देश में बहुत लाभदायक सिद्ध होगी, जहां कुल जनसंख्‍या की लगभग 74 फीसदी आबादी 70 लाख गांव में रहती है। पूरे विश्‍व में औद्योगिकरण और विकास के मद्देनजर शहरीकरण का दृष्टिकोण बढ़ा है। इसके साथ-साथ शहरी जीवन शैली ने केंद्रीय शहरीकरण का रास्‍ता अपना लिया है।

उपरोक्‍त क्षेत्रों के अलावा जिन क्षेत्रों पर विशेष ध्‍यान दिया जाएगा उनमें साहसिक गतिविधियां, जंगल एवं पर्यावरण पर्यटन, एम आई सी ई- सम्‍मेलन गोष्ठियां तथा प्रदर्शनी पर्यटन, फिल्‍म पर्यटन, व्‍यंजन एवं ख‍रीदारी पर्यटन और गोल्‍फ, पोलो तथा खेल पर्यटन शामिल हैं।

पर्यटन मंत्रालय ने भारतीय पर्यटन के विकास के लिए विशेष कदम उठाये हैं। उपरोक्‍त पर्यटन क्षेत्रों पर ध्‍यान देने के अलावा ऐसे पर्यटन क्षेत्रों के विकास पर भी ध्‍यान दिया जाएगा जिनसे लोग कम परिचित हैं। इसके अतिरिक्‍त उत्‍तरदायित्‍व के साथ पर्यटन क्षेत्र के विकास पर भी बल दिया गया है। उत्‍तरदायी पर्यटन के अंतर्गत, टिकाऊ विकास तथा पर्यटन क्षेत्रों की वहन क्षमता पर ध्‍यान दिया जाएगा। साथ ही सुरक्षित और गरिमापूर्ण पर्यटन के विकास पर भी ध्‍यान दिया जाएगा।
भारत पर्यटन विकास निगम का योगदान
भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) अक्‍तूबर 1966 में अस्तित्‍व में आया और इसने देश में पर्यटन के उत्तरोतर विकास, संवर्धन और विस्‍तार में प्रमुख भूमिका निभाई है। व्‍यापक रूप से निगम के मुख्‍य उद्देश्‍य इस प्रकार हैं:- होटलों का निर्माण, वर्तमान होटलों का अधिग्रहण और प्रबंध तथा होटलों, तट-विहारों, ट्रैवर्ल्‍स लॉज/रैस्‍त्रां का विपणन, परिवहन, मनोरंजन, खरीदारी और सम्‍मेलन सेवाएं प्रदान करना। पर्यटक प्रचार सामग्री की प्रस्‍तुति एवं वितरण, भारत तथा विदेश में परामर्श एवं प्रबंधन सेवाएं प्रदान करना। संपूर्ण मनी चेंजर्स (एफएफएमसी), प्रतिबंधित मनी चेंजर्स आदि के रूप में व्‍यवसाय करना तथा पर्यटन विकास और इंजीनियरिंग उद्योग की आवश्‍यकताओं के लिए नवीन एवं विश्‍वसनीय सेवाएं देना।

निगम पर्यटकों के लिए होटल तथा रैस्‍त्रां चला रहा है और साथ ही परिवहन सेवाएं प्रदान कर रहा है। इस समय भारत पर्यटन विकास निगम के नेटवर्क में अशोक होटल समूह के आठ होटल, पाँच संयुक्‍त उद्यम होटल, एक रैस्‍त्रां , 11 परिवहन इकाई, एक पर्यटक सेवा केंद्र, विमानपत्‍तनों एवं समुद्रपत्‍तनों पर नौ शुल्‍क-मुक्‍त दुकानें और दो ध्‍वनि एवं प्रकाश प्रदर्शन शामिल हैं। इसके अलावा निगम की ओर से भरतपुर में एक होटल और कोसी में एक रैस्‍तरां का प्रबंध भी किया जा रहा है। निगम इसके अतिरिक्‍त वैस्‍टर्न कोड, विज्ञान भवन, हैदराबाद हाऊस और शास्‍त्री भवन, नई दिल्‍ली में नेशनल मीडिया प्रेस सेंटर में खान-पान सेवाओं का प्रबंध भी कर रहा है।

राष्‍ट्रीय पर्यटन सलाहकार परिषद की बैठक

केंद्रीय पर्यटन मंत्री के.चिरंजीवी ने हाल ही में कहा कि सैलानियों की सुरक्षा, खासतौर से विदेशी महिला पर्यटकों की सुरक्षा चिंता की बात है। राष्‍ट्रीय पर्यटन सलाहकार परिषद की बैठक की अध्‍यक्षता करते हुए, श्री चिरंजीवी ने कहा कि हाल ही में विदेशी महिला पर्यटकों के साथ दुष्कर्म की कुछ घटनाओं से पर्यटन क्षेत्र में भारत की नकारात्‍मक छवि बनी है। उन्‍होंने कहा कि कानून और व्‍यवस्‍था राज्‍य का विषय है। श्री चिरंजीवी ने कहा कि उन्‍होंने पर्यटकों के लिए सहायक और दोस्‍ताना माहौल बनाने के वास्‍ते सभी मुख्‍यमंत्रियों को प्रभावी कदम उठाने की सलाह दी है।

भारत में पर्यटन क्षेत्र इस बात का प्रमाण है कि पिछले दशक में इस क्षेत्र में संतोषजनक बढ़ोत्‍तरी हुई है। भारत में वर्ष 2012 के दौरान 60 लाख 58 हजार विदेशी पर्यटक आए जबकि 2012 में घरेलू सैलानियों की संख्‍या एक अरब 2 करोड़ 70 लाख आंकी गई थी।

श्री चिरंजीवी ने कहा कि हमें अपने प्रमुख तीर्थस्‍थानों पर भी साधन और सुख-सुविधाओं को बढ़ाने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि पर्यटन मंत्रालय ने उत्‍तराखंड में पर्यटन सुविधाओं के नवीनीकरण और पुनर्निर्माण के वास्‍ते एक सौ करोड़ रूपये के विशेष वित्‍तीय पैकेज को मंजूरी दी है।

पर्यटन क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भूमिका पर श्री चिरंजीवी ने कहा कि कॉरपोरेट और सामाजिक संबंधों के तहत, कॉर्पोरेट सेक्‍टर को खास पर्यटन केंद्रों और स्‍मारकों की देख-रेख करने में सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्‍यकता है।

एक मिसाल कायम करते हुए, भारतीय पर्यटन विकास निगम ने आगे बढ़कर कुतुब मीनार की देख-रेख करने की जिम्‍मेदारी ली है। अब तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने भी आगे कदम बढ़ाते हुए 6 स्‍मारकों- ताजमहल, लाल किला, एलीफेंटा की गुफाओं, एलोरा की गुफाओं, महाबलीपुरम और गोलकुंडा के किले की देखभाल करने का जिम्‍मा लिया है।


श्री चिरंजीवी ने कहा कि अब तक हमने भारत में करीब 120 स्‍मारकों की पहचान की है, जिनकी देख-रेख की जिम्‍मेवारी कॉरपोरेट सेक्‍टर को दी जा सकती है।

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