परियोजना
एरो को देश के चिन्हित डाकघरों की सेवाओं में सुधार हेतू एकीकृत व
केंद्रित दृष्टिकोण के रूप में अप्रैल 2008 में अपनाया गया
था। इस परियोजना का लक्ष्य डाकघरों की सेवाएं सभी के लिए उपलब्धू करना था ताकि
डाकघर आम-आदमी के लिए '' विश्व की ओर एक झरोखा'' के
रूप में स्थापित हो सकें। परियोजना ऐरो का मुख्य लक्ष्य आम-आदमी पर केंद्रित
है।
परियोजना
का लक्ष्य
- डाकघरों को आम आदमी के लिए विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं की उपलब्धता के रूप में स्थापित करना, ये सेवाएं अब तक शहरी क्षेत्रों तक सीमित थीं।
- डाकघरों को इस योग्यस बनाना जिससे वह देश के सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन में नई भूमिका व चुनौतियों को अपनाकर महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकें।
- विशाल मानव उर्जा को प्रतिबद्ध व व्यावसायिक मानव संसाधन के रूप में परिवर्तित करना
- सूचना प्रौद्योगिकी उन्मुरख सेवाओं का प्रबंध करना, विशेषकर उन स्थानों में जहां यह अति आवश्यक है
- डाकघर को ''देखो और महसूस करो'' के रूप में बदलना ताकि वे अपनी विशेष पहचान बना सकें।
- स्वत: संरचनात्मक विकास और उत्थान के लिए निवेश पर लाभ सुनिश्चित करना। परियोजना एरो का प्रत्येक डाकघर लाभ का एक केंद्र होना चाहिए।
अपनाई
गई रणनीति
- परियोजना को चरणबद्ध रूप में कार्यान्वित करना।
- लक्ष्यों को स्पष्ट परिभाषित करना।
- ऐसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना जहां कम मेहनत से बेहतर परिणाम पाए जा सकें।
- कार्यान्व्यन के मुख्य संकेतकों की पहाचान करना।
- नियमित एवं मूल्यांकन के लिए निगरानी व्यवस्था बनाना।
- समय सीमा का कड़ाई से पालन करना।
- समिति और कोर टीम गठित की गई है जो विभिन्न स्तरों पर परियोजना के विषय को तैयार करेगी और कार्यान्वयन पर नजर रखेगी।
- कोर ऑपरेशन और '' देखो और महसूस करो'' के लिए दो कार्य नेता और 4 एजेंट चिन्हित किए गए। जो विभिन्न विभिन्न कार्य क्षेत्रों में आयोजन और उनके कार्यान्वयन का काम देखेंगे।
- प्रत्येक परिवर्तन एजेंट की 3 से 4 सदस्य सहायता करेंगे।
योजना
के दो तत्व
- विभिन्न क्षेत्रों जैसे डाक डिलिवरी, बैंक बचत और कार्यालय सेवा स्तरों सहित '' सही कोर लेना'' ।
- '' देखो और महसूस करो'' को आधुनिक बनाना। उसमें ब्रांडिंग, आईटी, मानव संसाधन और बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान देना।
पहले
चरण में 10 सर्किलों के 50 डाकघरों को बाहर और अंदर से नया रूप
दिया गया और उन्हें फिर से ब्रांड किया गया। ग्राहक सेवा पर विशेष ध्यान देते
हुए सुविधाओं में सुधार किया गया। इन में से प्रत्येक डाकघर में ग्राहकों द्वारा
कारोबारी लेन-देन के लिए अधिक स्थान उपलब्ध किया गया और ग्राहकों के लिए सुविधाएं
जैसी लिखने की मेजें और कुर्सियां तथा विकलांगों के लिए यथासंभव रैम्पों की
व्यवस्था की गई।
सेवा
की गुणवत्ता का सुधार करने पर अधिक जोर दिया गया। डाकघर के काउंटरों को
बहु-उद्देशीय काउंटर बनाया गया ताकि डाकघर के प्रत्येरक काउंटर पर रजिस्ट्री,
स्पीड
पोस्टर, बचत बैंक, बीमा, धन प्रेषण और अन्य सेवाएं उपलब्ध
हो सकें। डाकघरों में प्रत्येरक सेवा के लिए सेवा उपलब्धता के तौर-तरीके
और नागरिक चार्टर प्रदर्शित किए गए। कार्य निष्पादन के क्षेत्रों जैसे डाक और
बचत बैंक, बीमा किस्त जमा और डाक-टिकटों की बिक्री आदि क्षेत्रों संबंधी नियमों
के पालन की जिम्मेदारी डाकघर में सहायक डाक-पालक को सौंपी गई।
संक्षेप
में, डाकघरों के साथ कारोबार करने संबंधी वातावरण और सेवा में सुधार के
सभी प्रयास किए गए।
डाक-कर्मचारियों
को अच्छी कौशल का प्रशिक्षण भी दिया गया ताकि काम करने के एकाधिकारवादी तरीके
के स्थान पर ग्राहक-मित्र रूप में सेवा उपलब्ध की जा सके और प्रतिस्पर्धी
वातावरण का कुशल रूप से प्रबंध किया जा सके।
परियोजना
एरो के अधीन देश भर में अब तक 2515 डाकघरों को 'देखो और महसूस
करो' योजना के अधीन आधुनिक बनाया गया है और मुख्ये संचालन के लिए कुल 18600
डाकघरों पर नजर रखी जा रही है। 12वीं पंचवर्षीय योजना में 'देखो और महसूस करो' योजना
के अधीन 2500 डाकघरों को आधुनिक बनाने का प्रस्ताव है और
इनमें से 780 डाकघरों को वित्त वर्ष 2012-13
में आधुनिक बनाया गया है। 18600 डाकघरों में मुख्य संचालन पर नजर रखने
के लिए प्रौद्योगिक परियोजना के अधीन कम्यूटरीकरण और नेटवर्क के जरिए
प्रौद्योगिकी उन्न्यन किया गया।
देश
के सभी डाकघर को बहुत जल्दी नेटवर्क से जोड़ दिया जाएगा और उनमें डाक तथा
बैंक-संबंधी कार्य नए सौफ्टवेयर पर उपलब्धि होने लगेंगे। इस प्रकार परियोजना एरो
के अधीन डाकघरों के बुनियादी ढांचे और मुख्य कार्य संचालन को आधुनिक बनाने के
प्रयास पूरक सिद्ध होंगे। यह परियोजना अंतत: भारतीय डाक को सर्वाधिक उतार-चढ़ाव
वाले और प्रतिस्पर्धी बाजार में आधुनिक तथा सक्रिय संगठन के रूप में पून: स्थापित
करने में सफल होगी।
परियोजना
एरो को वर्ष 2008-09 के लिए सार्वजनिक प्रशासन में उत्कृष्ट्ता के
लिए प्रधानमंत्री का पुरस्कार दिया गया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें