1. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) में केन्द्र सरकार की कई योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाले लाभ जैसे सब्सिडी, वजीफा, छात्रवृति या अन्य लाभ, लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे पहुंच जाते हैं, जो अंततः आधार संख्या से जुड़ेंगे। यह योजना फिलहाल उन लाभार्थियों के लिए भी शुरू कर दी गई है, जिनके पास आधार संख्या नहीं है।
2. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का उद्देश्य सही लाभार्थी को लाभ पहुचाना और भ्रष्ट्राचार को कम करना है। सब्सिडी राशि के अंतरण में इससे कुछ बेकार नहीं जाएगा।
3. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की योजना इस समय 121 जिलों में चलाई जा रही है। यह योजना एक जनवरी 2013 को 16राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के 43 जिलों में शुरू की गयी थी। इसका दूसरा चरण एक जुलाई 2013 को शुरू हुआ था, जिसमें 78 और जिले जोड़ दिये गये थे। इस प्रकार इस योजना के अंतर्गत 121 जिले हो गये हैं। जल्दी ही इस योजना के अंतर्गत अन्य जिलों को भी शामिल किया जाएगा।
4. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण में 26 योजनाएं हैं, जिनमें 17 छात्रवृति योजनाएं हैं और इन्दिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना, धनलक्ष्मी योजना, जननी सुरक्षा योजना, बीड़ी कार्यकर्ताओं के लिए आवास सब्सिडी, कोचिंग के लिए अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति को वजीफा, मार्ग दर्शन और व्यावसायिक प्रशिक्षण, नक्सलवाद से प्रभावित 34जिलों में कौशल विकास योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले को वजीफा जैसी योजनाएं शामिल हैं।
5. एक जुलाई 2013 से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण में वृद्धावस्था, विकलांगता और विधवाओं के लिए तीन पैंशन योजनाओं को शामिल किया गया है। एक अक्तूबर 2013 से मनरेगा के लाभ भी सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा होने लगेंगे।
6. एक अक्तूबर 2013 से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना का विस्तार करके इसमें डाकघरों और डाकघर खातों के जरिये चलने वाली योजनाओं को शामिल किया जाएगा। लाभार्थी अपने डाकघर खाते में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
7. उन क्षेत्रों में जहां बैंक नहीं है और डाकघर भी तैयार नहीं है, केन्द्र सरकार बैंकिंग कॉरेसपोंडेंट नियुक्त कर रही है, जो बैंक के प्रतिनिधि हैं और बैंक खाता खुलवाने में गांव वासियों की मदद करेंगे।
8. बैंकिंग कॉरेसपोंडेंट के पास एक छोटी सी मशीन “माइक्रो एटीएम” होती है। गांव वासी महिला या पुरूष अपने अंगूठे की छाप देते हैं और जांच के बाद उनका खाता खुल जाता है और उसके बाद वे खाते से पैसा निकाल सकते हैं।
9. सरकार ने एक जून 2013 से एलपीजी के लिए भी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की योजना शुरू की है। इसका लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थी के पास एलपीजी का खाता और बैंक खाता होना चाहिए, जो आधार संख्या से जुड़ा होना चाहिए।
10. आधार से जुड़े सभी घरेलू एलपीजी ईंधन गैस के उपभोक्ता जैसे ही सब्सिडी वाले पहले सिलेंडर की बुकिंग करेंगे या सिलेंडर की आपूर्ति से पहले उनके खाते में 435 रुपये की अग्रिम सब्सिडी राशि पहुंच जाएगी। जैसे ही उपभोक्ता को पहला सिलेंडर मिल जाएगा। आपूर्ति की तारीख पर मिलने वाली सब्सिडी फिर उसके बैंक खाते में पुहंच जाएगी, जो बाजार भाव पर अगले सिलेंडर की खरीद के लिए उपलब्ध होगी।
11. सार्वजनिक क्षेत्र की वितरण कंपनियां, जो सिलेंडर उपलब्ध कराती हैं, अपनी वेबसाइट पर जानकारी भी उपलब्ध कराती हैं, जिससे पता लग सकता है कि आधार संख्या को एलपीजी उपभोक्त संख्या/ बैंक खाते से जोड़ दिया गया है या नहीं। इसके लिए टॉल फ्री नम्बर 1800 23 33 555 भी उपलब्ध है।
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