शुक्रवार, 23 अगस्त 2013

राजीव गांधी विद्यार्थी डिजिटल योजना

संचार क्रांति के माध्यम से नई पीढी़ का भविष्य संवारने के मकसद से राजस्थान सरकार की राजीव गांधी विद्यार्थी डिजिटल योजना मेधावी विद्यार्थियों के लिए दिली सुकून देने वाली सिद्ध हुई है।
हमें देश की युवा पीढ़ी को सोचने के लिए प्रेरित करना है। शिक्षा व्यवस्था ऎसी होनी चाहिए कि छोटे बालक-बालिकाएं सवाल करने के लिए प्रोत्साहित हों, सिर्फ याद करने के बजाय शिक्षकों से उन चीजों के बारे में पूछने को प्रेरित हों जो उन्हें समझ में नहीं आई हैं। यह न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि शिक्षकों के लिए भी अच्छा होगा क्‍योंकि उन्हें जवाब देने होंगे। इससे न सिर्फ शिक्षा प्रणाली बल्कि पूरा तंत्र विकसित होगा और नए विचार पैदा होंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने 29 अगस्त 1985 को नई दिल्ली में आयोजित शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में जब ये उद्गार व्यक्त किए थे, तो निश्चय ही उनका सपना 21वीं सदी में एक ऎसा भारत देखने का रहा होगा, जहां मेधावी विद्यार्थी ज्ञान प्राप्ति के लिए पुस्तकों पर ही निर्भर नहीं होंगे, वे सूचना तकनीक के हुनर से सुसज्जित होकर शिक्षा के क्षेत्र में स्वावलंबी बन जाएंगे।
राजस्थान सरकार ने ऎसे दूरदर्शी व्यक्तित्व के विचारों से प्रेरणा पाकर ही विद्यार्थियों को ज्ञान की शक्ति से समृद्ध करने के उद्देश्य से राजीव गांधी विद्यार्थी डिजिटल योजना की शुरुआत की है। राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में शुमार  राजीव गांधी विद्यार्थी डिजिटल योजना के अन्तर्गत सत्र 2011-12 में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान की कक्षा 10 एवं 12वीं की मेरिट में प्रथम रहे 10-10 हजार विद्यार्थियों को और राज्य के सभी राजकीय विद्यालयों की कक्षा 8 में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार के रूप में लैपटॉप दिए जा रहे हैं। इसके लिए में राज्यभर में 25 से 29 जुलाई 2013 तक जिला और लॉक स्तर पर लैपटॉप वितरण समारोह आयोजित किए गए। इस दौरान जिलों के प्रभारी मंत्रियों ने इन समारोहों में स्वयं उपस्थित होकर छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया और उन्हें लैपटॉप प्रदान किए।  कुल 55 हजार 819 विद्यार्थियों को लैपटॉप दिए गए।
वर्ष 2013-14 के बजट में भी राज्य सरकार ने राजीव गांधी विद्यार्थी डिजिटल योजना जारी रखी है जिसके अंतर्गत 53 हजार 923 प्रतिभावान विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरित किए जाने हैं। इस योजना के अंतर्गत ही वर्ष 2012-13 में राजकीय विद्यालयों की कक्षा 8 में दूसरे से 11वां स्थान प्राप्त करने वाले कुल 3.50 लाख विद्यार्थियों को टेबलेट पीसी खरीदने के लिए 6 हजार रुपए के चेक वितरित किए जा चुके हैं। उचित प्रशिक्षण के अभाव में विद्यार्थी लैपटॉप के उपयोग से वंचित न रह जाएं इसका ध्यान भी राज्य सरकार ने रखा है। विद्यार्थियों को लैपटॉप चलाने का प्रशिक्षण राजस्थान नॉलेज कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा संचालित ज्ञान केन्द्रों पर निःशुल्क दिया जा रहा है।

लैपटॉप योजना में मेधावी विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह भी प्रावधान रखा गया है कि यदि किसी विद्यार्थी को कक्षा 8 या 10 में लैपटॉप मिल जाता है और वह क्रमशः कक्षा 10 या 12 में भी लैपटॉप प्राप्त करने की पात्रता र्अजित कर लेता है तो उसे लैपटॉप के स्थान पर 5हजार रुपए तक का 3जी डाटा कार्ड उपलध करवाया जा सकता है। यदि कोई विद्यार्थी कक्षा 8 और 10 के बाद 12वीं कक्षा में भी लैपटॉप का पात्र है तो उसे 12वीं में दूसरा लैपटॉप दिया जा सकता है।

आधुनिकतम ई-कंटेंट जैसे डिजिटल लिटरेसी, एक्टिविटी बुस, शब्‍दकोश, ई-टेसटबुक, ऑडियो पाठ, टेस्ट सीरीज आदि से समृद्ध ये लैपटॉप व टेबलेट पीसी विद्यार्थियों की ज्ञान जिज्ञासा को शान्त करने में महती भूमिका निभाएंगे। भारी-भरकम पुस्तकों की तुलना में लैपटॉप कहीं अधिक पाठ्य सामग्री संधारित कर सकते हैं। विद्यार्थी इनमें ईबुस को ऑफलाइन व ऑनलाइन और दैनिक समाचार पत्रों को इंटरनेट के माध्यम से सरलता से पढ़ सकेंगे। अलग-अलग स्थानों पर बैठे हुए विद्यार्थी ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करते हुए अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। विद्यार्थी घर बैठे ही रोजगार के अवसरों की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म भर सकेंगे। इन परीक्षाओं  की तैयारी में भी लैपटॉप खासे मददगार साबित होंगे। अंग्रेजी समेत किसी अन्य भाषा के शब्‍दों का अर्थ जानना हो या सही-सही उच्चारण, वे इंटरनेट के माध्यम से सरलता से इसकी जानकारी पाकर अपने भाषा ज्ञान और कौशल में निखार ला सकते हैं।


युवा पीढ़ी तथा छात्र-छात्राओं में शैक्षणिक दृष्टि से गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से की गई यह पहल निस्संदेह उनके लिए विश्वभर में फैली ज्ञान और सूचनाओं की नई खिड़कियां खोलेगी जो अंततः उन्हें सम्भावनाओं के नए द्वार दिखाएगी।

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