मंत्रिमंडल ने 12वीं योजना अवधि
के दौरान कौशल विकास स्कीम जारी रखने को अपना अनुमोदन प्रदान कर दिया है। इसमें
कुछ परिवर्तन किये गए हैं, जो निम्नलिखित है :-
1. इस स्कीम के अंतर्गत प्रति प्रशिक्षणार्थी
खर्च बढ़ाकर 15 रुपए से 20 रुपए और 25
रुपए प्रति घंटे कर दिया गया है।
2. पूर्वोत्तर राज्यों, वामपंथ प्रेरित
उग्रवाद प्रभावित जि़लों, विशेष वर्ग वाले राज्यों और अंडमान
एवं निकोबार द्वीपसमूह तथा लक्ष्यद्वीप में प्रशिक्षणार्थियों को उक्त से 10
प्रतिशत अधिक खर्च प्रदान किया जाएगा।
3. निवास और खाने-पीने के लिए प्रति उम्मीदवार 300
रुपए प्रति दिन कर दिया गया है। हर उम्मीदवार के ऊपर अनुछेद-2
में बताए गए क्षेत्र में रहने वालों को 5,000 रुपए परिवहन
(आने-जाने) के लिए मिलेंगे। यह खर्च उन लोगों को दिया जाएगा, जो
प्रशिक्षण के लिए अपने क्षेत्र से बाहर जाते हैं।
4. व्यावसायिक प्रशिक्षण देने वालों को 3,000
रुपए की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह राशि यह सुनिश्चित करने के लिए होगी
कि हर बैच के कम से कम 70 प्रतिशत लोगों को न्यूनतम 6,000
रुपए प्रति माह के वेतन पर प्लेसमेंट मिले।
5. राज्यों को कुल के 4 प्रतिशत की बराबर
राशि प्रशासनिक व्यय के रूप में खर्च करने की अनुमति होगी।
12वीं योजना अवधि में उम्मीद की जाती है कि लगभग
25 लाख युवाओं को इस स्कीम के अंतर्गत प्रशिक्षण पाना संभव होगा। इससे
उद्योगों को प्रशिक्षित जनशक्ति मिल सकेगी।
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