भारत व थाईलैंड ने आर्थिक और सांस्कृतिक
क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के साथ आतंकवाद, मादक पदार्थो की तस्करी व धन के अवैध प्रवाह पर रोक
लगाने के लिए गुरूवार को सात समझौते किए। इनमें प्रत्यर्पण व सजायाफ्ता लागों को
एक-दूसरे को सौंपने की संधि भी है। भारतीय पीएम मनमोहन सिंह दो दिन की यात्रा पर
थाईलैंड पहुंचे। उन्होंने थाईलैंड पीएम इगलुक शिनवात्रा के नेतृत्व में
प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए। थाईलैंड ने
सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्यता देने का समर्थन किया।
भारत तथा थाईलैंड के मध्य समझोते के मुख्य
बिंदु निम्नलिखित हैं.
· प्रत्यर्पण संधि पर दस्तखत ।
· आतंकी व अन्य अपराधों के लिए धन मुहैया कराने पर रोक
संबंधी अन्य
समझौता।
· सजायाफ्ताओं की सुपुर्दगी संबंधी-12 में हुई संधि की पुष्टि।
· तटरक्षक बलों के बीच सहयोग बढ़ाने पर सहमति।
· आर्थिक व्यापारिक एवं निवेश के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे।
· दोनों देशों ने उद्यमियों को त्वरित व्यापार वीसा पर सहमति।
· भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना को 2016
के पहले
पूरा करने पर सहमति।
· भारत व मीकांग उपक्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क के साथ व्यापार,
निवेश, पर्यटन व अन्य गतिविधियों के विस्तार पर राजी।
· थाईलैंड नालंदा विवि को 33 हजार डॉलर अतिरिक्त देगा। बौद्ध
कला पर
प्रदर्शनी लगेगी।
· भारत थाई छात्रों को तकनीक- आर्थिक सहयोग के तहत 90,
भारतीय सांस्कृतिक संबंध
परिषद के 26 तथा आयुर्वेदिक, योग
के तहत अनेक छात्रवृत्तियां
देगा।
· थाईलैंड सिल्पकोर्न विवि में संस्कृत अध्ययन पीठ व थम्मासात
विवि में
हिंदी अध्ययन पीठ स्थापित होगी।
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