नर्सों
की सराहनीय सेवा को मान्यता प्रदान करने के लिए भारत सरकार के परिवार एवं कल्याण
मंत्रालय ने राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार की शुरूआत की। पुरस्कार
प्रत्येक वर्ष 12 मई को दिये जाऐंगे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 1973 से अभी तक कुल 237 नर्सों को इस सम्मानित किया है।
इस वर्ष 35 नर्सों को पुरस्कार दिया जायेगा। इस प्रकार इस
वर्ष तक कुल सम्मानित नर्सों की संख्या 272 हो जायेगी। यह
पुरस्कार प्रति वर्ष माननीय राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं।
आधुनिक
नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगल का जन्म 12 मई 1820 को हुआ था। 1965 से अभी तक यह दिन प्रत्येक वर्ष इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय
नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इंटरनेशनल
काउंसिल ऑफ नर्सेज, नर्सों के लिए नए विषय की शैक्षिक और सार्वजनिक सूचना की जानकारी की
सामग्री का निर्माण और वितरण करके इस दिन को याद करता है।
अंतर को
कम करना इस वर्ष के थीम के रूप में चयन किया गया है, सहस्राब्दि विकास लक्ष्य संख्या 4,5 और 6; शिशु मृत्यूदर को कम करना; मातृत्व स्वास्थ्य में सुधार और एचआईवी/ एडस, मलेरिया
और अन्य बीमारियों से लडना।
यह पुरस्कार
केन्द्र अथवा राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों में कार्यरत सरकारी नर्सों, स्वैच्छिक संगठनों,
मिशन संस्थानों और निजी संस्थानों में शानदार काम करने वाले
नर्सिंग कर्मचारियों को संबंधित सरकारों की अनुशंसा के आधार पर दिये जाऐंगे। फ्लोरेंस
नाइटिंगल पुरस्कार में 50 हजार रूपए नकद, एक प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया जाता है।
इस वर्ष
का फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति
भवन के दरबार हॉल में 12 मई 2013 को प्रदान किया जाएगा। विभिन्न श्रेणियों
से कुल 25 पुरस्कार पाने वाले नर्सिंग कर्मियों का चयन पूरे
देश के 21 राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों और केन्द्रीय
संस्थानों से किया गया है।
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