भारत और चीन की सेनाओं के बीच आमना-सामना होने की स्थिति की नौबत
समाप्त होने के साए में 20 मई 2013 को दोनों
देशों के शीर्ष नेतृत्व ने सीमा पर शांति सुनिश्चित करने के लिए नए उपाय करने पर
सहमति जाहिर की और आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
लद्दाख में चीनी सेना के भारतीय क्षेत्र में 19 किलोमीटर तक भीतर तक
घुसकर तंबू गाड़ने की घटना का शांतिपूर्ण समाधान होने के बावजूद चीन के
प्रधानंमत्री ली क्विंग के साथ बातचीत में सीमा पर शांति का मामला ऊपर रहा और भारत
ने यह साफ बता दिया कि दोनों देशों के संबंधों के आधार सीमा पर शांति है और इसे हर
कीमत पर बरकरार रखना होगा।
दोनों पक्षों ने आपसी संबंध बढ़ाने के लिए जिन आठ समझौतों पर
हस्ताक्षर किए उनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा, जल प्रबंधन, शहरी विकास और आर्थिक मामलों संबंधी
शामिल हैं। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने सीमा पर शांति कायम रखने पर सहमति
व्यक्त करते हुए अपने विशेष प्रतिनिधियों शांति के लिए अतिरिक्त उपायों पर बातचीत
करने का कहा है।
भारत ने चीनी प्रधानमंत्री को स्पष्ट बता दिया कि सीमा विवाद के हल की
दिशा मे तेजी से आगे बढ़ना होगा। दूसरी ओर चीनी प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि
सीमा को लेकर कुछ समस्याएं है और दोनों देशों में इस बात पर सहमति है कि सीमा
प्रबंधन तंत्र मे सुधार की जरूरत है।
प्रधानमंत्री डॉ. सिंह ने अपनी प्रेस क्रॉफ्रेंस में पश्चिमी मोर्चे
से लद्दाख में हाल में हुई चीनी घुसपैठ का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने
इससे सबक सीखा है तथा ऐसे मुद्दों को सुलझाने के लिए कायम प्रणाली का लेखाजोखा
लिया है। उन्होंने कहा कि समाधान की मौजूदा प्रणाली उपयोगी सिद्ध हुई है।
उन्होंने कहा कि सीमा विवाद का यथाशीघ्र समाधान होना चाहिए तथा इसी
उद्देश्य से दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि शीघ्र ही बैठक कर एक उचित और
स्वीकार्य हल तक पहुंचने की कोशिश करेंगे।
ब्रह्मपुत्र नदी के जल प्रवाह में कमी को लेकर भारत की चिंता के संबंध
में डॉ. सिंह ने कहा कि नदी के निचले भाग वाले देश के हितों का संरक्षण होना
चाहिए। उन्होंने जलप्रवाह को आंकने के लिए गठित मौजूदा विशेषज्ञ दल का
कार्यक्षेत्र बढ़ाने पर भी जोर दिया।
साझा नदियों के जल प्रबंधन के बारे में आज हुए करार पर डॉ. सिंह ने
प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि दोनों देश हिमालयी क्षेत्र का
पर्यावरण सुरक्षित रखने के लिए मिल कर काम करेंगे।
चीनी क्षेत्र में बन रहे बांधों के कारण ब्रह्ममपुत्र नदी पर बांध
बनाने की चीनी गतिविधियों को लेकर भारत की चिंताओं को दूर करने की पहल करते हुए
दोनों देशो ने एक महत्वपूर्ण समझौता किया, जिसके तहत चीन हर साल एक जून से लेकर 15 अक्टूबर तक दिन में दो बार अपने
हाइड्रोलॉजिकल स्टेशनों के जल स्तर और जल प्रवाह संबंधी सूचनाएं भारत को देगा।
कैलास मानसरोवर यात्रा हर साल मई से सितंबर के बीच आयोजित करने संबंधी
फैसले पर विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने हस्ताक्षर
किए। चीन ने कैलास मानसरोवर यात्रियों की सुविधाओं में सुधार करने और संचार के लिए
किराए पर वायरलेस सेट और लोकल सिम कार्ड उपलब्ध कराने का समझौता किया।
आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देशों ने तीन कार्य समूह गठित करने
का समझौता किया। इस समझौते पर वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा और चीन के वाणिज्य मंत्री
कुआ हुचेग ने हस्ताक्षर किए।
भैस के मांस, मछली उत्पादों और
चारे को स्वास्थ्यकर बनाने का समझौता भी दोनों देशों ने किया है। शहरी क्षेत्रों
में सीवेज ट्रीटमेट और आपसी हिता मामलों में अपने अनुभवों का साझा करने संबंधी
सहमति पत्र हस्ताक्षर किए गए।
दोनों देश अपने लोगों के बीच संबंध बढ़ाने के लिए अपने विभिन्न नगरों
और राज्यों की पहचान कायम करने पर सहमत हो गए ताकि इन नगरों और राज्यों के लोगों
के बीच आपसी संपर्क बढ़ाया जा सके।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें