गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

बजट 2013 के महत्वपूर्ण बिन्दु


·         कंपनियों द्वारा राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे पर आयकर छूट नहीं मिलेगी.
·         बजट में निर्भया फंड पर दिल्‍ली गैंगरेपी पीड़ि‍ता के पिता ने जताई खुशी.
·         सूती कपड़ों पर ड्यूटी खत्म.
·         हैंडमेड कारपेट पर एक्साइज ड्यूटी खत्म.
·         जूते और रॉ सिल्क महंगे होंगे.
·         मार्बल पर ड्यूटी बढ़ी.
·         बेशकीमती पत्थर सस्ते होंगे.
·         चांदी पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ी.
·         10 करोड़ रुपये वाली कंपनी पर 10 फीसदी सरचार्ज.
·         भारत 7वीं बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बन सकता है.
·         खाने-पीने की चीजें महंगी नहीं होंगी.
·         डारयेक्‍ट कैश ट्रांसफर 2014 तक पूरे देश में लागू होगा.
·         सिगरेट, सिगार पर एक्साइज ड्यूटी बढ़कर 18 फीसदी हुई.
·         800 cc से अधिक वाली विदेशी मोटरसाइकिलों पर 60 फीसदी टैक्स
·         SUV गाडियों पर ड्यूटी 30 फीसदी की गई.
·         सर्विस टैक्‍स ना चुकाने वालों के लिए नई स्‍कीम.
·         लग्‍जरी मोटर कार पर एक्‍साइज ड्यूटी में 100 फीसदी इजाफा.
·         AC रेस्‍टोरेंट में खाना होगा महंगा, सर्विस चार्ज लगेगा.
·         2000 से अधिक कीमत वाले मोबाइल फोन पर 6 फीसदी ड्यूटी लगाई गई.
·         2000 से अधिक कीमत वाले मोबाइल फोन महंगे होंगे.
·         SUV गाड़‍ियां महंगी होंगी.
·         सिगरेट-सिगार महंगे होंगे.
·         विदेशी मोटर बाइक और कारें भी होंगी महंगी.
·         सेट टॉप बॉक्‍स पर इम्‍पोर्ट ड्यूटी 5 से बढ़ाकर 10 फीसदी.
·         लेदर और लेदर से बनी चीजों पर ड्यूटी घटी.
·         सेट टॉप बॉक्‍स महंगा होगा.
·         कमोडिटीज ट्रांजैक्‍शन टैक्‍स लागू होगा.
·         सर्विस टैक्‍स और एक्‍साइज टैक्‍स 12 फीसदी ही रहेगा.
·         शेयर खरीदने पर STT चार्ज घटाया गया.
·         खेती की जमीन खरीदने पर नहीं लगेगा TDS.
·         एजुकेशन सेस 3 फीसदी ही रहेगा.
·         50 लाख से ज्‍यादा की संपत्ति खरीदने पर पर 1 फीसदी TDS.
·         नेशनल चिल्‍ड्रेन फंड में डोनेशन पर 100 फीसदी छूट.
·         1 करोड़ से ज्‍यादा आय वाले 42800 लोग हैं देश में.
·         अमीरों पर टैक्‍स बढ़ा, अब देना होगा ज्‍यादा टैक्‍स.
·         सालाना 1 करोड़ से ज्‍यादा आयवालों पर 10 फीसदी सरचार्ज.
·         2 से 5 लाख की आय पर इनकम टैक्‍स में 2000 रुपये की छूट.
·         हर व्‍यक्ति को टैक्‍स में 2000 रुपये की छूट.
·         इनकम टैक्‍स स्‍लैब में कोई बदलाव नहीं.
·         टैक्‍स रिफॉर्म अथॉरिटी बनाने का प्रस्‍ताव.
·         अगले साल वित्तीय घाटे का लक्ष्‍य 3.3 फीसदी.
·         गैरयोजनागत खर्च के लिए 11,09,975 करोड़.
·         राजको‍षीय घाटा 4.8 फीसदी: चिदंबरम.
·         दलित लड़कियों के लिए स्‍कॉलरशिप.
·         युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए 1000 करोड़.
·         महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध: चिदंबरम.
·         महिलाओं के लिए निर्भया फंड, 1000 करोड़ रुपये का प्रस्‍ताव.
·         पोस्‍टऑफिस भी बैंकिंग का काम करेंगे.
·         पंचायती राज मंत्रलाय को अतिरिक्‍त 200 करोड़.
·         पटियाला में बनेगा खेल शिक्षण संस्‍थान, 250 करोड़ का प्रस्‍ताव.
·         AMU, BHU समेत 4 संस्‍थानों को 100 करोड़ का अनुदान.
·         अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए 5,615 करोड़ का प्रस्‍ताव.
·         रक्षा मंत्रालय को 2 लाख 3 हजार 672 करोड़.
·         देश की सुरक्षा के लिए पैसे की कमी नहीं होगी.
·         ऑटो ड्राइवर भी स्‍वास्‍थ्‍य बीमा के दायरे में.
·         10 फीसदी से ज्‍यादा निवेश एफडीआई माना जाएगा.
·         हमारा शेयर बाजार सबसे रेगुलेटेड बाजार: चिदंबरम.
·         सभी सरकारी बैंक ऑनलाइन होंगे.
·         हर सरकारी बैंक में LIC ये पब्लिक सेक्‍टर इंश्‍योरेंस यूनिट होगा.
·         आवास कोष बनाया जाएगा, 2000 करोड़ का आवंटन.
·         असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए भी स्‍वास्‍थ्‍य बीमा होगा.
·         ग्रामीण आवासीय परियोजना के लिए 600 करोड़.
·         राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना का दायरा बढ़ेगा.
·         10 हजार से ज्‍यादा आबादी वाली जगहों पर LIC का दफ्तर होगा.
·         अक्‍टूबर में खोला जाएगा पहला महिला बैंक. पूरी तरह महिलाओं से संचालित होगा बैंक.
·         सरकारी बैंक की हर शाखा में एटीएम होगा.
·         देश में बनेगा पहला महिला बैंक.
·         श्रीनगर से लेह तक नया हाइवे बनेगा.
·         सरकारी बैंकों को 14 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
·         6 फीसदी ब्‍याज दर पर बुनकरों को कर्ज मिलेगा.
·         बुनकरों के लिए 96 हजार करोड़: वित्त मंत्री.
·         कारखानों के लिए 500 करोड़ के फंड का ऐलान.
·         शहरों में सड़कों के लिए 10 हजार करोड़ रुपये.
·         कोयले का उत्‍पादन बढ़ाने पर नीति बनेगी.
·         पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में दो नए पोर्ट बनेंगे.
·         पहली बार घर खरीदने वालों को 25 लाख के होम लोन पर एक लाख की अतिरिक्‍त छूट.
·         निवेश भत्ते के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रस्‍ताव.
·         घरेलू बचत में कमी आई है: चिदंबरम.
·         छोटे उद्यमियों के लिए निवेश भत्ता शुरू होगा.
·         AIIMS जैसे 6 और मेडिकल कॉलेज खुलेंगे.
·         नाबार्ड के लिए 5000 करोड़ रुपये का प्रस्‍ताव.
·         ग्रामीण बजट में 45 फीसदी का इजाफा.
·         50 हजार करोड़ के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर बॉन्‍ड जारी होंगे.
·         नेशनल लाइव स्‍टॉक मिशन 2013 में लॉन्‍च होगा.
·         इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में 47 फीसदी विकास निजी क्षेत्र करेगा.
·         खाद्य सुरक्षा के लिए 10 हजार करोड़ का प्रस्‍ताव.
·         रांची में इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ बायोटेक्‍नोलॉजी बनेगा.
·         खाद्य सुरक्षा बिल जल्‍द पास होगा: चिदंबरम.
·         खेती तकनीक में सुधार के लिए 500 करोड़.
·         पूर्वी राज्‍यों को 1000 करोड़.
·         महिला विकास के लिए 97 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान.
·         केरल में नारियल की खेती के लिए 75 हजार करोड़.
·         मिड डे मील के लिए 13215 करोड़ रुपये.
·         कृषि मंत्रालय के लिए 27049 करोड़ रुपये का प्रवधान.
·         JNNURM के लिए 14,700 करोड़.
·         किसानों के लिए ऋण माफी की योजना जारी रहेगी.
·         ग्रामीण विकास के लिए 80 हजार करोड़.
·         मनरेगा के लिए 33 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान.
·         अगले वित्त वर्ष के लिए 16 लाख 65 करोड़ व्यय का लक्ष्य.
·         प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 21,700 करोड़.
·         चिदंबरम के बजट भाषण के दौरान लोकसभा में हंगामा.
·         महिलाओं और बच्‍चों के लिए नई योजना में 200 करोड़.
·         आदिवासी विकास के लिए 25 हजार करोड़.
·         65,867 करोड़ मानव संसाधन मंत्रालय के लिए.
·         खर्चों में कटौती के अलावा कोई विकल्‍प नहीं: चिदंबरम.
·         मेडिकल शिक्षा के लिए 4727 करोड़ रुपये.
·         अल्‍पसंख्‍यकों के लिए 3511 करोड़ रुपये का प्रावधान.
·         अगली पंचवर्षीय योजना में 8 फीसदी विकास का लक्ष्‍य.
·         8वीं बार बजट पेश कर रहे हैं चिदंबरम 

अनुशासन की मांग करती आस्था


मौनी अमावस्या के अवसर पर इलाहाबाद में कुंभ स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं की मौत काफी दुखद है। ऐसे हादसे उल्लास और उत्साह से भरे माहौल को पीड़ादायक स्मृतियों में बदल देते हैं। हालांकि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरी-पूरी व्यवस्था की जाती है। जाहिर है, कहीं न कहीं व्यवस्था या अनुशासन में कोई चूक हुई, जिससे इतना बड़ा हादसा हो गया।किसी भी बड़े आयोजन के दो पहलू होते हैं- एक, व्यवस्था और दूसरा, जनमानस का अनुशासन। यदि अनुशासन नहीं हो, तो व्यवस्था की नाकामी तय है। इलाहाबाद स्टेशन पर इतनी ज्यादा भीड़ उमड़ आई और लोग एक संकरे पुल से प्लेटफॉर्म पर पहुंचने की जल्दीबाजी में थे। यह बहुत स्वाभाविक-सी बात है कि जब किसी को खड़े होने की पर्याप्त जगह नहीं मिलती, और भीड़ पीछे से धक्के दे रही हो, तो उसमें कमजोर, बुजुर्ग व अशक्त लोग गिर जाते हैं और फिर उस मानव-वेग को थाम पाना किसी के लिए तत्काल मुमकिन नहीं रह जाता।

हमारे देश में अब जितने भी धार्मिक मेले हो रहे हैं, उसमें जबर्दस्त भीड़ उमड़ रही है, लोग बड़ी संख्या में आने लगे हैं। ऐसे में, निश्चित रूप से अधिक चौकस रहने की जरूरत है।लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हर व्यवस्था अंत में जाकर एक कांस्टेबल पर निर्भर करती है। ऐसे में, मौके पर व्यवस्था संभालने में उसकी सूझबूझ और चौकसी की सबसे अहम भूमिका होती है। कुंभ प्रशासन मेले को कामयाब बनाने के लिए पिछले तीन महीने से लगा हुआ है। और यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि यह मेला अंतरराष्ट्रीय महत्व का है और दुनिया भर में इसकी चर्चा होती है। इस तरह के आयोजन की तैयारी बिल्कुल जंग की तरह की जाती है। इनके लिए पुलिस की खास ट्रेनिंग, मॉक ड्रील, प्रशासनिक अमले में तालमेल पर विशेष जोर दिया जाता है। कुंभ के लिए तो अलग से विशेष अधिकारी नियुक्त की जाती है और अलग से पुलिस बंदोबस्त भी होता है।

लेकिन यह सब प्रशासन की जिम्मेदारी है, और उसे अपनी जिम्मेदारी निभानी ही चाहिए। जहां तक हादसे के बाद मचने वाली अफरा-तफरी से निपटने की बात है, तो यहीं पर सबसे अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। अव्वल तो ऐसी स्थिति पैदा ही नहीं होनी चाहिए, मगर यदि हालात सामने आ जाएं, तो उससे कुशलतापूर्वक निपटना सबसे बड़ी चुनौती है।इसके लिए नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी एक ऐसी गाइड लाइन तैयार कर रही है, जो सबको मंजूर हो और लोग उस पर चलें। प्रशासन को रिस्क वलनरेबिलिटी मैनेजमेंट के लिए तैयार करना होगा। यानी कुंभ की ही लें, तो हमें यह पहले से मालूम होना चाहिए कि लोगों के विशाल जमावड़े के बाद किस-किस तरह की स्थितियाँ पैदा हो सकती हैं और उनसे हम कैसे जूझोंगे? हमें इस कवायद में किन-किन साधनों की जरूरत होगी और व्यवस्था के निचले क्रम के लोगों को तत्काल सतर्क करने के हमारे क्या तरीके होंगे?

इलाहाबाद की घटना में स्टेशन पर कई लोगों ने शिकायत की कि घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की संख्या नाकाफी थी। लेकिन इसके लिए दूसरी व्यवस्थाएं की जा सकती हैं। घटना घटने के बाद कुछ वक्त अधिकारियों को यह समझने में लग जाता है कि वे स्थिति से कैसे निपटें? यह देरी ही कई घायलों के लिए घातक सिद्ध होती है और लोगों के असंतोष की वजह बनती है। ऐसे मौकों पर घटनास्थल पर मौजूद अधिकारी के पास बेहतर संचार, ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था पहले से होनी चाहिए। हमारे यहां के बड़े धार्मिक आयोजनों की एक बड़ी परेशानी यह होती है कि व्यवस्था संचालन में हम धर्मगुरुओं और उनके अनुयायियों का सहयोग नहीं लेते। यह उचित नहीं है।
हमारे यहां वोलंटियरशिपका अभाव है, जबकि वोलंटियरों के कुशल प्रबंधन के उदाहरणों के लिए हमें बहुत दूर नहीं जाना है।गुरुद्वारो में वोलंटियरों की भूमिका को देखा जाए तो  उनमें जबर्दस्त सेवा भाव होता है। जितनी भी संगत गुरुद्वारों में अरदास के लिए जुटती है, उनकी हर जरूरत को पूरा करने के लिए वोलंटियर तत्पर रहते हैं।

इसी तरह, व्यास पीठ वालों के सत्संग की व्यवस्था को देखा गया है। उनमें कोई पुलिस नहीं जाती, न ही अर्ध सैनिक बल जाते हैं, लेकिन वहां सब कुछ व्यवस्थित तरीके से होता है और अपार जन-समूह बिल्कुल सुरक्षित तरीके से अपनी धार्मिक परंपराओं का निर्वाह करता है।लेकिन,कोई भी फौज, या पुलिस या वोलंटियरों का समूह कुछ नहीं कर सकता, यदि करोड़ों लोग कहीं एकत्र हों और वे धीरज, आत्मसंयम का परिचय न दें।

कुंभ में जितनी बड़ी तादाद में लोग जुटे हैं। निस्संदेह, उसमें बहुत सारे ऐसे बुजुर्ग भी होंगे, जिनकी शारीरिक ताकत भीड़ के वेग को ङोल नहीं सकती। वे अपनी आस्था की डोर पकड़े वहां चले आए हैं। ऐसे तीर्थयात्रियों के साथ परिवार के किसी न किसी नौजवान सदस्य को अवश्य होना चाहिए। फिर उनके स्वच्छ खान-पान की व्यवस्था भी उन्हें अपने तईं करनी चाहिए। प्रशासन के निर्देशों को नजरअंदाज करने की प्रवृत्ति भी छोड़नी पड़ेगी। कुंभ जैसे आयोजन बेहतर सामंजस्य, और जन-अनुशासन के बिना निरापद नहीं संपन्न हो सकते।
                                                             रंजीता चोधरी
   

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