भारत में नया कारोबार शुरू करने या नई
औद्योगिक इकाई लगाने के बारे में पड़ताल
करना एक जटिल प्रक्रिया है। इसका कारण, यह जटिल और उलझा हुआ तथ्य है कि ऐसा
करने के लिए विभिन्न स्तरों पर कई सरकारी एजेंसियों से लाइसेंस और चालान
लेने की जरूरत पड़ती है। इतना ही नहीं, यदि कोई निवेशक इन सेवाओं के बारे में जरूरी जानकारी प्राप्त करना
चाहे, तो वह अक्सर विविध वैबसाइट्स पर
उपलब्ध कई तरह के कानूनों, नियमों और प्रक्रियाओं में ही उलझ कर रह जाता है। परिणामस्वरूप
उचित जानकारी के अभाव और उसके बाद बिचौलिए के मार्ग-दर्शन पर निर्भर होने की
वजह से एक औसत निवेशक दुविधा में घिर जाता है और खुद को हारा हुआ महसूस करता
है।
उसकी जद्दोजहज यही खत्म नहीं होती। इसके बाद उसे कई पडाव पार करने होते
हैं, क्योंकि कम महत्व वाले शोध और बिचौलिए
से जुटाई गई सूचना ज्यादा खौफनाक होती है। इसके बाद निवेशक को आगे बढ़ने के लिए
विभिन्न सरकारी एजेंसियों के साथ संपर्क करने की लंबी प्रक्रिया से गुजरना
पड़ता है। बिजनेस यूजर को हर सेवा के लिए संबद्ध एजेंसी में व्यक्तिगत तौर पर
आवेदन करना पडता है और उस एजेंसी द्वारा प्राधिकृत सीमित बैंकों में ही भुगतान
करना पड़ता है। इसके अलावा यूजर को मोटे तौर पर समान सूचना बार-बार देने पड़ती है।
इससे स्पष्ट रूप से जाहिर होता है कि वर्तमान प्रक्रिया ज्यादा समय खपाने
वाली, खर्चीली और बेढंगी है।
केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग और वस्त्र मंत्री श्री आनंद
शर्मा ने हाल ही में एक ई बिज पोर्टल लॉच किया है, जिसे भारत के गवर्नमेंट-टू-बिजनेस (जी2बी) के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा
है, ताकि कारोबारियों और निवेशकों के
समय की बचत और लागत कम की जा सके तथा देश में व्यापार के वातारण संबंधी दृष्टिकोण
में सुधार लाया जा सके। ईबिज परियोजना औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा
इंफोसिज लिमिटेड द्वारा संचालित किया जा रहा है। यह राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस
योजना (एनईजीपी) के तहत 31 मिशन मोड प्रॉजेक्ट्स में से एक है। ईबिज एक परिवर्तनकारी परियोजना है, जो ई-गवर्नेंस को ऑन-लाइन लेनदेन के
दायरे से बढ़ाकर निवेशकों और कारोबारियों को पूरे कारोबारी चक्र के दौरान सेवाएं
प्रदान करने संबंधी सरकार के दृष्टिकोण में बदलाव की ओर ले जा रही है।
इंफोसिस, दस वर्षीय कार्यक्रम के तहत परियोजना
की विभिन्न सेवाओं की चरणबद्ध शुरूआत करेगा। पहले चरण के दौरान, श्री शर्मा ने लाइसेंस एण्ड परमिट
इंफोरमेशन विजार्ड लॉच किया है। लाइसेंस एण्ड परमिट इंफोरमेशन विजार्ड निवेशकों
और कारोबारियों के लिए आवश्यक जानकारी साक्षात्कार के की शैली के प्रारूप में जवाब देते हुए प्रदान
करता है। विजार्ड केंद्र सरकार, पायलट राज्यों और निजी एजेंसियों
की सौ से ज्यादा सेवाओं के बारे में सूचना प्रदान करता है।
ईबिज परियोजना, निवेशकों, उद्योगों और कारोबारियों को फॉर्म्स
और प्रक्रियाओं से लेकर लाइसेंस, परमिट, पंजीकरण, मंजूरी, चालान, अनुमति, रिपोर्टिंग, फाइलिंग, भुगतान और स्वीकृतियों तक के क्षेत्रों की जानकारी, किसी उद्योग या कारोबारी इकाई के पूरे
व्यापारिक चक्र के दौरान कारगर, सुविधाजनक, परदर्शी और एकीकृत इलैक्ट्रोनिक सेवाएं प्रदान कर देश में कारोबार
के वातावरण में बदलाव लाने की परिकल्पना करती है। इस परियोजना का सार व्यापारिक
समुदाय को सेवाएं प्रदान करने में सरकार के नजरिये में विभाग केंद्रित की जगह
उपभोक्ता केंद्रित नजरिया अपनाने जैसे बदलाव पर निर्भर करता है। ईबिज पोर्टल
निवेशकों को सुविधाजनक और कारगर सेवाएं उपलब्ध कराने तथा व्यापार और उद्योगों
की शुरूआत से लेकर पूरे व्यापारिक चक्र के दौरान की जरूरते पूरी करने के लिए एक
ही स्थान पर सारी सूचनाएं उपलब्ध कराने का माध्यम साबित होगा।
ईबिज पोर्टल, पूरी
तरह ऑपरेशनल होने के बाद, सभी व्यापारिक लाइसेंसों और परमिटों के लिए एक ही स्थान पर पूरी
जानकारी प्रदान करने वाले माध्यम की तरह काम करेगा। यह पोर्टल विभिन्न स्तरों
पर विविध नियामक प्राधिकरणों के साथ प्रत्यक्ष संपर्क की जरूरत समाप्त करने
का दावा करता है। इसके अलावा, ये पोर्टल निवेशकों को विभिन्न रिटर्न्स दाखिल करने, करों का भुगतान करने तथा स्वीकृतियां
दर्ज कराने के लिए एकल खिड़कियां मुहैया कराएगा। इस पोर्टल के माध्यम से विभिन्न
एजेंसियों के लिए विविध प्रकार के आवेदन पत्रों के वास्ते एकल भुगतान तथा विभागों
और एजेंसियों के लिए आबंटन तथा भुगतान की राउटिंग इलैक्ट्रॉनिकली हो सकेगी।
ईबिज पोर्टल संबंधित निवेशकों तथा विभागों दोनों के लिए फायदेमंद
रहेगा। ईबिज कारोबारियों को सुरक्षित, कारगर तथा इस्तेमाल में आसान ऑन लाइन मंच के माध्यम से सूचना तथा
जी2बी सेवाओं तक पहुंच दिलाते हुए
पारदर्शिता और कारगरता में सुधार लाएगा। निवेशक पोर्टल का इस्तेमाल कारोबार
शुरू करने या उसे संचालित करने के लिए मंजूरी, लाइसेंस और परमिट लेने के वास्ते आवेदन करने, आर्टिफैक्ट्स के साथ ऑनलाइन फॉर्म
जमा करवाने, संबद्ध विभागों को ऑनलाइन फीस जमा
कराने के लिए कर सकता है। इतना ही नहीं यह पोर्टल कारोबारियों को स्टेट्स पता
लगाने तथा शिकायत निवारण तंत्रों की सुविधा उपलब्ध कराने के अलावा विशिष्ट
रूप से अलर्ट्स और अधिसूचनाएं भी भेजेगा।
ईबिज पोर्टल समाधान विभागों को आवेदन
पत्रों को कारगर,
पारदर्शी
और त्वरित रूप से निपटाने में भी सक्षम बनाएगा। ये विभागों का ऑनलाइन
प्रोसेसिंग के बारे में शुरू से आखिर तक मार्गदर्शन करेगा। पोर्टल फाइल नोटिंग, पर्यवेक्षण तथा परामर्श की सुविधा भी
देगा। पोर्टल में विभाग की कार्यप्रणाली के मुताबिक ऐप्लिकेशन की ऑटोमेटिड
रॉउटिंग प्रॉसेसिंग आफिसर को करने का
प्रावधान मौजूद है। विभागीय कर्मचारी अधिक स्पष्टीकरण के लिए आवेदकों के साथ
इलैक्ट्रॉनिक रूप से संपर्क कर सकते हैं।
पहले चरण के बाद, इस
साल बाद में लॉच होने वाले प्लेटफॉर्म में डीआईपीपी की दो अतिरिक्त सेवाओं
यानी इंडस्ट्रियल लाइसेंस और इंडस्ट्रियल एंटरप्रेन्योर मेमोरेंडम को ईबिज
पोर्टल में ऑनलाइन भुगतान सुविधा के साथ जोड़ा जायेगा। इसके बाद तीसरे चरण में
आंध्र प्रदेश सिंगल विंडो रॉलआउट लॉच किया जाएगा जिसमें आंध्र प्रदेश से जुड़ी
सेवाएं बडी संख्या में एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकेंगी। अगला चरण अतिरिक्त
पीएसयू बैंकों के साथ एककीरण सहित महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली
और हरियाणा से जुड़ी सेवाओं को शुरू करने का आधार तैयार करेगा। 6 साल बाद इस परियोजना के देश भर में लागू होने तथा अन्य मूल्य वर्धित
सेवाओं के साथ-साथ 200 से
ज्यादा जी2बी सेवाएं उपलब्ध कराने की संभावना है। ईबिज पोर्टल पूरी तरह से लागू होने के बाद सभी
जी2बी संपर्कों के लिए एकल, सेवा आधारित, इवेंट-ड्रिवन इंटरफेस भारत की
कारोबारी प्रतिस्पर्धात्मकता बढेगी।
(पत्र सूचना कार्यालय विशेष लेख)
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