मंगलवार, 20 नवंबर 2012

परमवीर चक्र


परम का मतलब है सर्वोच्च और वीर का अर्थ है बहादुर तथा चक्र का अर्थ है व्हील या मेडल। इसी तरह का एक सम्मान ब्रिटिश आर्मी में भी दिया जाता है। इसका नाम विक्टोरिया क्रॉस है। इसी तरह अमेरिका में सर्वोच्च सैन्य सम्मान है- मेडल ऑफ ऑनर। फ्रेंच सैनिकों को सर्वोच्च वीरता के लिए लेजन ऑफ ऑनर दिया जाता है। परमवीर चक्र सम्मान की शुरुआत भारत के गणतंत्र होने के दिन यानी 26 जनवरी 1950 को हुई। हालांकि इसकी घोषणा 1950 में हुई, लेकिन इसे माना गया आजादी के दिन यानी 15 अगस्त 1947 से। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले विभिन्न पुरस्कारों में इसका स्थान दूसरे नंबर पर है। भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न है। परमवीर चक्र से नवाजे गए सैनिक को नाम से पहले पीवीसी कहकर पुकारा जाता है। इस सम्मान से नवाजे गए सैनिक को तत्काल तो कुछ धनराशि दी ही जाती है, इसके अलावा पेंशन या फैमिली पेंशन में भी अतिरिक्त राशि की व्यवस्था की जाती है।
रिबैंड बार
यदि कोई परमवीर चक्र विजेता दोबारा शौर्य का परिचय देता है और उसे परमवीर चक्र के लिए चुना जाता है तो इस स्थिति में उसका पहला चक्र निरस्त करके उसे रिबैंड (Riband) दिया जाता है। इसके बाद हर बहादुरी पर उसके 'रिबैंड बार' की संख्या बढ़ाई जाती है। इस प्रक्रिया को मरणोपरांत भी किया जाता है। प्रत्येक रिबैंड बार पर इंद्र के वज्र की प्रतिकृति बनी होती है, तथा इसे रिबैंड के साथ ही लगाया जाता है।
परमवीर चक्र का स्वरूप
भारतीय सेना के रणबांकुरों को असाधारण वीरता दर्शाने पर दिए जाने वाले सर्वोच्च पदक परमवीर चक्र का डिज़ाइन विदेशी मूल की एक महिला ने किया था और 1950 से अब तक इसके आरंभिक स्वरूप में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
26 जनवरी 1950 को लागू होने के बाद से अब तक 21 श्रेष्ठतम वीरों के अदम्य साहस को गौरवान्वित कर चुके इस पदक की संरचना एवं इस पर अंकित आकृतियां भारतीय संस्कृति एवं दैविक वीरता को उद्धृत करती हैं। भारतीय सेना की ओर से 'मेजर जनरल हीरालाल अटल' ने परमवीर चक्र डिजाइन करने की ज़िम्मेदारी 'सावित्री खालोनकर उर्फ सावित्री बाई' को सौंपी जो मूल रूप से भारतीय नहीं थीं।
स्विट्जरलैंड में 20 जुलाई 1913 को जन्मी सावित्री बाई का मूल नाम 'ईवावोन लिंडा मेडे डे मारोस' था जिन्होंने अपने अभिवावक के विरोध के बावजूद 1932 में भारतीय सेना की सिख रेजीमेंट के तत्कालीन कैप्टन विक्रम खानोलकर से प्रेम विवाह के बाद हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया था।
मेजर जनरल अटल ने भारतीय पौराणिक साहित्य संस्कृत और वेदांत के क्षेत्र में सावित्री बाई के ज्ञान को देखते हुए उन्हें परमवीर चक्र का डिजाइन तैयार करने की ज़िम्मेदारी सौंपी। तत्कालीन समय उनके पति भी मेजर जनरल बन चुके थे।

मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) 'इयान कारडोजो' की हालिया प्रकाशित पुस्तक परमवीर चक्र के मुताबिक सावित्री बाई ने भारतीय सेना के भरोसे पर खरा उतरते हुए सैन्य वीरता के सर्वोच्च पदक के डिजाइन के कल्पित रूप को साकार किया। पदक की संरचना के लिए उन्होंने महर्षि दधीचि से प्रेरणा ली जिन्होंने देवताओं का अमोघ अस्त्र बनाने को अपनी अस्थियां दान कर दी थीं जिससे 'इंद्र के वज्र' का निर्माण हुआ था। 


परमवीर चक्र हासिल करनेवाले वीरों की सूची

संख्या
नाम
रेजीमेंट
तिथि
स्थान
टिप्पणी
IC-521
मेजर सोमनाथ शर्मा
चौथी बटालियन, कुमाऊँ रेजीमेंट
3 नवंबर, 1947
बड़गाम, कश्मीर
मरणोपरांत
IC-22356
लांस नायक करम सिंह
पहली बटालियन, सिख रेजीमेंट
13 अक्तूबर, 1948
टिथवाल, कश्मीर
SS-14246
सेकेंड लेफ़्टीनेंट राम राघोबा राणे
इंडियन कार्प्स आफ इंजिनयर्स
8 अप्रैल, 1948
नौशेरा, कश्मीर
27373
नायक यदुनाथ सिंह
पहली बटालियन, राजपूत रेजीमेंट
फरवरी 1948
नौशेरा, कश्मीर
मरणोपरांत
2831592
कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह
छ्ठी बटालियन, राजपूताना राइफल्स
17-18 जुलाई, 1948
टिथवाल, कश्मीर
मरणोपरांत
IC-8497
कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया
तीसरी बटालियन, १गुरखा राइफल्स
5 दिसंबर, 1961
एलिजाबेथ विले, काटंगा, कांगो
मरणोपरांत
IC-7990
मेजर धनसिंह थापा
पहली बटालियन, गुरखा राइफल्स
20 अक्तूबर, 1962
लद्दाख,
JC-4547
सूबेदार जोगिंदर सिंह
पहली बटालियन, सिख रेजीमेंट
23 अक्तूबर, 1962
तोंगपेन ला, नार्थ इस्ट फ्रंटियर एजेंसी, भारत
मरणोपरांत
IC-7990
मेजर शैतान सिंह
तेरहवीं बटालियन, कुमाऊँ रेजीमेंट
18 नवंबर, 1962
रेजांग ला
मरणोपरांत
2639885
कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हामिद
चौथी बटालियन, बाम्बे ग्रेनेडियर्स
10 सितंबर, 1965
चीमा, खेमकरण सेक्टर
मरणोपरांत
IC-5565
लेफ्टीनेंट कर्नल आर्देशिर तारापोर
द पूना हार्स
15 अक्तूबर, 1965
फिलौरा, सियालकोटा सेक्टर, पाकिस्तान
मरणोपरांत
4239746
लांस नायक अलबर्ट एक्का
चौदहवीं बटालियन, बिहार रेजीमेंट
3 दिसंबर, 1971
गंगासागर
मरणोपरांत
10877 F(P)
फ्लाईंग आफिसर निर्मलजीत सिंह शेखो
अठारहवीं स्क्वैड्रन, भारतीय वायुसेना
14 दिसंबर, 1971
श्रीनगर, कश्मीर
मरणोपरांत
IC-25067
लेफ्टीनेंट अरुण क्षेत्रपाल
पूना हार्स
16 दिसंबर, 1971
जरपाल, शकरगढ सेक्टर
मरणोपरांत
IC-14608
मेजर होशियार सिंह
तीसरी बटालियन, बाम्बे ग्रेनेडियर्स
17 दिसंबर, 1971
बसंतार नदी, शकरगढ सेक्टर
JC-155825
नायब सूबेदार बन्ना सिंह
आठवीं बटालियन, जम्मू कश्मीर लाइट इनफेन्ट्री
23 जून, 1987
सियाचिन ग्लेशियर, जम्मू कश्मीर
IC-32907
मेजर रामास्वामी परमेश्वरन
आठवीं बटालियन, मेहर रेजीमेंट
25 नवंबर, 1987
श्रीलंका
मरणोपरांत
IC-56959
लेफ्टीनेंट मनोज कुमार पांडे
प्रथम बटालियन, ग्यारहवीं गोरखा राइफल्स
3 जुलाई, 1999
जुबेर टाप, बटालिक सेक्टर, कारगिल क्षेत्र, जम्मू कश्मीर
मरणोपरांत
2690572
ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव
अठारहवीं बटालियन, द ग्रेनेडियर्स
4 जुलाई, 1999
टाइगर हिल्स, कारगिल क्षेत्र
13760533
राइफलमैन संजय कुमार
तेरहवीं बटालियन, जम्मू कश्मीर राइफल्स
5 जुलाई, 1999
फ्लैट टाप क्षेत्र, कारगिल
IC-57556
कैप्टन विक्रम बत्रा
तेरहवीं बटालियन, जम्मू कश्मीर राइफल्स
6 जुलाई, 1999
प्वाइंट 5140, प्वाइंट 4875, कारगिल क्षेत्र
मरणोपरांत


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कुल पेज दृश्य