गुरुवार, 28 मार्च 2013

भारतीय संस्‍कृति‍ और वि‍श्‍व


विश्‍व के अनेक देशों के निवासियों की भारतीय संस्‍कृति में सदैव विशेष रूचि रही है, ये लोग इसके बारे में ज्‍यादा से ज्‍यादा जानना चाहते हैं। भारत के ऋषि-मुनियों ने 5000 से अधिक समय पहले समाज और व्‍यक्ति के लक्ष्‍यों की व्‍याख्‍या की। कुल मिलाकर ऐसी व्‍याख्‍या आज भी कायम है लेकिन समयानुकूल दृष्टिकोण में कुछ परिवर्तन आता गया। भारतीय परंपरा के अनुसार जीवन का लक्ष्‍य आनंद या यूं कहिए कि पूर्ण स्‍वतंत्रता है। यदि आज के परिप्रेक्ष्‍य में इसे समझा जाये तो मानना होगा कि अपनी क्षमता के अनुसार समझना, देखना, सोचना और महसूस करना तथा दूसरों को भी ऐसा करने में मदद देना हमारे लक्ष्‍यों में शामिल है। भारतीय संस्‍कृति ने ऐसा करने के लिए अलग से कुछ लघु लक्ष्‍य निर्धारित किये जिन्‍हें धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का नाम दिया गया।
धर्म का अर्थ है ऐसे मूलभूत मूल्‍य, जिनसे हमारे जीवन का संचालन होता है। अर्थ के मायने है आर्थिक और राजनीतिक शक्ति, जबकि काम का मतलब है विभिन्‍न वस्‍तुओं और सेवाओं का उपयोग एवं उपभोग।
भारतीय संस्‍कृति में यह माना जाता है कि पहले धर्म को निभाना जरूरी है जिसके बाद राजनीतिक और आर्थिक शक्ति हासिल की जा सकती है और इसके बाद वस्‍तुओं और सेवाओं को उपयोग एवं उपभोग किया जाता है। यदि इसी क्रम में कर्तव्‍यों का निर्वहन किया जाये तो मोक्ष की प्राप्‍ति संभव है। यह भी देखा गया है कि अगर इस क्रम का पालन न किया जाये, जैसा कि अमरीका जैसे देश में किया जाता है, जहां धर्म के बजाय अर्थ और काम को ज्‍यादा महत्‍व दिया जाता है, सब कुछ अस्‍त-व्‍यस्‍त होने लगता है।
यूनान की एक उक्ति के अनुसार जीवन प्रकृति का उपहार है, लेकिन बुद्धि के इस्‍तेमाल से किये गये प्रयासों से जीवन सुंदर बनता है। इसी तरह भागवत गीता में कहा गया है कि 'योगा कामसु कोशलम' इसका मतलब है कि प्रभावी तरीके से अपने कर्तव्‍य का पालन योगा है। 'प्रेसन्‍ना चेतसे बुद्धि परिया वाशी थे' - मतलब है कि प्रसन्‍न रहने से आप प्रभु के निकट आ जाते हैं। समूची भागवत गीता को दो वाक्‍यों में गागर में सागर की तरह प्रस्‍तुत किया जा सकता है, यानी आप प्रभावी तरीके से अपना कर्तव्‍य निभायें और प्रसन्‍न रहें, यही गीता का सार है और बुद्धिमत्‍ता का आधार है।
अकसर यह कहा जाता है कि अगर भारतीय संस्‍कृति इ‍तनी महान है तो भारतीय सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन क्‍यो नहीं कर पाते। इसका उत्‍तर यही दिया जा सकता है कि लगातार सीखने से ही प्रगति के रूप में पुरस्‍कार मिलता है। भारतीय संस्‍कृति ने अत्‍याधिक योगदान दिया, लेकिन समय के साथ-साथ इसमें अभिमान आने लगा। जब किसी में अहंकार आता है तो वह धीरे-धीरे अनभिग्‍य भी हो जाता है, जो प्रगति में गिरावट का रास्‍ता भी बनता है। भारत को निरंतर सीखने का प्रयास करना होगा, क्‍योंकि केवल उत्‍तम शिष्‍य ही उत्‍तम गुरू बन सकता है।
जरूरत इस बात की है कि अहम और आत्‍म सम्‍मान के बीच की लक्ष्‍मण रेखा का पता लगाया जाये। आत्‍मसम्‍मान संस्‍कृति की बुनियाद मानी जाती है, जबकि अहं से प्रगति में गिरावट का सिलसिला शुरू होता है। भारत को अपनी संस्‍कृति, अपनी भाषा, अपनी उपलब्धियों पर आत्‍मसम्‍मान करना चाहिए, लेकिन उसे अधिक अहं और अभिमान से दूर रहना होगा। खुला दृष्टिकोण और विनम्रता महानता की निशानी है न कि दुर्बलता की। जरूरत इस बात की है कि भारतीय संस्‍कृति में किसी भी मुद्दे के खुले दिमाग से विशलेषण की आदत विकसित की जाये। हमें अपनी धरोहर का सम्‍मान और विश्‍लेषण करना होगा, क्‍योंकि इसके बारे में अधिक से अधिक जानने से बीते समय की बुद्धिमत्‍ता सजीव होगी और उस काल की गलतियों से हम नसीहत हासिल कर सकेंगे। भारत और विश्‍व के प्रति सम्‍मान पूर्वक जानना, सोचना और विशलेषण करना ही भारतीयों के लिए सही दृष्टिकोण हैं।  बीते समय में भी भारत महान था और भविष्‍य में भी इसकी महानता में चार चांद लगने वाले हैं, लेकिन हमें सम्‍मान पूर्वक किसी भी विषय की तह तक जाने का दृष्टिकोण हासिल करना है।
भारतीय संस्‍कृति सिखाती है कि किस तरह बुद्धिमत्‍तापूर्ण तरीके से जिया जाये और किस तरह मोक्ष प्राप्‍त किया जाये। प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. आईन्‍स्‍टाईन ने कहा था कि भारतीय संस्‍कृति ने मुझे जीवन की वास्‍तविकता और चुनौतियां स्‍वीकार करने की शिक्षा दी है। उन्‍होंने यह भी कहा था कि मैंने अपना कर्तव्‍य निभाया है और अब मेरे कार्य का समय समाप्‍त हो रहा है और मैं शांति और संतोष के साथ जा रहा हूं। यह कहा जा सकता है कि भारतीय संस्‍कृति प्रभावी तरीके से जीने और संतोषपूर्वक मोक्ष प्राप्‍त करने का मार्गदर्शन करती है।  

बुधवार, 27 मार्च 2013

वन्य जीव संरक्षण


प्रकृति के महत्वपूर्ण अंगों में वन्य जीवों का प्रमुख स्थान है। भारत में संपूर्ण विश्व के लगभग 5 प्रतिशत वन्य प्राणी निवास करते हैं। पूरी दुनिया में पायी जाने वाली लगभग 130 लाख वन्य प्रजातियों में से लगभग 76,000 प्रजातियाँ हमारे देश में पायी जाती हैं। इन प्रजातियों में 340 स्तनधारी, 1200 पक्षी, 420 सरीसृप, 140 उभयचर, 2000 मत्स्य, 50,000 कीट, 4000 मोलस्क तथा नगण्य बिना रीढ़ वाले जीव हैं। भारत का यह सौभाग्य है कि विश्व के 12 सर्वाधिक जैव विविधाता वाले देशों में से एक है। इस भूमि का क्षेत्रफल 32,87,267 वर्ग किमी है। इसके अलावा यह क्षेत्र 7,516 किमी लंबे समुद्री किनारे, विशालकाल नदियों, झीलों, हिमालय जैसी पर्वत श्रृंखलाओं, थार का रेगिस्तान, दलदलों, द्वीप समूहों एवं विभिन्न वनस्पतियों से समृध्द है।
राष्ट्रीय वन्य जीवन कार्य योजना वन्य जीवन संरक्षण के लिए कार्यनीति कार्यक्रम और परियोजना की रूप रेखा प्रस्तुत करती है। भारतीय वन्य जीवन बोर्ड जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं, वन्य जीवन संरक्षण की अनेक योजनाओं के अमलीकरण की निगरानी और निर्देशन करने वाला शीर्ष सलाहकार है। वर्तमान में संरक्षित क्षेत्र के अंतर्गत 84 राष्ट्रीय उद्यान और 447 राष्ट्रीय अभयारण्य आते हैं, जो देश के सकल भौगोलिक क्षेत्र का 4.5 प्रतिशत है। वन्य जीवन सुरक्षा अधिनियम, 1972 जम्मू कश्मीर को छोड़कर, क्योंकि इसका अपना अधिनियम है, शेष सभी राज्यों में स्वीकार किया जा चुका है। इसमें वन्य जीवन संरक्षण और विलुप्त होती जा रही प्रजातियों के संरक्षण के लिए दिशा-निर्देश दिये गये हैं। दुर्लभ और विलुप्त होती जा रही प्रजातियों के व्यापार पर इस अधिनियम ने रोक लगा दी है।
फरवरी, 2008 में प्रस्तुत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार देश में 2001-02 में बाघों की संख्या 3642 थी जो 2008 मै घटकर 1411 हो गयी थी। भारत में पिछले एक दशक के दौरान पहली बार बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके लिए संरक्षण के बेहतर प्रयासों को श्रेय जाता है। इस समय बाघों की संख्या 1706 है, जो वर्ष 2008 की संख्या के मुकाबले 295 अधिक है।
बड़ी बिल्ली की अन्य प्रजाति- तेंदुए के बारे में भी कहानी कोई अलग नहीं है। वर्ष 2012 के पहले नौ महीनों में भारत में 252 तेंदुए की मौत हुई, जो भारतीय वन्य जीव संरक्षण सोसायटी के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वर्ष 1994 से यह संख्या सबसे अधिक है।  सन 1911 में यह संख्या 187 थी। एक दशक पहले यह संख्या औसतन लगभग 200 प्रति वर्ष थी।   
भारत में जनवरी महीने में कम से कम तीन और बाघों की मृत्यु हो गई है। 1994 से 2010 तक हमने 923 बाघ खो दिए हैं। देश में लगभग 100 वर्ष पहले बाघों की संख्या करीब 40 हजार थी, जो अब मुट्ठी भर रह गई है। बाघों की संख्या में कमी की कहानी वास्तव में समूचे विश्व में एक समान ही है। अनुमान है कि विश्व में बाघों की संख्या कोई 3500 से 4000 के आसपास है। इनमें से आधे भारत में हैं।
लगभग आधे से ज्यादा तेंदुए अवैध व्यापार के लिए मार दिए जाते हैं। बावजूद इसके कि बाघ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत सुरक्षित हैं, उसका शिकार किया जाता है। उसके शरीर के अंगों, खासकर खाल का गैर-कानूनी तरीके से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार किया जाता है। चीतों के बारे में भी यही स्थिति है। उनका रहने का क्षेत्र मात्र दस प्रतिशत क्षेत्र में रह गया है और सिमटकर लगभग 75 लाख एकड़ हो गया है। आवास के अलावा बाघ अपने शिकार की प्रजातियां भी खोता जा रहा है। इससे इसका मनुष्यों के साथ टकराव हो गया है जिसके परिणामस्वरूप बाघों का ज्यादा शिकार होने लगा है। हालांकि सरकार ने सन 1972 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम पारित करके बाघों के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन समस्या अभी भी वैसी ही बनी हुई है। अन्य महत्वपूर्ण बात यह है कि पहाड़ी और वन्य क्षेत्रों में सड़कों के जाल और पन-बिजली परियोजनाओं जैसे विकास कार्यों के कारण बाघों के प्राकृतिक आवास में काफी कमी हो गई है। इससे लिए वनों के निकट लोगों की तेजी से बढ़ती हुई आबादी एक अन्य कारण है।
यदि कुछ बुनियादी बातों पर ध्यान दिया जाए तो इस स्थिति में बदलाव की अभी भी आशा है, ये बाते हैं बाघों के अवैध शिकार पर कड़ी नजर, लोगों में इस बात की जागरुकता पैदा करना कि बाघों का संरक्षण स्वयं मानवता के हित में है, क्योंकि पर्यावरण व्यवस्था में संतुलन और वन्य क्षेत्रों के निकट रहने वाले लोगों की रोजमर्रा की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बाघों का होना जरूरी है। इस क्षेत्र में समर्पित गैर सरकारी संगठनों का संज्ञान लेकर उनकी भागीदारी बढ़ाने और उन्हें पूर्ण समर्थन देने से भी लाभ होगा।
कुछ निराशाओं के बावजूद, परियोजना बाघ के अच्छे परिणाम निकले हैं। सत्तर के दशक में जब बाघों की जनसंख्या सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थी, उस समय 1973 में यह परियोजना शुरू की गई थी।  सत्तर के दशक में जहां यह संख्या 1200 पहुंच गई थी वहां नब्बे के दशक में यह 3500 हो गई, हालांकि बाद में इसमें फिर कमी होने लगी थी।
हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकारों और संघ शासित प्रदेशों को बाघ संरक्षण योजनाएं तैयार करने को कहा है। उसने उन्हें ऐसा करने के लिए छह महीने का समय दिया है। यह योजनाएं कार्यान्वित किए जाने से पहले राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की स्वीकृति के लिए भेजी जानी हैं। गत वर्ष जुलाई में उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय पार्कों और वन्य जीव अभ्यारण्य में पर्यटन पर अंतरिम प्रतिबंध लगाया था। अभ्यारण्यों को बाघों के आवास की आवश्यकता के अनुसार तैयार किया गया है, पर इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। न्यायालय ने इन क्षेत्रों में पर्यटन पर लगा अंतरिम प्रतिबंध बाद में हटा लिया। लेकिन सभी हितधारकों से इस बारे में उपयुक्त कार्रवाई करने को कहा गया है।
दुर्लभ जीवों के संरक्षण को महत्व देने के लिए देश में पांच और वन्य जीवों के पांच और पार्क बनाने को स्वीकृति दी गई है। बाघों से छह और संरक्षणस्थल बनाने का भी प्रस्ताव है। इनकों मिलाकर ऐसी अभ्यारण्यों की संख्या 41 से बढ़कर 52 हो जाएगी। राष्ट्रीय पार्कों और वन्यजीव अभ्यारण्यों की संख्या भी उत्तरोत्तर बढ़ रही है। 
योजना आयोग ने भी 12वीं योजना में बाघ संरक्षण के लिए आवंटन में उदारता बरती है। कहने का तात्पर्य है कि बाघ संरक्षण को बड़ा महत्व दिया गया है। आयोग ने 12वीं योजना में बाघ संरक्षण के लिए 5889 करोड़ रुपए का आवंटन किया है जबकि 11वीं योजना में यह राशि मात्र 651 करोड़ रुपए थी। इससे आवंटित राशि में नौ गुना वृद्धि होने का पता चलता है। अन्य सभी दुर्लभ प्रजातियों के लिए आवंटित राशि 3600 करोड़ रुपए है। इनमें हाथी, शेर, हिरन, गैंडा और तेंदुआ शामिल हैं, जिनकी संख्या 45,000 से अधिक है। यह दलील दी जाती है कि बाघ को महत्व देने से अन्य कुछ प्रजातियां जैसे हिरन व गैंडा स्वतः लाभान्वित होंगी। यह किसी हद तक सत्य हो सकता है लेकिन अन्य प्रजातियों के बारे में संभवतः अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
हजारों वर्ष से बाघों के शिकार को हैसियत का प्रतीक मान लिया गया है। उसे यादगार के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके अंग एशिया की परंपरागत दवाइयों में प्रयोग किए जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप 1930 तक बाघों की संख्या में कमी आती रही। बाघों की नौ प्रजातियों में से तीन प्रजातियां पहले ही विलुप्त हो गई हैं। इसलिए खासकर बाघों की आबादी और सामान्य रूप में वन्य जीवों की अन्य प्रजातियों की घटती संख्या पर रोक लगाने के लिए अधिक कारगर उपाय करने की आवश्यकता है। यह हमारे हित में है और इस बारे में त्रुटि महंगी सिद्ध हो सकती है। चुनौती बड़ी जरूर है लेकिन इसे पूरा करना ही होगा।
यह पूरी दुनिया का दुर्भाग्य है कि आज वन्य प्राणियों का तेज़ी से विनाश हो रहा है। वन्य प्राणियों के विनाश के लिए मुख्यत: दो कारण ज़िम्मेदार होते हैं-प्राकृतिक कारण व मानवीय कारण। वैसे तो दोनों प्रकार के कारण वन्य जीवों के विनाश के लिए उत्तरदायी हैं, फिर भी प्राकृतिक कारण, मानवीय कारणों की अपेक्षा का हानिकारक सिध्द हुए हैं। इसका कारण प्राकृतिक कारकों की धीमी प्रक्रिया का होना है। प्राकृतिक कारकों द्वारा वन्य प्राणियों का विनाश एक अत्यंत धीमी प्रक्रिया है। इसका प्रथम ज्ञात विनाश डायनासोरों से संबंधिात है, यह महाविनाश 7 करोड़ वर्ष पूर्व हुआ था। वर्तमान समय में सत्रहवीं शताब्दी से आज तक 120 पक्षी प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं। मानवीय कारण वन्य जीवों के विनाश में सर्वाधिाक महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाते हैं। इनके अंतर्गत वनों की कटाई, प्राकृतिक संसाधानों का अविवेकपूर्ण दोहन आदि आते हैं। इनके कारण वन्य जीवों के प्राकृतिक आवासों में कमी आई है और असंख्य प्रजातियाँ या तो लुप्त हो चुकी हैं या लुप्त होने की कगार पर हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में जीवों की लगभग 130 लाख प्रजातियों में से लगभग 10,000 प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं।
हमारे देश में वन्य जीवों को विलुप्त होने से रोकने के लिए सर्वप्रथम 1872 में ''वाइल्ड एलीकेंट प्रोटेक्शन एक्ट''  पारित हुआ था। इसके बाद 1927 में ''भारतीय वन अधिनियम'' का निर्माण किया गया। जिसके प्रावधानों के अनुसार वन्य जीवों के शिकार एवं वनों की अवैधा कटाई को दण्डनीय अपराधा घोषित किया गया। देश आज़ाद होने के पश्चात, भारत सरकार द्वारा ''इंडियन बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ'' की स्थापना की गई। फिर 1956 में पुन: 'भारतीय वन अधिानियम' पारित किया गया। 1972 में ''वन्य जीवन संरक्षण अधानियम'' पारित किया गया। यह एक व्यापक केन्द्रीय कानून है, जिसमें विलुप्त होते वन्य जीवों तथा अन्य लुप्त प्राय: प्राणियों के संरक्षण का प्रावधान है।
वन्य जीवों के संरक्षण हेतु, भारत के संविधान में 42 वें संशोधान(1976) अधिनियम के द्वारा दो नए अनुच्छेद 48-। व 51 को जोड़ कर वन्य जीवों से संबंधित विषय के समवर्ती सूची में शामिल किया गया। वन्य जीवों की बिगड़ती स्थिति के सुधार एवं वन्य जीवों के संरक्षण के लिए ''राष्ट्रीय वन्य जीव योजना'' 1983 में प्रारंभ की गई। भारत में राष्ट्रीय उद्यान तथा अभ्यारण्यों का पिछले दो दशकों में तेज़ी से हुआ विकास इस बात का द्योतक है कि हमारी सरकार वन्य जीव संरक्षण की दिशा में तेज़ी से प्रयासरत है। 1935 में, हमारे देश में मात्र एक राष्ट्रीय उद्यान था, जबकि सबसे ज्यादा राष्ट्रीय उद्यान मधयप्रदेश में है। भारत में अभयारण्यों की कुल संख्या 441 है, जो देश के कुल क्षेत्रफल के 4.5 प्रतिशत भाग पर स्थित हैं। भारत में वन्य जीव एवं पर्यावरण के संरक्षण हेतु अनेक जन आंदोलन भी चलाए गए हैं। इसमें से देश के उत्तरी भाग में चलाया गया ''चिपको आंदोलन'' और दक्षिण भारत में चलाया गया ''एठिपको आंदोलन'' प्रमुख हैं। इन आंदोलनों के साथ-साथ वन्य जीव संरक्षण हेतु भारत में चलाई जा रही कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं का भी बहुत योगदान है। इनमें बांधा परियोजना, कस्तूरी मृग परियोजना, हंगुल परियोजना, थामिन परियोजना, हाथी परियोजना, गिरसिंह अभ्यारण्य परियोजना आदि प्रमुख हैं।
यह हमारे लिए खुशी की बात है कि वन्य जीवों के संरक्षण हेतु किये गये उपायों एवं प्रयासों से उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। वन्य जीवों के संरक्षण के लिए किये जानेवाले सरकारी उपायों के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों में जागरूकता उत्पन्न करना भी सरकार के लिए अति आवश्यक कार्य है। मनुष्य की इस संदर्भ में जागरूकता के अभाव में वन्य जीवों का विनाश हो रहा है। अत: मूक निरीह और संकोची स्वभाव के वन्य जीवों की रक्षा हेतु देश के प्रत्येक नागरिक को आगे आकर पहल करनी होगी।

POLITICAL EXECUTIVE


At the apex of Public Organisations is the political executive which takes different forms in different countries depending upon their political system as enshrined in their Constitutions. The political executive is headed by a Chief Executive again known by various names such as King, President, Emir, Imam, etc.
Types of Political Executive
The type of political executive depends upon the political system prevailing in a country. These political systems may be of following types —
·         Monarchy as prevailing in Countries like UAE, Saudi Arabia.
·         Presidential form of government as prevailing in USA.
·         Parliamentary democracy as prevailing in UK, India etc.
·         Collegiate (mixed) types as prevailing in Switzerland.
We will now study in brief the political executives as existing under these political systems.
Political Executive in a Monarchy
The political power in a Monarchial political system is concentrated in a single individual known as a King or an Emir or an Imam. He may have a set of advisers known as Ministers or Wazirs or Secretaries, but, he wields the ultimate authority. He appoints the advisers and can change them at his will. He can delegate certain powers to them, but can withdraw such delegation whenever he so wishes. He makes laws, wields the executive powers of the state and is also the fountain-head of justice. It is more or less a single man political executive enjoying unfettered discretion in all matters connected with the affairs of the state. Of course, such an executive is also subject to the pulls and pressures of interest groups, socio-political elites and public opinion. International political and economic pressures also affect their decisions. But, ultimately the king is the final arbiter of the Country’s destiny.
Similar situation prevails in military dictatorships where the military overthrows a civilian government and usurps power. In such a situation there is no hereditary monarch, but the military dictator takes his place. He sometimes assumes a Civilian title like ‘President’ and creates advisory paraphernalia to give some sort of legitimacy to the military regime, but in practice he functions like a monarch.
Political Executive in a Presidential form of Government
Under the Presidential form of Government, administrative organisation is less integrated than in the Parliamentary form. The President (of the USA) is neither a member of legislature nor is he accountable to it. The two are co-equal authorities getting their mandate from people directly. This dichotomy creates friction between the two. The Congress not only has the power to lay down policy, it can also create administrative machinery to carry out that policy. At times it does create independent commissions or boards to execute the policies which it feels the President is not likely to carry out willingly. The administrative structure of the USA is thus not very well-knit. There are only ten departments which are under direct supervision of the President. The rest of the executive business of the Federal Government is carried out by independent Regulatory Commissions, Boards and other agencies. The American President, therefore, does not wield the same authority over the administrative organisation as the Cabinet does in the UK or India. The superiority of Cabinet system being apparent, USA has tried to improve the position of the President so as to make him the general manager of administration. This is supposed to be achieved by the following means:
Adoption of the Merit System - The spoils system, though politically useful to the Chief Executive, did not give him meritorious, professional people loyal to him. It brought the influence of legislators into the administration thereby reducing the authority of the President over the administrative machinery.
Budget System - Formerly estimates of every spending unit were to be authorised by the legislature individually and there was no central financial control. Budget and Accounting Act 1921 gave the President controlling power over the spending process. Thus, the power of the Chief Executive has increased over time and enabled the President to control and review the expenditure of all Government demands.
Reorganisation Programme - The reorganisation Act of 1939 has brought the initiative of bringing administrative reorganisation to the President. It has pulleddown a number of Independent Regulatory Commissions and brought back Government Corporations into administrative hierarchy etc.
These developments have brought the functions and powers of the President nearer to those of the Cabinet in the Parliamentary system.
Political Executive in Parliamentary form of Government
The system is characterised by close collaboration between the legislature and the executive. The Ministers are selected from the majority party of the legislature by the leader of the party who is the Prime Minister. The Cabinet is responsible to Parliament. The Cabinet exercises full administrative authority and provides legislative and fiscal leadership to the legislature. The Ministers, who are in the Cabinet by virtue of their position in the majority party have a perfectly legitimate authority to formulate public policy according to the popular mandate secured in a general election and to execute it through an administrative machinery which it can create and control according to the needs of the policy.
Thus in a Parliamentary democracy, Cabinet has a pre-eminent position, unrivalled by any other organ of the Government. It is known variously by indiscriminately used terms such as “Government” “Executive” and “Administration”. These terms, however, reflect three important functions of the Cabinet as defined by Lord Haldane:
·         Final determination of policy to be submitted to the Parliament;
·         The Supreme control of the national executive in accordance with the policy prescribed by Parliament;
·         The continuous co-ordination and determination of the functions of the various departments of the State.
The Cabinet usually consists of a number of Ministers who hold various portfolios in the Government and are top leaders in the Party. It functions as a team under the dual principle of collective responsibility and party solidarity.
While the Cabinet system has many advantages, it is not free from its weaknesses. The most important problem with the system is that due to its closeness to (actually dependence on) the legislature the Cabinet finds it difficult to insulate the administrative machinery from undue political pressures. The problems are further accentuated in the countries where the same political party continues in Government over a very long period of time. The distinction between the party and the Government then starts getting blurred and there develops a tendency to treat Government’s administrative machinery as subordinate to the party also.
The Collegiate Executive (The Swiss Executive Council)
It is a mixed type of Executive having some features of both the Presidential and Parliamentary systems. Like Parliamentary Executive, it is a collective body of seven Ministers who are members of the legislature and participate in its proceedings, get their mandate from legislature and are accountable to it. But, unlike Cabinet system, there is no Prime Minister. In some respects Swiss Executive resembles the President. For example, it has a fixed tenure and cannot be removed before that. If the legislature does not approve its policies, it does not have to resign, but has to readjust its policies. Like President, the Council cannot dissolve the legislature.
However, Swiss system can cause friction between the legislature and the executive. In practice, no such friction has been reported. It cannot be said that the system will work equally well in other countries.
The Soviet Executive (before break up)
USSR also had a mixed executive although it had more features of a Cabinet type than of Swiss type. It had a Council of Ministers with a Premier. Ministers were chosen by the Supreme Soviet which was the legislature of the country. They were in fact elected by a joint session of the houses. The Ministers were jointly and severally responsible to the legislature. However, in one party system, this responsibility worked out differently. In fact, the most important principle working in Soviet Union was not Cabinet responsibility, but democratic centralism which meant complete command in hands of the party caucus called the politburo headed by the Secretary General of the Party. The Secretary General may or may not have held any office in the Government but his power was supreme. Due to the veil of secrecy in the Soviet Government it was difficult to really find out the exact relationship between different organs of the party and the Government. In fact the Soviet Executive was a type by itself and could not be compared with any particular form of Government. However, one thing was quite clear. So far as the administrative machinery of the Government was concerned, it was characterised by complete unity of command and centralisation of authority.

मंगलवार, 26 मार्च 2013

फरवरी 2013 करेंट अफेयर्स


                                                                                 
1.       केंद्र सरकार ने भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) और गैस अथॉरिटी इंडिया लिमिटेड (गेल) को महारत्न कंपनी का दर्जा दिया. इसी के साथ महारत्न का दर्जा प्राप्त कंपनियों की संख्य 5 से बढ़कर 7 हो गई. इससे पहले भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) और गैस अथॉरिटी इंडिया लिमिटेड (गेल) को नवरत्न का दर्जा प्राप्त था. केंद्र सरकार ने फरवरी 2013 तक 14 कंपनियों को नवरत्न और 68 (श्रेणी -1 में 52 और श्रेणी-2 में 16) कंपनियों को मिनीरत्न का दर्जा प्रदान किया.

सुनील भारती मित्तल ने भारत में निजी क्षेत्र की दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी भारती एयरटेल लिमिटेड में कार्यकारी अध्यक्ष का पद ग्रहण किया. भारती एयरटेल के संस्थापक सुनील भारती मित्तल इससे पहले कंपनी के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक थे. इसके अलावा मनोज कोहली को कंपनी का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है, जबकि भारती एयरटेल के घरेलू कारोबार के नए सीईओ गोपाल विट्टल को कंपनी का अतिरिक्त निदेशक व संयुक्त प्रबंध निदेशक बनाया गया.

भारतीय चित्रकार शानू लाहिरी  का कोलकाता में निधन हो गया. वह 85 वर्ष की थीं. विभिन्न विषयों पर उनकी चित्रकारिता को देश और विदेशों में भरपूर सराहना मिली. शानू लाहिरी को उनके रचनात्मक कार्यों के लिए कई पुरस्कार भी मिले. विदित हो कि शानू लाहिरी को वर्ष 1951 में एआईएफएसीएस राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

2.       पाकिस्तान की पत्रकार आयशा हारून का न्यूयॉर्क में निधन हो गया. वह 46 वर्ष की थीं.आयशा       हारून  द न्यूज की पूर्व संपादक थीं. आयशा हारून ने कॅरियर की शुरुआत फ्रंटियर पोस्ट से की थी.

3.       राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने महिलाओं के विरुद्ध यौन हिंसा के मामलों से कारगर ढंग से निपटने के लिए एक आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश 2013  जारी किया. इसमें बलात्कार पीड़िता की हत्या के मामले में मृत्युदंड का प्रावधान किया गया. अध्यादेश पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह पूरे देश में लागू हो गया, लेकिन 6 माह के भीतर इस अध्यादेश को संसद से पास करवाया जाना अनिवार्य है.
रूस की टेनिस खिलाड़ी मारिया किरीलेंको ने पटाया ओपन का खिताब जीता. मारिया किरीलेंको ने जर्मनी की सबिने लिस्सिकी को 5-7, 6-1, 7-6 (1) से पराजित किया. यह मारिया किरीलेंको का छठा डब्ल्यूटीए खिताब है.
इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम की कप्तान चालोर्ट एडवर्ड्स महिला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाली खिलाड़ी बनी. आईसीसी महिला विश्वकप के तहत भारत के विरुद्ध खेले गए मैच में चालोर्ट एडवर्ड्स ने शतकीय पारी खेल इस उपलब्धि को प्राप्त किया. अपना 162वां मैच खेल रही चालोर्ट एडव‌र्ड्स ने 109 रन बनाकर अपनी कुल रनसंख्या 4901 रन पर पहुंचाई. उन्होंने अब तक 7 शतक और 37 अर्धशतक लगाए हैं. चालोर्ट एडव‌र्ड्स ने ऑस्ट्रेलिया की खिलाड़ी बेलिंडा क्लार्क का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने वर्ष 2005 में संन्यास लेने से पहले 118 मैचों में 4844 रन बनाए थे. चालोर्ट एडवर्डस और बेलिंडा क्लार्क के बाद ऑस्ट्रेलिया की कारेन रोल्टन (4814), भारत की मिताली राज (4499), इंग्लैंड की सारा टेलर (4101) और न्यू जीलैंड की डेबी हाकले (4064) का नंबर आता है.
4.       सम्पूर्ण विश्व में 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया गया. वर्ष 2013 के विश्व कैंसर दिवस का विषय है- कैंसर, क्या आप जानते हैं. इसका उद्देश्य कैंसर से संबंधित भ्रांतियों को दूर करना और निदान तथा पहचान से जुड़ी जानकारी से लोगों को जागरूक करना है. वर्ष  2011 में संयुक्त राष्ट्र ने विश्व कैंसर घोषणा पत्र स्वीकार किया था.

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा और चार्ली टर्नर को ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया. वर्ष 2013 के एलेन बॉर्डर पदक समारोह के दौरान इन दोनों को यह सम्मान प्रदान किया गया. ग्लेन मैकग्रा ने 14 वर्ष के टेस्ट कॅरियर में 124 मैच खेले और 21.64 की औसत से 563 विकेट लिए, जो किस तेज गेंदबाज द्वारा लिए गए सबसे अधिक विकेट हैं. ग्लेन मैकग्रा किसी भी गेंदबाज द्वारा कुल मिलाकर लिए गए विकेटों में शेन वॉर्न, मुथैया मुरलीधरन और अनिल कुंबले के बाद चौथे स्थान पर हैं.  इसके अलावा चार्ली टर्नर ने वर्ष 1887 में सिडनी में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करते हुए 15 रन देकर छह विकेट लिए थे. वर्ष 1887 से 1895 तक 17 टेस्ट मैचों (सभी इंग्लैंड के खिलाफ) में चार्ली टर्नर ने 16.53 की औसत से 101 विकेट लिए, जो कि 100 से अधिक विकेट लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों में सर्वश्रेष्ठ है.

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के कप्तान माइकल क्लार्क ने वर्ष 2013 का एलेन बोर्डर पदक जीता. यह उनका चौथा एलेन बोर्डर पदक है. इससे पहले उन्होंने वर्ष 2005, वर्ष 2009 और वर्ष 2012 में यह पदक जीता था. माइकल क्लार्क के अलावा ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने भी चार बार यह पदक जीता है. इसके अलावा माइकल क्लार्क को सर्वश्रेष्ठ टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी का पुरस्कार भी प्रदान किया गया. उन्हें लगातार दूसरी बार यह पुरस्कार दिया गया.

रोहिंटन एफ नरीमन ने भारत के सोलिसिटर जनरल पद से इस्तीफा दे दिया. 56 वर्षीय रोहिंटन एफ नरीमन को सोलिसिटर जनरल पद पर 23 जुलाई 2011 को नियुक्त किया गया. उन्होंने एसजी गोपाल सुब्रमण्यम का स्थान लिया. एसजी गोपाल सुब्रमण्यम ने सोलिसिटर जनरल के पद से 14 जुलाई 2011 को इस्तीफा दे दिया था.
5.       अमरीका ने क्रेडिट रेटिंग एजेंसी स्टैन्डर्ड एंड पुअर्स पर अपनी तटस्थता और स्वतंत्रता के बारे में झूठा विवरण देने तथा गिरवी बांड की रेटिंग करने के तरीकों के विरुद्ध मुकदमा दायर किया. अमेरिका द्वारा दायर मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि निवेशकों को गिरवी प्रतिभूतियों पर अरबों डॉलर का नुकसान हुआ. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी स्टैन्डर्ड एंड पुअर्स ने इनकी रेटिंग बढ़ाचढ़ा कर जारी की थी और प्रतिभूतियों की वास्तविक ऋण जोखिम को छिपाया था. इन निवेशकों में ज्यादातर संघीय सरकार से संरक्षित वित्तीय संस्थाए हैं.
6.       अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सैली जेवेल को देश का गृहमंत्री मनोनीत किया. सैली जेवेल द्वारा केन सालाजर का स्थान लिया जाना है. सैली जेवेल राष्ट्रपति बराक ओबामा के दूसरे कार्यकाल मे उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने वाली पहली महिला हैं. सैली जेवेल आउटडोर रीटेलर कंपनी रीक्रिएशनल इक्विपमेंट इनकार्पोरेशन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं.

टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक मुकुंद गोविंद राजन को टाटा समूह का प्रवक्ता और ब्रांड कस्टोडियन नियुक्त किया गया. मुकुंद गोविंद राजन द्वारा टाटा समूह के कॉरपोरेट संचार और देश-विदेश में ब्रांड संबंधी गतिविधियों की जिम्मेदारी संभाली जानी है.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस एंड जर्मनी  नामक पुस्तक की पहली प्रति राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रो अनिता बी पाफ की ओर से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेंट की गई. यह पुस्तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी प्रो अनिता बी पाफ द्वारा लिखी गई है. इस पुस्तक को फेडरेशन ऑफ इंडो-जर्मन सोयाटिज इन इंडिया की ओर से तैयार किया गया है.
सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को निर्देश दिया की वह सहारा समूह की दो कंपनियों के बैंक खाते बंद करने और संपत्ति जब्त करने को स्वतंत्र है, यह निर्देश निवेशकों को 24 हजार करोड़ रूपए वापस करने के न्यायालय के आदेश पर सहारा समूह द्वारा अमल नहीं करने के कारण दिया गया.
7.       केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) अधिनियम 1981 में संशोधन को अपनी मंजूरी प्रदान की. संशोधन के तहत नाबार्ड की अधिकृत पूंजी को 5000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 20000 करोड़ रुपए कर दिया गया जिसका उद्देश्य कृषि तथा ग्रामीण विकास के लिए अधिक ऋण उपलब्ध कराना है.

भारत और स्वीडन ने दोनों देशों के मध्य आय और पूंजी पर लगने वाले करों के संदर्भ में दोहरे कराधान से बचने और वित्तीय अपवंचन को रोकने के लिए हुए संधि-पत्र में संशोधन करने का समझौता किया. दोनों देशों ने संशोधन के लिए समझौता-पत्र पर स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हस्ताक्षर किए. इस समझौते पर हस्ताक्षर भारत की ओर से स्वीडन और लातीविया में भारत की राजदूत बनाश्री बोस हैरिसन और स्वीडन के वित्तमंत्री आंडर्स बोर्ग ने किए. इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के साथ ही भारत और स्वीडन के मध्य मौजूदा डीटीएसी में सूचनाओं के आदान-प्रदान संबंधित धारा हट गई, और बैंक से संबंधित सूचनाओं के साथ-साथ बिना घरेलू हित के सूचनाओं का भी आदान-प्रदान होना संभव हो गया.  इससे अब गैर-कर उद्देश्यों के लिए भी सूचनाओं का इस्तेमाल हो सकेगा बशर्ते आपूर्तिकर्ता राज्यों की मंजूरी के बाद दोनों देश के घरेलू कानून इसकी मंजूरी दें.

9.       भारतीय संसद पर 13 दिसंबर 2001 को हुए हमले के लिए दोषी अफजल गुरु को दिल्ली के तिहाड़ जेल में सुबह 8 बजे फांसी दे दी गई. उसे जेल में ही दफना दिया गया. केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने अफजल गुरु को फांसी दिए जाने की पुष्टि की. अफजल गुरु को तिहाड़ जेल में जेल नंबर तीन में उच्च सुरक्षा (हाई सिक्युरिटी) वार्ड में रखा गया था.

केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदम्बरम ने राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना (राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम,आरजीईएसएस) की शुरूआत मुंबई में 9 फरवरी 2013 को की. इसका उद्देश्य नये छोटे निवेशकों को शेयर बाजार की तरफ आकर्षित करना है. इस योजना की घोषणा वित्तवर्ष 2012-13 के बजट पेश करते समय तत्कालीन केंद्रीय वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने की थी.
सितार वादक पंडित रविशंकर को मरणोपरांत लाइफटाइम अचीवमेंट ग्रैमी पुरस्कार से 9 फरवरी 2013 को सम्मानित किया गया. विलशेयर ईबेल थिएटर में आयोजित प्री ग्रैमी समारोह में यह सम्मान उनकी दोनों बेटियों अनुष्का शंकर और नोहरा जोंस ने ग्रहण किया.इसके साथ ही पंडित रविशंकर ने सर्वश्रेष्ठ विश्व संगीत एल्बम श्रेणी का ग्रैमी पुरस्कार अपनी एल्बम द लिविंग रूम सेशंस-पार्ट-1 के लिए जीता. पंडित रविशंकर की बेटी अनुष्का शंकर भी अपने एल्बम ट्रैवलर के लिए इसी श्रेणी मे नामांकित हुई थीं.

10.   रांची राइनोज ने दिल्ली वेवराइडर्ज को पराजित कर हॉकी इंडिया लीग 2013 का खिताब को जीता. रांची के बिरसामुंडा एस्टोटर्फ स्टेडियम में खेले गए फाइनल में रांची राइनोज ने एक के मुकाबले दो गोल से यह खिताब जीत लिया. रांची राइनोज को इस जीत के लिए ट्रॉफी के साथ ढाई करोड़ रुपए और उपविजेता दिल्ली वेवराइडर्ज को सवा करोड़ रुपए मिले.इससे पहले उत्तर प्रदेश विजार्ड ने पंजाब वारियर्स को 4-3 से पराजित कर तीसरा स्थान प्राप्त किया. उत्तर प्रदेश को 75 लाख रुपए मिले.

चीन के पूर्व टेबल टेनिस खिलाड़ी ज़ुआंग ज़ेडोंग का बीजिंग में निधन हो गया. वह 72 वर्ष के थे. वह तीन बार विश्व टेबल टेनिस चैंपियन रहे. उन्होंने 1960 के दशक में कई खिताब जीते.

जोसेफ डनफोर्ड ने अफगानिस्तान में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल (आईएसएएफ) के कमांडर का पद 10 फरवरी 2013 को ग्रहण किया. जोसेफ डनफोर्ड ने जॉन एलेन का स्थान लिया. जोसेफ डनफोर्ड इस पद को ग्रहण करने से पूर्व अमेरिकी मरीन कोर के सहायक कमांडेंट के पद पर नियुक्त थे.

क्रिकेट टीम शेष भारत ने ईरानी ट्रॉफी 2013 का खिताब जीता. शेष भारत ने लगातार 8वीं बार यह खिताब जीत लिया. हरभजन सिंह की कप्तानी में शेष भारत ने ईरानी ट्रॉफी के फाइनल में पहली पारी की 117 रन की बढ़त के आधार पर मुंबई को पराजित कर यह खिताब जीता. मुंबई के कप्तान अभिषेक नायर रहे. शेष भारत ने वर्ष 2013 तक कुल 25 बार ईरानी ट्रॉफी का खिताब जीता है.
विश्व के 73वें नंबर के खिलाड़ी अर्जेंटीना के होराशिओ जेबालोस ने वीटीआर ओपन 2013 के पुरुष एकल वर्ग का खिताब 10 फरवरी 2013 को जीता. वीटीआर ओपन 2013 के पुरुष एकल के फाइनल में होराशिओ जेबालोस ने विश्व के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी स्पेन के राफेल नडाल को 6-7, 7-6, 6-4 से पराजित किया. यह होराशिओ जेबालोस के कॅरियर का पहला खिताब है.

11.   कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप बेनेडिक्ट 16वें ने अपने पद से  को इस्तीफा देने का निर्णय किया. 85 वर्षीय पोप ने अपनी उम्र को इस्तीफे का कारण बताया. 600 वर्षों में यह पहला मौका है जब किसी पोप ने अपने पद से इस्तीफा दिया है. पोप बेनेडिक्ट 16वें द्वारा 28 फरवरी 2013 को इस्तीफा दिया जाना है. यह पद उन्हें 19 अप्रैल 2005 को कार्डिनलों द्वारा सौंपा गया था. इसके साथ ही उन्होंने कार्डिनलों से नए पोप का चुनाव करने का आग्रह किया.

भारत स्थित स्टॉक एक्सचेंज एमसीएक्स-एसएक्स में कारोबार 11 फरवरी 2013 से शुरू हो गया. पहले दिन यहां 12.53 करोड़ रुपए का कुल कारोबार हुआ. इसके पुराने प्रतिस्पर्धियों नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई की तुलना में यह बेहद कम है. एनएसई में इस दिन कारोबार 5506.41 करोड़ रुपए का रहा. पहले दिन के कारोबार में सरकारी पनबिजली कंपनी एनएचपीसी का शेयर सबसे ज्यादा 7.14 प्रतिशत उछलकर 30 रुपए पर पहुंच गया.

पाकिस्तान ने सतह से सतह पर कम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल हत्फ-9 का सफल परीक्षण किया.यह मिसाइल 60 किलोमीटर दूरी तक मार करने में सक्षम है. मिसाइल हत्फ-9 परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. मिसाइल हत्फ-9 का दूसरा नाम नस्र (NASR) भी है. यह मिसाइल सभी ज्ञात सामरिक विरोधी मिसाइल रक्षा प्रणाली को परास्त करने में सक्षम है.

भारत के टेनिस खिलाड़ियों के मसलों को निपटाने के लिए भारतीय टेनिस खिलाड़ी संघ (आईटीपीए) का 11 फरवरी 2013 को गठन किया गया. भारतीय टेनिस खिलाड़ी संघ (आईटीपीए) गैर लाभार्थ संघ है, जिसे कंपनी अधिनियम की धारा 25 के तहत गठित किया गया. इसका गठन इसलिए किया गया क्योंकि देश में टेनिस का मौजूदा प्रशासन खिलाड़ियों के समकालीन मसलों का पूरी तरह से हल नहीं निकाल सका. जयदीप मुखर्जी को भारतीय टेनिस खिलाड़ी संघ (आईटीपीए) का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया.

12.   भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कल्याण कुमार चक्रवर्ती को ललित कला अकादमी का अध्यक्ष नियुक्त किया. कल्याण कुमार चक्रवर्ती का कार्यकाल 31 दिसंबर 2017 तक निर्धारित है.भारत और बांग्लादेश के मध्य स्वास्थ्य संबंधी समझौता नई दिल्ली में किया गया. भारत की ओर से केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आज़ाद तथा बांग्लादेश की ओर से डॉ एएफएम रूहलहक़ ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

सुबोध कुमार अग्रवाल ने भारत के चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्थान के अध्यक्ष का पद ग्रहण किया. पूर्व में सुबोध कुमार अग्रवाल ने वर्ष 2007 से दो समयावधि हेतु केन्द्रीय परिषद के सदस्य के रूप में संस्थान के लिए काम किया. उन्हें निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक और इंश्योरेंश संस्थाओं के आंतरिक और वैधानिक ऑडिट करने की विशेषज्ञता प्राप्त है. केन्द्रीय परिषद में रहते हुए उन्होंने कई जिम्मेदारियों का निर्वहन किया.

उत्तर कोरिया ने नार्थ हेंम्योंग प्रांत स्थित पंगये-री परमाणु परीक्षण स्थल में तीसरा परमाणु परीक्षण किया. इससे पहले उत्तर कोरिया ने वर्ष 2006 और वर्ष 2009 में भी परमाणु परीक्षण किया था. इस परीक्षण में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिसकी विस्फोटक क्षमता पहले के परीक्षणों से कहीं ज्यादा है. किम जोंग उन के नेतृत्व में उत्तर कोरिया द्वारा किया गया यह पहला परमाणु परीक्षण है. विदित हो कि संयुक्तराष्ट्र, अमेरिका, चीन, जापान, ब्रिटेन सहित प्रमुख पश्चिमी देशों ने उत्तर कोरिया के इस कदम की कड़े निंदा की तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस गंभीर मुद्दे पर विचार करने के लिए 12 फरवरी 2013 को ही आपात बैठक बुलाई.

13.   दूसरा विश्व रेडियो दिवस सम्पूर्ण विश्व में मनाया गया. प्रथम विश्व रेडियो दिवस वर्ष 2012 को मनाया गया था. यूनेस्को ने वर्ष 2011 में ही विश्व-स्तर पर रेडियो दिवस मनाने का निर्णय लिया. 13 फरवरी का दिन विश्व रेडियो दिवस के रूप में इसलिए चुना गया क्योंकि 13 फरवरी 1946 से ही संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) द्वारा रेडियो प्रसारण की शुरुआत की गई थी.

मोहन परासरन को भारत का सॉलिसिटर जनरल 13 फरवरी 2013 को नियुक्त किया गया. मोहन परासरन ने रोहिंटन एफ नरीमन का स्थान लिया. रोहिंटन एफ नरीमन ने 4 फरवरी 2013 को इस पद से इस्तीफा दिया था. मोहन पराशरन का कार्यकाल फरवरी 2016 तक निर्धारित है. केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने मोहन पराशरन के नाम को मंजूरी दी. जुलाई 2004 में मोहन पराशरन को संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन (संप्रग) सरकार में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था.

भारत के वित्त मंत्रालय ने एकल ब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के 750 करोड़ रुपए के चार निवेश प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की. भारत के वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामले विभाग के सचिव अरविंद मायाराम की अध्यक्षता वाले विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने बैठक में फॉसिल इंक, फ्रांस की फैशन ब्रांड प्रॉमॉद, क्रॉकरी बनाने वाली ली क्रुसेट और खेलकूद क्षेत्र की प्रमुख कंपनी डेकाथलॉन के प्रस्तावों को मंजूरी दी. ली क्रुउसेट, फॉसिल इंक और डेकाथलॉन का प्रस्ताव 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वाला है, जबकि प्रॉमॉद ने खुदरा क्षेत्र में संयुक्त उद्यम के जरिए उतरने की अनुमति मांगी है.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व नि‍देशक अमर प्रताप सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष प्रोफेसर डीपी अग्रवाल ने अमर प्रताप सिंह को शपथ दिलाई. भारतीय पुलिस सेवा के वर्ष 1974 बैच के अधिकारी अमर प्रताप सिंह इससे पूर्व मेघालय के महानिरीक्षक (सीआईडी तथा विशेष शाखा), मुख्य सर्तकता अधिकारी (इंडियन एयरलाइंस), झारखंड के मुख्यमंत्री के लिए विशेष अधिकारी, अपर महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल (मुख्यालय) तथा विशेष निदेशक (सीबीआई) जैसे अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहे.

वर्ष 2013 का व्यंग्यश्री सम्मान व्यंग्यकार हरि जोशी को प्रदान किया गया. यह 17वां पुरस्कार है. हरि जोशी को यह सम्मान हिन्दी भवन में आयोजित एक समारोह में दिया गया. सम्मान के तहत हरि जोशी को प्रशस्ति पत्र, शाल, वांग्यदेवी की प्रतिमा, रजत श्रीफल और 51 हजार रुपए की नगद राशि प्रदान की गई. हरि जोशी का जन्म मध्य प्रदेश के हरदा जिले में17 नवंबर 1943 को हुआ था.वर्ष 2012 व्यंग्यश्री सम्मान व्यंग्यकार डॉ. हरीश नवल को दिया गया.

अमेरिका की दो विमानन कंपनियों अमेरिकन एयरलाइंस और यूएस एयरवेज ने आपसी विलय का निर्णय 13 फरवरी 2013 को किया. दोनों कंपनियों के निदेशक मंडल ने सर्वसम्मति से इस सौदे को मंजूरी प्रदान की. इसके साथ ही अमेरिका में बड़ी विमानन कंपनियों की संख्या घटकर चार रह जानी है. अमेरिकन एयरलाइंस के अलावा बाकी तीन कंपनियां हैं यूनाइटेड एयरलाइंस, डेल्टा एयरलाइंस और साउथवेस्ट एयरलाइंस.

अशोक कुमार मुखर्जी को संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया गया. अशोक कुमार मुखर्जी ने हरदीप सिंह पुरी का स्थान लिया. हरदीप सिंह पुरी दो वर्ष के कार्यकाल के बाद फरवरी 2013 में इस पद से सेवानिवृत हुए. इस नियुक्ति से पूर्व अशोक कुमार मुखर्जी विदेश मंत्रालय में विशेष सचिव के पद पर रहे. भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने इस पद हेतु अशोक कुमार मुखर्जी का चयन किया.

14.   कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति वाई भास्कर राव ने कर्नाटक के लोकायुक्त के पद की शपथ ली. कर्नाटक के राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने बंगलौर स्थित राजभवन में आयोजित आधिकारिक समारोह में वाई भास्कर राव को पद की शपथ दिलाई. वाई भास्कर राव ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) शिवराज वी पाटिल का स्थान लिया. शिवराज वी पाटिल ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के आरोपों के बाद सितंबर 2011 में लोकायुक्त के पद से इस्तीफा दिया था. तब से लोकायुक्त का पद रिक्त था.

ऊंची कूद के खिलाड़ी एवं पद्मश्री गिरीशा होशांगारा नगराजेगौड़ा को वैश्विक न्यूट्रीशन कंपनी हर्बलाइफ ने अपना ब्रांड दूत नियुक्त किया. करार के तहत गिरीशा एच नगराजेगौड़ा कुछ हर्बलाइफ उत्पादों का विज्ञापन करना है. जिनमें फॉमरूला वन न्यूट्रीशनल शेक और अफ्रेश एनर्जी ड्रिंक मिक्स शामिल हैं.

मलयालम फिल्मों के निर्देशक जे शशिकुमार का केरल के सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार जेसी डैनियल पुरस्कार हेतु चयन किया गया. जे शशिकुमार का चयन संगीत निर्देशक एमके अर्जुनन की अध्यक्षता वाली जूरी ने किया.

रेलवे क्षेत्र में तकनीकी सहयोग पर भारत सरकार के रेल मंत्रालय और फ्रांसीसी राष्ट्रीय रेलवे के मध्य समझौता किया गया. भारतीय पक्ष की ओर से रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनय मित्तल और फ्रांसिसी पक्ष की ओर से फ्रांसीसी राष्ट्रीय रेलवे के अध्यक्ष और मुख्य प्रबंध अधिकारी जी पेपी ने सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर के समय फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांकोइस होलांडे  भी उपस्थित रहे.

15.   पाकिस्तान ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हत्फ-2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण जमीन आधारित बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली के सत्यापन की प्रक्रिया का एक हिस्सा था.  हत्फ-2 मिसाइल को अब्दाली मिसाइल के नाम से भी जाना जाता है. हत्फ-2 परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. यह मिसाइल अत्यंत सटीकता के साथ परमाणु या पारंपरिक आयुध ले जा सकती है.  हत्फ-2 मिसाइल की मारक क्षमता 180 किलोमीटर है.

सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी महिंद्रा सत्यम ने ब्राजील की सैप परामर्श सेवा प्रदाता कंपनी कॉम्पलेक्स आईटी में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया.

16.   भारत-बांग्लादेश संयुक्त सलाहकार आयोग (जेसीसी) की दूसरी बैठक ढाका में 16 फरवरी 2013 को आयोजित की गई. भारत और बांग्लादेश ने दोनों देशों के बीच जमीनी सीमा से सबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए समझौते को लागू करने की प्रक्रिया के तहत,सीमा क्षेत्रों के मानचित्रों का आदान- प्रदान किया. इसका उद्देश्य दोनों देशों के मध्य 4000 किलोमीटर से अधिक लम्बी अंतरराष्ट्रीय सीमा का पक्का रेखांकन करना है. भारतीय मंत्रिमंडल ने लंबित भूमि सीमा समझौते के संदर्भ में संविधान संशोधन विधेयक के मसौदे को 13 फरवरी 2013 को मंजूरी दे दी. भूमि सीमा समझौते (एलबीए) पर वर्ष 1974 में और इससे सम्बंधित प्रोटोकाल पर सितंबर 2011 में हस्ताक्षर किए गए थे.

रामकुमार रामनाथन ने तमिलनाडु के सौरव सुकुल को 6-2, 6-1 से पराजित कर राष्ट्रीय ग्रासकोर्ट टेनिस चैंपियनशिप-2013 का पुरुष वर्ग का एकल खिताब जीत लिया. महिला एकल वर्ग में गुजरात की अंकिता रैना ने गोवा की नताश पाल्हा को 6-1, 6-2 से हराकर राष्ट्रीय ग्रासकोर्ट टेनिस चैंपियनशिप-2013 का खिताब जीत लिया. महिला युगल वर्ग में पश्चिम बंगाल की त्रेता भट्टाचार्य और गोवा की नताश पाल्हा की जोड़ी ने रश्मि चक्रवर्ती और अंकिता रैना की शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी को 4-6, 6-1, 10-8 से पराजित कर राष्ट्रीय ग्रासकोर्ट टेनिस चैंपियनशिप-2013 का खिताब जीता.

17.   उत्तर प्रदेश के अरविंद कुमार यादव ने दिल्ली में आयोजित मवाना शुगर्स इंडियन ओपन मैराथन के पुरुष वर्ग का खिताब 17 फरवरी 2013 को जीता. इसके साथ ही मवाना शुगर्स इंडियन ओपन मैराथन के महिला वर्ग का खिताब महाराष्ट्र की नीलम मारुति कदम ने जीता.अरविंद कुमार यादव और नीलम मारुति कदम को मैराथन वर्ग में खिताब जीतने के लिए ढाई-ढाई लाख रुपए और उनके वजन के बराबर मवाना शुगर क्यूब्स दी गई. अरविंद कुमार यादव ने मैराथन को पूरा करने के लिए 2 घंटे 21 मिनट और 44 सेकेंड का समय लिया, जबकि नीलम मारुति कदम ने 3 घंटे 1 मिनट और 2 सेकेंड में रेस पूरी की.

ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज को 114 रनों से पराजित कर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) महिला विश्व कप 2013 का खिताब जीता. ऑस्ट्रेलिया ने इससे पहले वर्ष 2005 में महिला विश्व कप का खिताब जीता था. मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में खेले गए फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट पर 259 रन बनाए, जिसके जवाब में वेस्टइंडीज  की टीम 43.1 ओवर में 145 रन पर आल-आउट हो गई. ऑस्ट्रेलिया की जेस कैमरन को फाइनल मैच में 75 रनों की पारी खेलने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच खिताब दिया गया.

बेलारूस की महिला टेनिस खिलाड़ी विक्टोरिया अजारेंका ने डब्ल्यूटीए कतर ओपन टेनिस टूर्नामेंट 2013 के महिला एकल वर्ग का खिताब जीता. यह विक्टोरिया अजारेंका का 16वां खिताब है. इससे पहले वर्ष 2012 में भी विक्टोरिया अजारेंका ने कतर ओपन टेनिस टूर्नामेंट का खिताब जीता था. दोहा में खेले गए फाइनल मुकाबले में विक्टोरिया अजारेंका ने अमेरिका की टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स को 7-6, 2-6, 6-3 से पराजित किया.

भारत के शतरंज खिलाड़ी और विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने ग्रेंके शतरंज क्लासिक ट्राफी 2013 का खिताब जीता. वर्ष 2013 का यह उनका पहला खिताब है. विश्वनाथन आनंद ने अंतिम दौर में जर्मनी के अरकादीज नाईदित्स को पराजित किया.

विश्व के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी स्पेन के राफेल नडाल ने ब्राजील ओपन टेनिस टूर्नामेंट 2013 का खिताब जीता. राफेल नडाल ने प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में अर्जेंटीना के डेविड नालबैडियन को 6-2, 6-3 से पराजित किया.

कनाडा के टेनिस खिलाड़ी मिलोस राओनिक ने सेन जोस (अमेरिका) में आयोजित एसएपी ओपन 2013 का खिताब जीता. मिलोस राओनिक ने प्रतियोगिता के फाइनल में जर्मनी के टेनिस खिलाड़ी टॉमी हास को 6-4, 6-3 से पराजित किया.

18.   सामाजिक कार्यकर्ता इला रमेश भट्ट को शांति, निरस्स्रीकरण और विकास हेतु वर्ष 2011 का इंदिरा गांधी पुरस्कार प्रदान किया गया. राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इला रमेश भट्ट को यह पुरस्कार दिया. इला रमेश भट्ट को यह पुरस्कार महिलाओं के सशक्तिकरण, जमीनी स्तर पर उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और समतापूर्ण विकास तथा शांति के क्षेत्र में योगदान के लिए आजीवन उपलब्धि के लिए दिया गया.

हिन्दी के आलोचक व कवि डॉ विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को साहित्य अकादमी का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया. वह साहित्य अकादमी के अध्यक्ष बनने वाले हिन्दी के पहले साहित्यकार हैं. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी साहित्य अकादमी के 12वें अध्यक्ष हैं. इनका कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित है. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने सुनील गंगोपाध्याय का स्थान लिया. सुनील गंगोपाध्याय का वर्ष 2012 में निधन हो गया था. उनके निधन के बाद विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को साहित्य अकादमी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.

अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायालय ने निर्देश दिया कि उत्तरी कश्मीर में स्थित किशनगंगा पनबिजली परियोजना  के लिए किशनगंगा का जलमार्ग बदलने का भारत को अधिकार है. इसमें भारत ने सिन्धु जल समझौते के सभी प्रावधानों का पालन किया है. अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायालय ने पाकिस्तान की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें पाकिस्तान ने भारत पर किशनगंगा नदी के बहाव को मोड़ने और दोनों देशों के बीच हुई सिंधु जल संधि 1960 के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए इस परियोजना पर स्थगन की मांग की थी. अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायालय ने यह निर्देश 18 फरवरी 2013 को दिया. यह निर्णय स्टेफन एम स्कीवेल के अध्यक्षता में दिया गया.

19.   गैस भंडार कृष्णा गोदावरी बेसिन (केजी बेसिन) की संचालक रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने केजी बेसिन से ज्यादा गैस निकालने के लिए 5 अरब डॉलर (22 हजार करोड़ रुपए) का निवेश करने का निर्णय किया. यह निवेश 2013 से वर्ष 2018 के मध्य किया जाना है. इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने अपनी साझेदार ब्रिटिश पेट्रोलियम के साथ मिलकर इस ब्लॉक के विकास का विस्तृत लेखाजोखा भारत सरकार को पेश किया.

अखिल भारतीय हरिजन सेवक संघ के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा किशन मालवीय का मध्य प्रदेश में को निधन हो गया. वह 68 वर्ष के थे.

20.   विराट कोहली को इंडियन प्रीमियर लीग के छठे सत्र के लिए आईपीएल फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर का कप्तान नियुक्त किया गया. विराट कोहली ने डेनियल वेटोरी का स्थान लिया.

21.   टीएस विजयन को बीमा नियमन एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. टीएस विजयन ने जे हरिनारायण का स्थान लिया. जे हरिनारायण 20 फरवरी 2013 को इस पद से सेवानिवृत्त हुए.

20 चीतल हेलीकाप्टरों की प्राप्ति के लिए भारतीय सेना और हिंदुस्तान एयरोनोटिकल लिमिटेड के मध्य 300 करोड़ रुपए के समझौते पर हस्ताक्षर किया गया.

22.   डॉ नरेन्द्र कोहली के उपन्यास ना भूतो ना भविष्यति को वर्ष 2012 के व्यास सम्मान के लिए चुना गया. क्रम में यह 22वां व्यास सम्मान है. इनका चयन किया गया. वर्ष 2011 का व्यास सम्मान (21वां) प्रो. रामदरश मिश्र के काव्य संग्रह आम के पत्ते को दिया गया.

भारतीय तटरक्षक बल ने आर्नेसन सरफेस डिवाइस पर आधारित इंटरसेप्टर नौका सी-154 का जलावतरण फरवरी किया. महाराष्ट्र के मुख्य सचिव जयंत कुमार बांठिया द्वारा इस नौका को तटरक्षक बेडे़ में शामिल किया गया.

23.   भारत की सानिया मिर्जा और अमरीका की बेथनी माटेक सेन्डस की जोड़ी ने दुबई टेनिस चैम्पियनशिप-2013 का महिला युगल खिताब जीत लिया. इन्होंने दूसरी वरीयता प्राप्त रूस की नादिया पैत्रोवा और स्लोवेनिया की कैटरीना श्रीबोथनीक को 6-4, 2-6, 10-7 से पराजित किया. फाइनल मैच दुबई में खेला गया. इस जोड़ी का सत्र 2013 का यह दूसरा खिताब है. सानिया मिर्जा का यह 16वां युगल खिताब है. सानिया मिर्जा भारत की और बेथनी माटेक सेन्डस अमरीका की महिला टेनिस खिलाड़ी हैं.

जेके समूह के अध्यक्ष हरि शंकर सिंहानिया (एचएस सिंहानिया) का 23 फरवरी 2013 को निधन हो गया. वह 79 वर्ष के थे. इनका अंतिम संस्कार नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया गया. उद्योग क्षेत्र में उनके द्वारा दिए गए योगदान के लिए वर्ष 2003 में उन्हें पद्य भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया.

न्यूजीलैंड की महिला टेनिस खिलाड़ी मारिना इराकोविक ने अमेरिकी इंडोर नेशनल टेनिस टूर्नामेंट के महिला एकल का खिताब जीता. प्रतियोगित के फाइनल में मारिना इराकोवि ने जर्मनी की सबीन लिसिकी को 6-1 से पराजित किया.

24.   भारत के रोहन बोपन्ना और ब्रिटेन के कोलिन फ्लेमिंग की जोड़ी ने ने एटीपी ओपन 13 हार्डकोर्ट टेनिस टूर्नामेंट के युगल वर्ग का खिताब को जीता. इस जोड़ी को इस जीत के लिए कुल 29000 यूरो की इनामी राशि और प्रत्येक को 250 रैंकिंग अंक मिले. यह खिताब रोहन बोपन्ना का वर्ष 2013 का पहला खिताब है. प्रतियोगिता के फाइनल में रोहन बोपन्ना और कोलिन फ्लेमिंग की जोड़ी ने ऐसाम उल हक कुरैशी और जील जूलियन रोजर की जोड़ी को 6-4, 7-6 से पराजित किया.

भारत की महिला स्क्वॉश टीम ने सियोल में सम्पन्न 16वीं एशियाई जूनियर महिला टीम चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक 24 फरवरी 2013 को जीता. भारतीय महिला टीम ने फाइनल में हांगकांग को 2-1 से पराजित किया. भारतीय महिला टीम में लक्ष्या राघवेंद्रन, अनाका अलंकामोनी और बालामुरुकन शामिल थी. इसके साथ ही भारत की पुरुष स्क्वॉश टीम ने 16वीं एशियाई जूनियर टीम चैम्पियनशिप (पुरुष वर्ग) में रजत पदक जीता. भारतीय टीम को पाकिस्तान की टीम ने 0-2 से पराजित किया.

साइप्रस की डेमोक्रेटिक रैली पार्टी के नेता निकोस अनास्टासियाडेज़ ने 57.5 प्रतिशत मतों के साथ साइप्रस के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता. निकोस अनास्टासियाडेज़ ने स्वतंत्र उम्मीदवार स्टावरोस मालास को पराजित किया. स्टावरोस मालास को 42.5 प्रतिशत मत प्राप्त हुए. निकोस अनास्टासियाडेज़ द्वारा दिमित्रिस क्रिस्तोफियास का स्थान लिया जाना है. दिमित्रिस क्रिस्तोफियास का कार्यकाल 28 फरवरी 2008 से 28 फरवरी 2013 तक निर्धारित है.

सर्बिया की टेनिस खिलाड़ी जेलेना जानकोविक ने डब्ल्यूटीए कोपा क्लारो कोलसेंटियास कप का खिताब को जीता. प्रतियोगिता के फाइनल में जेलेना जानकोविक ने अर्जेंटीना की पाउला ओर्मेचेअ को 6-1 6-2 से पराजित किया.

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग द्वारा देश भर में केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस मनाया गया. केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस मनाने का लक्ष्य आम लोगों में उत्पाद शुल्क और सेवा शुल्क की अहमियत बताना है. यह दिवस 24 फरवरी 1944 को केंद्रीय उत्पाद शुल्क तथा नमक कानून लागू किए जाने के उपलक्ष में प्रतिवर्ष  मनाया जाता है.

निर्देशक आंग ली की फिल्म लाइफ ऑफ पाई ने लॉस एंजिलिस में आयोजित ऑस्कर पुरस्कार 2013 (85वें अकादमी पुरस्कार) में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक वर्ग सहित चार वर्गों में पुरस्कार जीते. इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी, दृश्य प्रभाव और संगीत (मौलिक धुन) का पुरस्कार भी प्रदान किया गया.
25.   भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी-20 का श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से सफल प्रक्षेपण किया गया. यह यान अपने साथ 7 उपग्रह ले गया, अंतरिक्ष यान पीएसएलवी-सी20 ने सभी 7 उपग्रहों (भारतीय-फ्रांसीसी समुद्र विज्ञान अध्ययन उपग्रह सरल तथा 6 विदेशी लघु एवं सूक्ष्म उपग्रहों) को सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया.

कनाडा की मोबाइल फोन निर्माता कंपनी ब्लैकबेरी ने आपरेटिंग सिस्टम ब्लैकबेरी-10 पर संचालित स्मार्टफोन जेड10 भारत में लॉन्च किया. इसकी कीमत 43490 रुपए रखी गई है.

एनटीपीसी सेल पॉवर कंपनी (एनएसपीसीएल) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी  विश्वरूप को मुंबई में आयोजित अंतरराष्ट्रीय एचआरडी सम्मेलन में आदर्श नेता पुरस्कार से सम्मानित किया गया. विश्वरूप को ऊर्जा क्षेत्र में उनके योगदान के लिए यह सम्मान मिला. उन्हें यह पुरस्कार वैश्विक एचआर उत्कृष्टता पुरस्कार के आयोजन के अवसर पर प्रदान किया गया.

कंजरवेटिव पार्टी की पार्क ग्यून हे ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के पद की शपथ 25 फरवरी 2013 को ली. इस शपथ के साथ ही वह देश की पहली महिला राष्ट्रपति बन गईं. 61 वर्षीया पार्क ग्यून हे ने दिसंबर 2012 में हुए चुनावों में लिबरल पार्टी के मून जे-इन को पराजित किया था.
26.   भारतीय मूल के शिक्षाविद डॉ सुगत मित्रा को अमेरिकी साइंस संस्था टेड के वार्षिक सम्मान से को सम्मानित किया गया. पुरस्कार के तहत डॉ सुगत मित्रा को 10 लाख डॉलर (5.38 करोड़ रुपए) की राशि प्रदान की गई.

28.   वाइस एडमि‍रल अनुराग जी थपलि‍याल ने भारतीय तटरक्षक बल के महानि‍देशक का पद ग्रहण किया. वाइस एडमि‍रल अनुराग जी थपलि‍याल ने वाइस एडमि‍रल एमपी मुरलीधरन का स्थान लिया.















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