गुरुवार, 27 सितंबर 2012

प्रशासनिक सेवा और इसका प्रारूप

प्रशासनिक सेवा देश की सर्वाधिक प्रतिष्ठित सेवा मानी जाती है, साथ ही इस देश का युवा वर्ग इन सेवाओं को सबसे ज्यादा प्राथमिकता देता हैं। प्रशासनिक सेवा का अर्थ अधिकार शक्ति और उत्तरदायित्व है। यही कारण है कि प्रतिवर्ष लाखों आवेदक इस ओर आकर्षित होते हैं 

क्या है प्रशासनिक सेवा?

प्रशासनिक सेवा भारत की सर्वोच्च सेवा है जिसमे प्रशासनिक अधिकारियो को विद्यमान सर्वोत्तम विशेषाधिकार मिलते हैं। इसमे  सरकारी प्रतिष्ठा के साथ सामाजिक उत्तरदायित्व भी जुड़ा हुआ है, क्योंकि नौकरशाही में प्रशासनिक सेवाएं देश की सुचारु प्रणाली के लिए जिम्मेदार हैं। प्रशासनिक सेवा युवाओ के लिए एक स्वप्न की तरह है जिसका सच होना उनके तथा उनके परिवार के लिए प्रतिष्ठा का पर्याय है     

प्रशासनिक सेवा के लिए प्रतियोगी को स्नातक होना चाहिए। उसकी आयु कम से कम 21 वर्ष तथा अधिक से अधिक 30 वर्ष होनी चाहिए। हालांकि विभिन्न श्रेणियों के उम्मीदवारों, खासकर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट दी गई है।

परीक्षा का ढांचा

सिविल सेवा परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है। राष्ट्रीय दैनिक समाचार-पत्रों में समय-समय पर इसकी घोषणा की जाती है। यह परीक्षा बड़ी कुशलता से आयोजित की जाती है। इसमें त्रुटि की कोई गुजाइंश नहीं छोड़ी जाती है।

इस परीक्षा में चयन के तीन स्तर हैं- 

1.
व्यक्ति की अपने विषयों में अनिवार्य समझ का पता लगाने के लिए प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की जाती है। इसमें प्रश्न वस्तुनिष्ठ होते हैं और उम्मीदवार को दो प्रश्नपत्र देने होते हैं। 
प्रथम प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन में इतिहास, राजनीतिविज्ञान, भूगोल, समसामयिक घटना, सामान्य विज्ञान अर्थव्यवस्था, विज्ञान प्रोद्योगिकी,सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न होते हैं ।जबकि दुसरे प्रश्नपत्र में भाषा-हिंदी/अँग्रेजी,गणित,निर्णय  क्षमता,सम्प्रेषण कौशल, तार्किक क्षमता, मानसिक योग्यता, अंग्रेजी भाषा, और बोध परीक्षण परीक्षा संबंधित प्रश्न होते हैं 

अत: यह सलाह दी जाती है कि प्राथमिक परीक्षा को सबसे ज्यादा गंभीरता से लिया जाए। एक बार यह बाधा दूर हो जाने पर व्यक्ति अगली परीक्षा की तैयारी शुरू कर सकता है।

2. 
संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा-2013 की मुख्य परीक्षा योजना {लिखित परीक्षा (मुख्य) और साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षा} में परिवर्तन किया है. इस परिवर्तन के आधार पर अब लिखित (मुख्य) परीक्षा में सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र दो से बढ़ाकर चार कर दिए गए है. साथ ही  वैकल्पिक विषयों को दो से घटाकर एक कर दिया गया है. जिसमें केवल एक विषय (प्रश्नपत्र I&II) होगा. सामान्य अध्ययन के पूर्णांक को 600 अंक से बढ़ाकर 1000 अंक और वैकल्पिक विषयों के कुल अंक 1200 को घटाकर 500 का कर दिया गया है. साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षा का अंक भी 300 से घटाकर 275 कर दिया गया.

पाठ्यक्रम में परिवर्तन
गत वर्षों में:
वर्ष 2013 के लिए:
निबंध – 200 अंक
निबंध – 200 अंक

अंग्रेजी  – 100 अंक
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र I&II
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र I, II, III and IV
सामान्य अध्ययन के लिए कुल अंक=600 (2X300)
सामान्य अध्ययन के लिए कुल अंक= 1000 (4X 250)
वैकल्पिक विषय-अ के प्रश्नपत्र I&II= 600 (प्रश्नपत्र I=300 अंक और प्रश्नपत्र II=300 अंक)
वैकल्पिक विषय-अ के प्रश्नपत्र I&II= 500 (प्रश्नपत्र I=250 अंक और प्रश्नपत्र II=250 अंक)
वैकल्पिक विषय-ब के प्रश्नपत्र I&II= 600 (प्रश्नपत्र I=300 अंक और प्रश्नपत्र II=300 अंक)
 प्रावधान नहीं.
साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षा–300 अंक
साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षा–275 अंक
वर्ष 2013 के सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल नए अध्याय निम्नलिखित हैं:
• सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र I खंड-2 में 10वीं या मैट्रिकुलेशन स्तर के अंग्रेजी गद्यांश.
• सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र II के प्रथम खंड में विश्व का भूगोल और इतिहास एवं समाज का अध्ययन शामिल है.
• सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र -IV के खंड-3 में प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण और सुरक्षा के साथ-साथ आपदा प्रबंधन को भी शामिल किया गया.
• सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र -V के खंड-4 में नीतिशास्त्र, समग्रता और अभिरुचि को शामिल किआ गया.
सिविल सेवा परीक्षा में सामान्य श्रेणी का उम्मीदवार चार बार बैठ सकता है।  निस्संदेह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी से व्यक्ति का ज्ञान बढ़ता है। सिविल सेवा की तैयारी का सबसे ज्यादा महत्व है। इसके प्रति एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। इसके अलावा, प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी करते समय मुख्य परीक्षा का भी ध्यान रखना पड़ता है। वस्तुत: सिविल सेवा परीक्षा का निर्णायक कारक विषयों का चयन है।ये विषय उम्मीदवार की रुचि के अनुकूल हों। अधिकांश उम्मीदवार ऐच्छिक विषय के रूप में ऑनर्स विषय चुनते हैं; लेकिन ऑनर्स विषय से इतर विषय भी चुना जा सकता है। हमें मात्र यही ध्यान रखना होगा कि हम चाहे जो भी विषय चुनें, हमें उस विषय की भलीभांति जानकारी हो।

सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से निम्नलिखित सेवाओं/पदों पर भर्ती की जाती है  
 1.
भारतीय विदेश सेवा (आई.एफ.एस.) 
2.
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई..एस.) 
3.
भारतीय पुलिस सेवा (आई.पी.एस.) 
4.
भारतीय राजस्व सेवा, ग्रुप  
5.
भारतीय डाक सेवा, ग्रुप  
6.
भारतीय सीमा शुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद सेवा, ग्रुप  
7.
भारतीय रक्षा लेखा सेवा, ग्रुप
8.
भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा, ग्रुप
9.
भारतीय डाक एवं तार लेखा तथा वित्त सेवा, ग्रुप  
10.
भारतीय सिविल लेखा सेवा, ग्रुप  
11.
भारतीय आयुध फैक्टरी सेवा, ग्रुप
12.
भारतीय रेलवे ट्रैफिक सेवा, ग्रुप
13.
भरतीय रेलवे कर्मी सेवा, ग्रुप
14.
भारतीय रक्षा संपदा सेवा, ग्रुप
15.
भारतीय सूचना सेवा, ग्रुप 
16.
भारतीय व्यापार सेवा, ग्रुप  
17.
रेलवे संरक्षण का बल, ग्रुप  
18.
असिस्टेंट कमांडेंट का पद, ग्रुप - केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल 
19.
पुलिस उपनिरीक्षक, ग्रुप , केंद्रीय जांच ब्यूरो 
20.
केंद्रीय सचिवालय सेवा, ग्रुप बी
21.
रेलवे बोर्ड सचिवालयी सेवा, ग्रुप बी
22.
सशस्त्र बल मुख्यालय, सिविल सर्विस, ग्रुप बी
23.
भारतीय संघ-शासित क्षेत्र की सिविल सेवा, ग्रुप बी
24.
पॉन्डीचेरी सिविल सेवा, ग्रुप बी
चुने गए आईएएस तथा आईपीएस अधिकारियों को निचले स्तर पर अर्थात जिला स्तर पर काम शुरू करना होता है। यह आईएएस तथा आईपीएस का विकास-काल होता है, जब वे वास्तविकताओं के संपर्क में आते हैं और जिम्मेदारी लेना शुरू करते हैं। इसके बाद ये लोग पद क्रम में निश्चित अवधि में पदोन्नति पाकर शीर्ष पर पहुंचते हैं। कुल मिलाकर सिविल सेवा की सर्वाधिक मांग है, क्योंकि इसके साथ प्रशासनिक शक्ति, सामाजिक हैसियत, प्रतिष्ठा उत्तम धन लाभ जुड़ा है।

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