मंगलवार, 11 जुलाई 2023

यूपीएससी की तैयारी करने वाले सभी छात्रों के लिए संदेश

आप IAS की तैयारी कर रहे हैं, इसके लिए एक संक्षिप्त संदेश:

लक्ष्य स्थिर रखें: IAS बनने का लक्ष्य हमेशा मन में रखें। अपने प्रयास में समर्पित रहें।


योजना बनाएं: पठन कार्य में योजना बनाएं। विषयों को संगठित ढंग से पढ़ें। वक्त बनाएं और लक्ष्य तय करें।


नियमितता और संगठन: नियमितता के साथ पढ़ाई करें। पढ़ाई का समय निर्धारित करें ।


मार्गदर्शन लें: अनुभवी मार्गदर्शकों से सलाह लें और उनका सहारा लें। उनके अनुभव से सुविधा लें।


सुस्ती से बचें: सुस्ति के विचारों से दूर रहें। सकारात्मक रखें और सफल छात्र की भूमिका में विचार करें।


स्वास्थ्य पर ध्यान दें: अच्छे स्वास्थ्य की देखभाल करें। नियमित व्यायाम करें और आहार पर ध्यान दें।


हिम्मत बनाएं रखें: सतर्क रहें, मेहनत करें, धैर्य रखें और स्वयं को IAS अधिकारी के रूप में सोचें।


उद्देश्य को याद रखें: तकनीकी और मानसिक कठिनाइयों के सामने अपने उद्देश्य को याद रखें। संघर्षों को पूरा करने के लिए आत्मविश्वास बनाए रखें।


शुभकामनाएं

आपकी आगामी सफलता की कामना करते हैं!

रविवार, 28 फ़रवरी 2016

रेल बजट 2015-16

आगामी पांच वर्षों में भारतीय रेल की कायाकल्प के लिए निर्धारित चार लक्ष्य-

  • ग्राहकों के अनुभव में स्थायी और मापनयोग्य सुधार लाना।
  • रेलवे को यात्रा का सुरक्षित साधन बनाना।
  • भारतीय रेलों की क्षमता में पर्याप्त विस्तार करना और इसकी अवसंरचना को आधुनिक बनाना।
  • भारतीय रेलवे को वित्तीय दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाना।

कार्य निष्पादन योजना के लिए पांच महत्वपूर्ण उत्प्रेरक-

·         मध्यावति योजना को अपनाना
·         साझेदारी बनाना
·         अतिरिक्त संसाधन जुटाना
·         पद्धतियों, प्रणालियों, प्रक्रियाओं में सुधार करना और मानव संसाधन को समर्थ बनाना
·         शासन व्यवस्था तथा पारदर्शिता मानक स्थापित करना

कार्य योजना के लिए ग्यारह प्रमुख क्षेत्र- सुखद यात्रा का आभास-

साफ-सफाई-स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छ रेल बनाने के कार्यक्रम पर जोर, 120 स्टेशनों की तुलना में 650 अतिरिक्त स्टेशनों पर नये शौचालय बनाये जाएंगे
बिस्तर-बिस्तरों के डिजाइन के लिए निफ्ट दिल्ली से संपर्क किया जाएगा, इसके अलावा चुनिंदा स्टेशनों पर डिस्पोजेबल बिस्तर की ऑनलाइन सुविधा प्रदान की जाएगी
हैल्प लाइन-यात्रियों की समस्याओं का वास्तविक समय के आधार पर निराकरण के लिए अखिल भारतीय चौबीस घंटे सातों दिन हैल्प लाइन नं. 138 की शुरुआत की जाएगी
टिकट- अनारक्षित यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए पांच मिनट के भीतर टिकट खरीद सुनिश्चित करने के लिए ऑपेरशन फाइव मिनट।
खानपान-ई-कैटरिंग की सुविधा और अधिक रेलगाड़ी में बढ़ाई जाएगी
प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग करना- चल टिकट परीक्षकों को हैंड हेल्ड टर्मिनल उपलब्ध कराए जाएंगे। जिनका उपयोग यात्रियों का सत्यापन और चार्टों को डाउनलोड करने के लिए किया जा सकेगा। एकीकृत ग्राहक पोर्टल तैयार किया जाएगा। एसएमएस अलर्ट सेवा शुरू की जाएगी।
निगरानी- महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए पायलट आधार पर मेनलाइन के चुनिंदा सवारी डिब्बों और उपनगरीय गाड़ियों में महिलाओं की डिब्बों में निगरानी रखने के लिए कैमरा लगाए जाएंगे, ऐसा करते समय उनकी प्राइवेसी का भी ख्याल रखा जाएगा।
मनोरंजन- साधारण श्रेणी के सवारी डिब्बों में मोबाइल फोन को चार्ज करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
गाड़ी क्षमता में वृद्धि  24 सवारी डिब्बों के स्थान पर 26 सवारी डिब्बे जोड़ें जाएंगे।
आरामदायक यात्रा- ऊपरी बर्थ पर चढ़ने के लिए सीढ़ियों का मौजूदा सीढ़ियां, जो यात्रियों के लिए असुविधाजनक हैं को बदल कर उसके स्थान पर यात्रियों के लिए सुविधाजनक सीढ़ियों की व्यवस्था का प्रस्ताव  
 स्टेशन सुविधाएं- स्टेशन सुविधाओं में बढ़ोतरी की जाएगी।

अन्य प्रमुख बिंदु
·         रेल मंत्री ने भारतीय रेलवे के कायाकल्प हेतु अगले पांच वर्षों के लिए चार लक्ष्य निर्धारित किए 
·      यात्री और माल ढुलाई क्षमता में वृद्धि की जाएगी
·      पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए गांधी सर्किट को बढ़ावा दिया जाएगा
·      रेलवे की वार्षिक योजना के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा 40,000 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता
·      विदेशी रेल प्रौद्योगिकी सहयोग योजना शुरू करने का प्रस्‍ताव
·      रेलवे में महत्‍वपूर्ण प्रबंधन प्रक्रियाओं और प्रणालियों में सुधार
·      रेलवे के योजना बजट के आकार में 52 प्रतिशत की वृद्धि
·      रेलवे विशेषज्ञों से परामर्श लेने के लिए वित्‍त व्‍यवस्‍था कक्ष स्‍थापित करेगा
·      मुम्‍बई के लिए एमयूटीपी-III शुरू की जाएगी
·      रेलवे का 2014-15 के दौरान वित्‍तीय निष्‍पादन
·      आरओबी/आरयूबी के निर्माण के लिए वेब आधारित एप्‍लीकेशन शुरू किया गया
·      भारतीय रेलवे के कायाकल्‍प के लिए रेल मंत्री द्वारा पांच सूत्री कार्य निष्‍पादन रणनीति का निर्धारण
·          चल टिकट परीक्षकों के लिए हैंड हैल्‍ड टर्मिनल्‍स का प्रावधान
·          साधारण श्रेणी के सवारी डिब्‍बों में मोबाइल फोन को चार्ज करने की सुविधा
·          चुनिंदा शताब्‍दी गाडि़यों पर ऑन बोर्ड मनोरंजन सुविधा उपलब्‍ध होगी
·          रेलवे मौजूदा लेखा प्रणाली में बदलाव के लिए कार्यदल का गठन करेगा
·          रेलवे वेंडर इंटरफेस मैनेजमेंट सिस्टम को डिजिटल बनाएगा
·          यात्रियों की शिकायतों के समाधान के लिए हैल्प लाइन नं. 138 चौबीस घंटे कार्य करेगा
·          स्वच्छ रेल-स्वच्छ भारत के लिए काम करेगा रेलवे
·          बिस्तरों के डिजाइन, गुणवत्ता और स्वच्छता को बेहतर बनाएगा रेलवे
·          महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए निर्भया निधि का उपयोग करेगी रेलवे
·          रेलवे परिचालन और व्यवसायिक कुशलता के उच्चतम मानक सुनिश्चित करेगा
·          2015-16 के लिए नौ वर्ष में सर्वश्रेष्ठ 88.5 प्रतिशत परिचालन औसत का प्रस्ताव
·          यात्री भाड़े में कोई बढ़ोत्तरी नहीं
·          अनारक्षित श्रेणी की टिकट खरीद सुगम बनाने के लिए “ऑपरेशन फाइव मिनट
·          भिन्न रुप से सक्षम यात्रियों के लिए एक बार रजिस्ट्रेशन कराने के बाद रियायती ई-टिकट ‘रक्षा यात्रा प्रणाली’ विकसित, वारंट समाप्त
·          ई-कैटरिंग में सर्वोत्तम खाद्य श्रृंखलाओं को शामिल किया जाएगा
·          रेल बजट में अधिक राजस्व और उपयुक्त निवेश सुनिश्चित करने तथा प्रणाली के संकुलन को कम और लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रावधान
·          गाड़ियों के आगमन/प्रस्थान के समय के लिए ‘एसएमएस’ अलर्ट
·          चुनिंदा मार्गों पर सुरक्षा चेतावनी प्रणाली और गाड़ियों की टक्कर से बचाव की प्रणाली



आर्थिक समीक्षा 2015-16

वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढऩे के मद्देनजर सरकार ने शुक्रवार को भारतीय अर्थव्यवस्था की गुलाबी तस्वीर पेश करते हुए कहा कि अगले वित्त वर्ष में विकास दर 7.0 से 7.75 फीसदी के बीच रहेगी तथा अगले कुछ वर्षों में इसके आठ फीसदी के पार पहुंचने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2015-16 में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था विकास के पथ पर तेजी से कदम बढ़ा रही है, क्योंकि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार, राजकोषीय मोर्चे पर उठाए जा रहे कदमों और मूल्य स्थिरता पर ध्यान केन्द्रित करने की बदौलत वृहद संवेदनशीलता कम हो गई है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम द्वारा तैयार इस समीक्षा में कहा गया है कि कीमतों के मोर्चे पर नरमी की स्थिति और देश में बाह्य चालू खातों के संतोषजनक स्तर को देखते हुए अगले दो वर्षों में आठ प्रतिशत या उससे ज्यादा की विकास दर हासिल करना अब संभव नजर आ रहा है।
सरकार सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस तरह के तीव्र विकास के लिए जो मौजूदा स्थितियां हैं, उनमें वृहद आर्थिक स्थिरता सहायक साबित हो रही है। समीक्षा में वर्ष 2016-17 के दौरान आर्थिक विकास दर 7 से लेकर 7.75 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
वर्ष 2014-15 में 7.2 प्रतिशत और वर्ष 2015-16 में विकास दर 7.6 प्रतिशत रहने के अनुमान के बाद सात प्रतिशत से ज्यादा की विकास दर ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढऩे वाली बड़ी अर्थव्यवस्था में तब्दील कर दिया है।
इसमें कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान अब और अधिक मूल्यवान हो गया है, क्योंकि चीन फिलहाल अपने को फिर से संतुलित करने में जुटा हुआ है।

 आर्थिक समीक्षा 2015-16 की मुख्य बातें :

·         सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 2015-16 में 8.1-8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान
·         वृद्धि दर दहाई अंक के मार्ग पर, आने वाले दिनों में 8-10 प्रतिशत वृद्धि संभव
·         अप्रैल-दिसंबर 2014 के दौरान मुद्रास्फीति में गिरावट का रझान
·         चालू खाते का घाटा 2015-16 के दौरान घटकर करीब एक प्रतिशत पर आ जाएगा
·         राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत रखने का लक्ष्य कायम, आगे इसे जीडीपी के 3 प्रतिशत तक सीमित करने का लक्ष्य
·          राजकोषीय पुनर्गठन के लिए प्रतिबद्धता, राजस्व बढाने के प्रयास पर जोर
·         खाद्यान्न उत्पादन 2014-15 में 25.70 टन रहने का अनुमान, पिछले पांच साल के औसत में 85 लाख टन अधिक हो जाएगा
·         नीति आयोग, 14वां वित्त आयोग राजकोषीय संघवाद को बढ़ाएगा
·          मेक इन इंडिया और स्किलिंग इंडियाके बीच संतुलन बनाने की जरूरत
·         विश्व व्यापार संगठन में सेवा क्षेत्र के समझौते बाजार पहुंच की बाधाएं दूर करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण
·         निवेश बढ़ाने के लिए पीपीपी माडल को जीवंत बनाने की जरूरत
·         विनिर्माण और सेवा क्षेत्र आर्थिक-वृद्धि के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण
·         उपभोक्ता मुद्रास्फीति 2015-16 में 5-5.5 प्रतिशत रहेगी
·         कमतर मुद्रस्फीति से मौद्रिक नीति में उदारता के लिए गुंजाइश बनी
·         बड़े सुधारों के लिए गुंजाइश
·         श्रम, पूंजी, भूमि, बाजार सुधार और कौशल की वृद्धि में मुख्य भूमिका होगी
·         जनधन योजना, आधार, मोबाइल
·         जनाधारमके तेहरे उपाय से गरीबों को बिना लीकेज के कोष हस्तांतरण में मदद मिलेगी
·         मेक इन इंडिया को बढ़ाने के लिए घरेलू उद्योग को सुरक्षा प्रदान करने की जरूरत है
·         ऋण का पैसा निवेश पर लगे न कि सरकारी खर्च पूरा करने पर
·         अप्रैल-जनवरी 2014-15में खाद्य सब्सिडी 20 प्रतिशत बढ़कर 1.08 लाख करोड़ रुपये
·         रेलवे के ढांचे, व्यावसायिक तौर-तरीकों में सुधार और प्रौद्योगिकी में आमूल परिवर्तन। 
·         रेलवे के विकास के लिए अल्पकालिक स्तर पर सार्वजनिक निवेश महत्वपूर्ण लेकिन निजी निवेश का विकल्प नहीं।
·         चालू वित्त वर्ष में और विनिवेश की संभावना।
·         पेट्रोलियम उत्पादों पर अंडर रिकवरी :आयात लागत के कम दाम पर बिक्री से राजस्व हानि: 2014-15 में घटकर 74,664 करोड़ रपए रहने का अनुमान जो वित्त वर्ष 2013-14 में 1.39 लाख करोड़ रपए थी।
·          4डी - डीरेगुलेशन (विनियंत्रण), डिफरेंसिएशन (विभेदीकरण) , डायवर्सिफिकेशन (वैविध्यीकरण), और डिसिंटर (बेहरत रग्ण कंपनी कानून)-से वित्तीय क्षेत्र की वृद्धि बढ़ेगी।
·         जीएसटी के कार्यान्वयन से आर्थिक वृद्धि और निर्यात को बल मिलेगा। 
·         राजकोषीय घाटा, व्यय के लक्ष्यों के लिए मध्यम से दीर्घकालिक राजकोषीय नीति बनाने का सुझाव।
·         वैश्विक जिंस बाजार में 2015 में नरमी बनी रहेगी। 

·         ई-वाणिज्य क्षेत्र में अगले पांच साल में 50 प्रतिशत वृद्धि होगी।

आर्थिक सर्वेक्षण की संक्षिप्त व्याख्या

बजट पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण ने भारतीय अर्थव्यवस्था की उम्मीद भरी तस्वीर पेश की है। इसके मुताबिक अगले वर्ष (2016-17) तो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में कोई भारी उछाल नहीं आएगा, मगर उसके बाद के वर्षों में 8 प्रतिशत या उससे भी ज्यादा की विकास दर हासिल करना अब संभव नजर आने लगा है। वैसे कठिन अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के बीच 2016-17 में अनुमानित 7-7.5 फीसदी विकास दर भी कम नहीं है। इस दर के साथ भी भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
उसके आगे के लिए संजोई गई उम्मीदों का आधार भारत के आर्थिक संकेतकों में आई स्थिरता है। इस सिलसिले में कहा गया है कि राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.9 प्रतिशत तक सीमित रखना संभव हुआ है, चालू खाते का घाटा काबू में है और मुद्रास्फीति निम्न स्तर पर बनी हुई है। परोक्ष करों के संग्रह में खासी बढ़ोतरी हुई है, पूंजीगत खर्च में छह साल की सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज हुई और सबसिडी में भारी गिरावट आई है। मगर इसका यह अर्थ नहीं समझा जाना चाहिए कि भारत तमाम आर्थिक चुनौतियों से उबर गया है।
सरकार ने माना है कि आर्थिक विकास को निरंतरता देने के लिए उसे कई ठोस कदम उठाने होंगे। इनमें एक टैक्स-जीडीपी अनुपात को बढ़ाना है। दूसरा शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ना है। भारत के जीडीपी में टैक्स का अनुपात 16.6 प्रतिशत है, जो उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों (21 फीसदी) और विकसित देशों (34 फीसदी) से काफी कम है। भारत की सिर्फ 5.4 प्रतिशत आबादी प्रत्यक्ष करों के दायरे में है। यानी अपेक्षित और वास्तविक कर उगाही के बीच लंबा फासला है। सर्वेक्षण के मुताबिक भारत अपने जीडीपी का 3.4 फीसदी हिस्सा ही स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च करता है, जो विकसित एवं उभरते देशों की तुलना में बहुत कम है। शिक्षा, स्वास्थ्य और उपयुक्त कर ढांचा अर्थव्यवस्था की दीर्घकालिक बेहतरी के लिए बेहद अहम हैं। इनके लिए दूरगामी रणनीति बननी चाहिए।
क्या सोमवार को पेश होने वाले आम बजट में इस दिशा में कोई महत्वपूर्ण घोषणा होगी? उल्लेखनीय है कि आर्थिक सर्वेक्षण सरकार के आर्थिक नजरिए तथा आकलन का दस्तावेज होता है। इसे बजट का आधार माना जाता है। वैसे वित्त मंत्री के सामने एक बड़ी फौरी चुनौती सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से आएगी। संभवत: इसी कारण आर्थिक सर्वेक्षण में राजकोषीय रणनीति की मध्यकालिक (मिड-टर्म) समीक्षा की जरूरत बताई गई है।
यानी मुमकिन है कि अभी राजकोषीय घाटे की जो सूरत दिख रही है, वह आगे चलकर कुछ बिगड़ जाए। इसके अलावा सरकारी बैंकों का डूबता कर्ज और कॉरपोरेट घरानों के मुनाफे में कमी भी चिंता के खास कारण हैं। फिर विश्व अर्थव्यवस्था में जारी उथल-पुथल के चलते पेश आ रही चुनौतियां हैं। इन मुश्किलों के बावजूद सरकार का आशावान बने रहना संतोष की बात है। अब देखना है कि वित्त मंत्री आम बजट के जरिए आर्थिक सर्वेक्षण में जताई गई उम्मीद को कैसे व्यवहार में उतारते हैं।

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