सोमवार, 3 मार्च 2014

कृषि‍ एवं प्रसंस्‍कृत खाद्य उत्‍पाद नि‍र्यात वि‍कास प्राधि‍करण

जिस समय फसल को खेत में से काटा जाता है उसी समय से उसे उसकी इच्छित मंजिल तक पहुंचाने का काम शुरू हो जाता है, इस प्रक्रिया में विभिन्न चरणों पर कई कृषि उत्पाद खराब होते रहते हैं। यह अनुमान लगाया गया है किफसल लेने के बाद फसल की संभाल, परिवहन तथा भंडारण की पर्याप् सुविधाएं उपलब् होने के कारण लगभग 30 से 40 फीसदी फल तथा सब्जियां खराब हो जाते हैं। भारत से जल्दी खराब होने वाले फल- सब्जियों के निर्यात को बढ़ाने में फसल लेने के बाद बुनियादी सुविधाओं की कमी तथा इससे होने वाले नुकसान को निरंतर बड़ी बाधा के रूप में रेखांकित किया गया है। इसके अतिरिक् देश की कृषिनिर्यात नीति कभी-कभी लघु अवधि की बाधाओं जैसे आपूर्ति पर प्रतिबंध अथवा अचानक कीमतें बढ़ने की स्थितिमें फसलों के निर्यात पर प्रतिबंध आदि से भी प्रभावित होती है। जब भी ऐसे प्रतिबंध लगाए जाते है, प्रसंस्कृत तथा/या मूल्यवर्धित उत्पादों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ क्षेत्र तथा मूल्यवर्धन देश की कुल कृषि अर्थव्यवस्था का छोटा सा भाग है तथा अपने उत्पादों का बहुत छोटा भाग निर्यात कर पाते हैं। इसीलिए प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए निरंतर नीतियां बनाना अनिवार्य है।

इन सब समस्याओं को देखते हुए सरकार कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण(एपीईडीए) के सहयोग से आवश्यक तकनीकी तथा वित्तीय सहायता उपलब् करा रही है। एपीईडीए ने जल्दी खराब होने वाले खाद्य उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। एपीईडीए ने कई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों जैसे दिल्ली मुंबई, कोलकाता, बागडोगरा, अमृतसर, हैदराबाद, बैंगलुरू, चेन्नई, गोआ, नासिक आदि में जल्दी खराब होने वाले उत्पादों के लिए केन्द्र(सीपीसी), जापान तथा ऑस्ट्रेलिया को आम के निर्यात के लिए भाप-ऊष्मा ट्रीटमेंट सुविधाएं, संयुक् राज् अमेरिका को आम के निर्यात के लिए विकिरण सुविधाएं, समेकित पैंकिंग केन्द्र, पूर्व शीतलन सुविधाएं, उच् आर्द्रता वाले कोल् स्टोर, संक्रमण रहित पैकेजिंग इकाईयां तथा संग्रहण केन्द्र आदि बुनियादी सुविधा केन्द्रों की स्थापना की है। इसके अतिरिक्, निर्यातकों को बुनियादी सुविधाओं की विकास योजना के अंतर्गत रीफर वैन खरीदने, समेकित पैकिंग गृह स्थापित करने, पूर्व शीतलन सुविधाओं, उच् आर्द्रता वाले कोल् स्टोरेज स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे भारत से निर्यात किए जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता को बनाए रखा जा सके।

नए बाजारों को ढूंढने तथा उनका लाभ उठाने के लिए निर्यातकों को मांग, आपूर्ति, मौसम, प्रक्रिया आदि से जुड़ी विश्वसनीय व्यापारिक जानकारी की विशेष आवश्यकता रहती है। एपीईडीए ने काफी उत्पादों के मामले में बिल्कुल दुर्लभ माने जाने वाले बाजारों जैसे संयुक् राज् अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया तथा चीन को आम; चीन को अंगूर तथा करेला; जापान मैक्सिको तथा चीन को बासमती चावल; मैक्सिको को आम उत्पादों; अलजीरिया, सीरिया, मिस्र, आदि को पशु उत्पादों के निर्यात में सफलता प्राप् की है। उत्पादों को अच्छी स्थिति में पहुंचाने के लिए पैकेजिंग काफी महत्वपूर्ण है। एपीईडीए ने विभिन्न फलों, सब्जियों, कटे हुए फूलों के लिए पैकेजिंग के मानक विकसित किए हैं। इन मानकों तथा विनिर्देशनों का प्रयोग करने वाले निर्यातकों को अधिकतम पांच लाख रूपए वार्षिक की वित्तीय सहायता भी दी जाती है।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में खाद्य सुरक्षा एक बुनियादी मुद्दा है। अंतिम उपभोक्ताओं को खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता तथा सुरक्षा के बारे में आशवस् करने की आवश्यकता लगातार बढ़ रही है। आयात करने वाले देशों की खाद्य सुरक्षा संबंधी चिंताओं को देखते हुए एपीईडीए ने यू देशों को अंगूरों के निर्यात को ग्रेपनेट, अनार के निर्यातक के लिए अनार नेट तथा ऑर्गेनिक उत्पादों के लिए ट्रेसनेट प्रणाली शुरू की है। एपीईडीए ने विभिन्न खाद्य उत्पाद क्षेत्रों जैसे मांस, अंडे तथा डेयरी उत्पादों की निर्माण इकाईयों, आम का गूदा, अचार तथा अन् सूखे उत्पाद बनाने वाली इकाईयों में खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन करने वाले निर्यातकों के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई है। एपीईडीए ने निर्यात हेतु उत्पादों की जांच के लिए प्रयोगशालाओं(वर्तमान में 23) को मान्यता देने हेतु सख् प्रणाली शुरू की है, जिससे मानव कुशलताओं तथा जांच करने संबंधी सुविधाओं के रूप में उनकी क्षमताओं को उन्नत बनाने में मदद मिली है।

निर्यात परिवर्धन कार्यक्रम के उद्देश् की दिशा में अनुसंधान एवं विकास एक महत्वपूर्ण गतिविधि है। निर्यातकों/खाद्य प्रसाधकों के लाभ के लिए मूल्यवर्द्धित उत्पादों के विकास, प्रसंस्करण तकनीकी में सुधार, नई किस्मों के विकास की व्यापारिक आवश्यकता के अनुसार एपीईडीए विशेषज्ञ संस्थानों से अनुसंधान और विकास कार्य करवाता है। हवाई परिवहन की उंची लागत निर्यात संभावनाओं के लिए निरंतर बाधा बनी रही है तथा इससे भारत में उत्पादन लागत में लाभ कम हो जाता है। इसके बाद भंडारण की अधिक लागत तथा अंतर्देशीय परिवहन लागत से कृषि संबंधी तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात के विकास में और भी बाधा पड़ती है। परिवहन सहायता योजना के अंतर्गत बागवानी, फूलों, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों तथा पशु उत्पादों के निर्यातकों को सहायता प्रदान की गई है। जल्दी खराब होने वाले खाद्य उत्पादों के निर्यात को और भी सुविधा देते हुए सरकार ने विदेश व्यापार नीति 2009-14 के द्वारासिंगल विंडो सिस्टमप्रणाली शुरू करने का प्रबंध किया है।

इन प्रयासों के अतिरिक्, एपीईडीए ने समय-समय पर फलों तथा सब्जियों के निर्यात को बढ़ाने के लिए और भी कई कदम उठाए है। देश के कई भागों में फलों तथा सब्जियों के निर्यात को बढ़ाने के लिएएग्री एक्सपोर्ट जोनबनाए गए है। ये जोन उत्पाद विशेष की आपूर्ति को बनाए रखने के लिए समग्र विकास हेतु किए गए सभी प्रयासों तथा सहायता को समुचित दिशा देते है। एपीईडीए निर्यातकों को विभिन् अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित करता है जिससे उन्हें अपने उत्पाद के प्रदर्शन तथा विदेशी व्यापार के बारे में जानने का अवसर मिलता है जिससे, निर्यात की संभावनाएं बढ़ती है। एपीईडीए ने कुछ चुने हुए फलों जैसे अंगूर, आम, लीची आदि की बागवानी के लिए चुने हुए क्षेत्रों में समेकित प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किया है। इसके पहले चरण में एपीईडीए ने अधिक उत्पादन करने वाले क्षेत्रों से आम की कुछ चुनी हुई किस्में जैसे रत्नागिरी से अल्फांसो, औरंगाबाद से केसर आम को चुना है। एपीईडीए ने इन चुने हुए क्षेत्रों में समेकित प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू किया है जिसके परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। एपीईडीए ने वाणिज्यिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए अर्ध-वाणिज्यिक सुविधा शुरू करने हेतु भी प्रयास किए है। इस दिशा में एपीईडीए ने 20 फीट के कंटेनरों को उपचारित करने के लिए(एक दिन में 8-10 टन)1.5 टन क्षमता की मशीन प्राप् की है। यह सुविधा महाराष्ट्र राज् कृषिविपणन बोर्ड द्वारा वाशी, मुंबई में स्थापित की गई है। एपीईडीए ने विभिन् देशों को समुद्री मार्ग द्वारा आम के निर्यात के लिएकंर्टोल् एटमोसफेयर कंटेनरपर भी प्रयोग किए हैं। एपीईडीए निर्यातकों को पैकेजिंग हेतु बुनियादी सुविधाएं जैसे पैक हाऊस, पूर्व शीतलन सुविधाएं, रीफर वैन खरीदने, विज्ञापन के द्वारा उत्पाद के प्रचार, गुणवत्ता जांच के उपकरण खरीदने तथा गुणवत्ता प्रणाली लागू करने के लिए वित्तीय सहायता भी उपलब् करा रही है। इस प्रकार, फसल के बाद अच्छी संभाल, वितरण तथा विपणन सुविधाओं को उन्नत बनाने के प्रयासों से फसल की बर्बादी में कमी आई है तथा ताजा फसलों की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिली है।


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