बुधवार, 22 मई 2013

सामान्य विज्ञान बहुविकल्पीय प्रश्न for civil services pre 2013........


Q. पेसमेकर किस काम आता हैं
1. हृदय स्पन्दन को कम करना
2. हृदय स्पन्दन को समंजित करना
3. हृदय स्पन्दन बढाना
4. हृदय में रुधिर प्रवाह तेज कराना

Ans. 2

Q. आमाशय की सबसे भीतरी पर्त कहलाती हैं-
1. पेशी स्तर
2. सिरोसा
3. श्लेश्मिका
4. अधः श्लेश्मिका

Ans. 3

Q. रक्त में लाल रंग किसके कारण होता हैं -
1. हीमोग्लोबीन
2. आर बी सी
3. डब्ल्यु बी सी
4. प्लाज्मा

Ans. 1

Q. स्तनियों की आहार नाल में बु्रनर ग्रन्थिया पायी जाती हैं -
1. ग्रहणी में
2. आमाशय में
3. ग्रसिका में
4. ग्रसनी में

Ans. 1

Q. ऐसे पदार्थ जो सुक्ष्म जीवों से प्राप्त होते हैं तथा सुक्ष्म जीवों को नष्ट करने के काम आते हैं उन्हे कहते हैं -
1. प्रतिजन
2. प्रतिरक्षी
3. प्रतिजैविक
4. प्रतिरोधी

Ans. 3

Q. निम्नलिखित में से डी.पी.डी का अर्थ है-
1. डिफ्यूजन प्रैशर डिमाण्ड
2. डेली प्रैशर डिमाण्ड
3.डेली फास्फोरस डिमाण्ड
4. डिफ्यूजन प्रैशर डेफिसिएन्सी

Ans. 4

Q. सर्व दाता का रुधिर वर्ग कौनसा होता हैं -
1.
2. बी
3. ए बी
4.

Ans. 4

Q. पोलियो के टीके की खोज किसने की -
1. रेबिल
2. फ्लेमिंग
3. जैन्नर
4. साल्क

Ans. 4

Q. मनुष्य का औसत रक्त चाप कितना होता हैं-
1. 80-120
2. 70-140
3. 60-130
4. 50-100

Ans. 1

Q. पित्त की वसा पर क्रिया कहलाती हैं-
1.जलीय अपघटन
2. ऐस्टरीफिकेशन
3.पाचन
4. इमल्सीफिकेशन (पायसीकरण )

  Ans. 4

Q. वायु में सबसे अधिक मात्रा में पायी जाने वाली गैस कौनसी है-
1. कार्बन डाई आक्साइड
2. आर्गन
3. नाइट्रोजन
4. आक्सीजन

Ans. 3


Q. निम्नलिखित में से परितन्त्र में उर्जा का प्राथमिक स्त्रोत कौनसा हैं -
1.हरे पौधे
2.सूर्य का प्रकाश
3.ए.टी.पी
4.पर्ण हरित
 
Ans. 2

Q. निम्नलिखित में से किस वर्ग में एक पुश्प रहित लेकिन बीजधारी पौध वर्गीकत किया जायेगा-
1. ब्रायोफाइटा
2. कवक
3. टेरिडोपफाइटा
4. जिम्नोस्पर्म

Ans. 1

Q. स्तनियों की दुग्ध ग्रन्थियाँ रुपान्तरण हैं -
1. सिबेशियस ग्रन्थियों की
2. स्वेद ग्रन्थियों की
3. माइबोमिथन ग्रन्थियों की
4. मूलाधार ग्रन्थियों की

Ans. 1

Q. पादपों के नामकरण की द्धिनाम पद्वति किसने चलाई-
1. गर्विन
2. ह्मुगो डी ब्रीज
3. मेण्डल
4. केरोल सलिनियस

Ans. 4

Q. हीमोफीलिया एक आनुवंशिक विकार हैं जो उत्पन्न करता हैं-
1. हीमोग्लोबीन स्तर में कमी
2. डब्ल्यू बी सी में कमी
3. रक्त का स्पन्दन न होना
4. रुमेटी हृदय रोग

Ans. 3

Q. निम्नलिखित में से कौन मधुमेह से संबंधित हैं, जो प्रोढो का एक सामान्य रोग हैं-
1. रक्त में शर्करा का उच्च स्तर
2. रक्त में शर्करा का निम्न स्तर
3. रक्त में इन्सुलिन की निम्न मात्रा
4. रक्त में शर्करा का उच्च स्तर, रक्त में इन्सुलिन की निम्न मात्रा

Ans. 4

Q. पोलियो का वाइरस शरीर में किस प्रकार प्रवेश करता हैं -
1. दुषित रक्त चढाने से
2. मच्छर के काटने से
3. दुषित भोजन तथा जल से
4. वंशानुगत

Ans. 3

Q. ब्रेन की बीमारी को किस प्रकार से पहचाना जाता हैं -
1. ई.ई.जी
2. ई.ई.सी
3. ई.एम.जी
4. ई.के.जी

Ans. 1

Q. किस बीमारी के लिए बी.सी.जी का टीका लगाया जाता हैं -
1. काली खासी
2. टी.बी
3. निमोनिया
4. टिटनेस
  
Ans. 2

Q. एसिटाबूलम का निर्माण होता हैं -
1. इलियम
2. इस्चियम
3. प्यूबिस
4. उपरोक्त सभी से

Ans. 4

Q. अपोहन का प्रयोग किस अंग के लिए होता हैं-
1. फेफड़े
2. हृदय
3. यकृत
4. वृक्क

Ans. 4

Q. वंशानुक्रम के नियम का प्रतिपादन किसने किया-
1. वेन्टिग
2. रमन
3. मेण्डल
4. डार्विन

Ans. 3

Q. मछलियों के यकृत तेल मे किसकी प्रचुरता होती हैं -
1. विटामिन ए
2. विटामिन बी
3. विटामिन सी
4. विटामिन डी

Ans. 4

Q. निर्जीव पदार्थो का अध्ययन कौनसी शाखा में किया जाता हैं -
  1. भौतिकी
2. जीव विज्ञान
3. वनस्पति विज्ञान
4. भू विज्ञान

Ans. 1

Q. हृदय को रक्त की पूर्ति करने वाली धमनिया कहलाती हैं -
1. ग्रीवा धमनिया
2. यकृत धमनिया
3. फुफ्फुस धमनिया
4. हृदय धमनिया

Ans. 3

Q. दूध की शुद्वता मापने के लिए कौनसा यन्त्र काम आता हैं-
1. मैनोमीटर
2. लेक्टोमीटर
3. हाइड्रोमीटर
4. सीस्मोग्राफ

Ans. 2

Q. किडनी स्टोन में पाया जाने वाला प्रमुख रासायनिक यौगिक हैं-
1. युरिक अम्ल
2. केल्सियम सल्फेट
3. केल्सियम कार्बोनेट
4. केल्सियम फास्फेट

Ans. 3

Q. प्राकृतिक वरण का सिद्वान्त किसने प्रतिपादित किया -
1. वेन्टिग
2. लेमार्क
3. मेण्डल
4. डार्विन

Ans. 4

Q. एक पिता का रक्त वर्ग ‘‘‘‘ तथा माता का रक्त वर्ग ‘‘‘‘ हो तो उनके सन्तानों में कौनसा रक्त वर्ग हो सकता हैं -
1. ए व बी
2. बी
3. ए बी
4.

Ans. 4

Q. ऐसे यौगिक जिनके अणुसूत्र समान होते हैं, किन्तु भौतिक गुण भिन्न होते कहलाते हैं -
1. समस्थानिक
2. समभारिक
3. समावयवी
4. उपरोक्त सभी

Ans. 3

Q. ‘टेफलानका बहुलक हैं-
1. ऐथिलीन
2. टेट्राफ्लोरो एथीन
3. टेट्राफ्लोरोमेथीन
  4.स्टाइरीन

Ans. 2

Q. सौर सेलों में प्रयुक्त होता हैं -
1. सिलीकान
2. सिजीयम
3. सिल्वर
4. टाइटेनियम

Ans. 2

Q. अक्रिय गैसों की खोज किसने की -
1.प्रिस्टले ने
2. रेमजे ने
3. लेवासिये ने
4. शीले ने

Ans. 2

Q.‘स्थिर ताप पर किसी गैस की द्रव में विलयता गैस के दाब के अनुक्रमानुपाती होती हैंयह नियम किसने दिया ?
1. हेनरी
2. चाल्र्स
3. ग्राहम
4. केवेविडंस

Ans. 1

Q. ‘‘नेप्थलीन‘‘ ऊनी कपड़े का भण्डारण करने में उपयोग होता हैं क्योंकि -
1. यह एक कीटाणु रोधी हैं
2. यह प्रतिजैविक हैं
3. यह रोगाणुनाशी हैं.
4. यह पूतीरोधी हैं

Ans. 3

Q. मानसिक रोगों के उपचार में उपयोग आने वाले पदार्थ क्या कहलाते हैं ?
1. पूतीरोधी
2. प्रशान्तक
3. प्रतिजैविक
4. प्रतिहिस्टामीन

Ans. 2

Q. अम्लीय रंजक का उदाहरण हैं -
1. इण्डिगो
  2. फिनोफ्थेलीन
3. मेथील ओरेंज
4. मेलेकाइट

Ans. 2

Q. सबसे पुराना प्रतिजैविक हैं -
1. स्ट्रेप्टोमासीन
2. क्लोरोमाइसीन
3. पेनीसीलीन
4. ओरियोमाइसीन

Ans. 3

Q. क्रोमियम धातु का विद्युत लेपन इसिलिए किया जाता हैं, क्योंकि -
1. क्रोमियम का विद्युत अपघटन आसान होता हैं
2.क्रोमियम दूसरी धातु के साथ मिश्र धातु बन सकती हैं
3. क्रोमियम की मूल धातु पर सुरक्षात्मक एवं श्रृंगारात्मक पर्त चढ़ जाती हैं
4. क्रोमियम धातु की सक्रियता उच्च होती हैं

Ans. 3

Q. निन्नलिखित में से कौनसा हरमोन ‘‘लडो या भागो‘‘ हारमोन कहलाता हैं -
1. इन्सुलीन
2. प्राजेस्ट्रोन
3. ऐस्ट्रोजन
4. एड्रीनलीन

Ans. 4

Q. मानव शरीर की सबसे बडी ग्रन्थि कौनसी हैं -
1. थाइराइड
2. पीयुष
3. यकृत
4. आमाशय

Ans. 3
Q. निम्नांकित में से सबसे छोटी ग्रन्थि कौनसी हैं-
1. थाइराइड
2. पीयुष
3. यकृत
4. आमाशय

Ans. 2

Q. गाय और भैसं से दूध उतारने के लिए किस हारमोन का इन्जेक्शन लगाया जाता हैं -
1. एस्ट्रोजन
2. आक्सीटोसीन
3. इन्सुलीन
4. सोमेटोट्रोपीन

Ans. 2

Q. ‘‘कमाण्डर आफ मास्टर ग्लैण्ड‘‘ कौनसी ग्रन्थि को कहते हैं-
1. थाइराइड
2. हाइपोथेलेमस
3. यकृत
4. आमाशय

Ans. 2

Q. खुजलाने से खाज मिटती हैं -
1. त्वचा की धूल हट जाने से
2. रोगाणु मर जाने से
3. खुजली उत्पन्न करने वाले एन्जाइमों के दमन से
4. तन्त्रिकाओं के उद्वीप्त होने से जो मस्तिष्क को प्रतिहिस्टामिनी रसायन स्त्रावित करने का निर्देश देती हैं

Ans. 4

Q. मानव भू्रण का हृदय कब स्पन्दन करने लगता हैं-
1. प्रथम सप्ताह में
2. चतुर्थ सप्ताह में
3. छटे सप्ताह मे
4. तृतीय सप्ताह में

Ans. 2

Q. मनुष्य की आख में प्रकाश तरंगे किस स्थान पर स्नायु उद्वेगों में परिवर्तित होती हैं -
1. कार्निया
2. आइरिस
3. रेटिना
4. लैन्स

Ans. 3

Q. फुफ्फुस की सबसे सुक्ष्म नलिकाए होती हैं-
1. श्वसनी
2. श्वसनिका
3. वायु कोष
4. अन्तिम श्वसनिका

Ans. 3

Q. हमारे शरीर मे त्वचा के नीचे विद्यमान वसा की परत किसके विरुद्ध अवरोधक  का कार्य करती हैं-
1. शरीर की उष्मा का क्षय
2. शरीर के लवणों का क्षय
3. आवश्यक शरीर द्रवों का क्षय
4. वातावरण से हानिकारक सुक्ष्म जीवों का प्रवेश
Ans. 1

Q. मानव शरीर में सबसे लम्बी हड्डी हैं -
1. ह्मयूमरस
2. फीमर
3. मेरुदण्ड
4. रिबकेज

Ans. 2

Q. अस्थियों का अध्ययन विज्ञान की किस शाखा से किया जाता हैं -
1. आस्टियोलोजी
2. जीआलोजी
3. ओरोलोजी
4. सेरेमोलोजी

Ans. 1

Q. मनुष्य के शरीर में फसलियों के कितने जोड़ होते हैं-
1. 12
2. 10
3. 11
4. 13

Ans. 1

Q. टायलीन एन्जाइम का स्त्रवण होता हैं -
1. लार ग्रन्थियों में
2. आमाशय
3. अग्नाशय
4. यकृत

Ans. 1

Q. बरसात के दिनों में लकडी के दरवाजे फूल जाने का कारण हैं-
1. वाष्पोत्सर्जन
2. परासरण
3. अन्तः शोषण
4. जीवद्रव्य कुंचन

Ans. 3

Q. ग्लुकोज व गेलेक्टोज के संयोजन से बनता हैं -
1. लैक्टोज
2. शुक्रोज
3. फ्रक्टोज
4. ग्लाइकोजन

Ans. 1

Q. निम्नलिखित में से कौनसा सही हैं-
1. टीटनेस - बी.सी.जी
2. टी.बी - ए टी एस
3. मलेरिया – क्लोरोक्वीन
4. स्कर्वी - थाइमीन
Ans. 3
Q. टेस्ट ट्यूब बेबी का अर्थ है-
1. परखनली में विकसित शिशु
2. गर्भाशय में निषेचित व परखनली में विकसित भू्रण
3. गर्भाशय में निषेचित और विकसित भू्रण
4. परखनली में निषेचित और गर्भाशय में विकसित भू्रण

Ans. 4

Q. एल्युमिनियम धातु को निम्नलिखित में से किस प्रक्रम द्वारा परिष्कृत करते हैं ?
1. सरपेक प्रक्रम
2. हाल प्रक्रम
3. बेयर प्रक्रम
4. हूप प्रक्रम

Ans. 4

Q. हीरे को कांच काटने के काम मे लिया जाता हैं क्योंकि -
1. गलनांक उच्च हैं
2. अपवर्तनांक निम्न हैं
3. विद्युत कुचालक हैं
4. क्रिस्टल अतिकठोर हैं

Ans. 4





मंगलवार, 21 मई 2013

शिवालिक बेड़े ने भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाई


नवीनतम युद्ध पोत आई एन एस सहयाद्री को भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चूका है। यह युद्ध पोत देश के ही मजगांव डॉक लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है। इस अवसर पर तिरंगा और नौसेना का चिन्‍ह लहराया गया, राष्‍ट्र गान की धुन बजाई गई और इन सबके बीच रक्षा मंत्री श्री ए.के. एंटनी ने औपचारिक रूप से 6 हजार टन भारी युद्ध पोत को देश को समर्पित किया। उन्‍होंने युद्ध पोत के नौसेनिकों से कहा कि वे हिन्‍द महासागर क्षेत्र में शांति और स्‍थायित्‍व स्‍थापित करें।

आई एन एस सहयाद्री शिवालिक वर्ग का अंतिम और तीसरा युद्ध पोत है। इसके साथ ही नौसेना की परियोजना 17 का समापन हो जाता है। सहयाद्री के पहले आई एन एस शिवालिक को वर्ष 2010 में और आई एन एस सतपुड़ा को वर्ष 2011 में देश को समर्पित किया गया था। तीनों युद्ध पोतों का नाम भारत की महत्‍वपूर्ण पर्वत श्रृंखलाओं के नाम पर रखा गया है। शिवालिक वर्ग के युद्ध पोत भारत के ऐसे पहले युद्ध पोत हैं जो इस तरह बनाए गए हैं कि उनकी टोह आसानी से नहीं लगाई जा सकती। ये युद्ध पोत देश के नौसेना के प्रमुख युद्ध पोत हैं। इन्‍हें 21वीं सदी की पहली तिमाही के दौरान बनाया गया है। ये तलवार वर्ग के युद्ध पोतों का उन्‍नत और श्रेष्‍ठ संस्‍करण हैं। इन युद्ध पोतों में जमीन पर मार करने की क्षमता शामिल है। इन्‍हें इस तरह बनाया गया है कि दुशमन आसानी से इनका पता नहीं लगा सकता। रडार प्रणाली और इंजन को इस तरह बनाया गया है कि जिससे शोर कम होता है और उनका पता लगाने में मुश्किल होती है।
शिवालिक वर्ग के युद्ध पोतों की लंबाई 143 मीटर और चौड़ाई 16.9 मीटर है। इनका भार 6 हजार टन है और इनमें गैस टर्बाइन तथा डीजल इंजन लगा है। इनमें 37 अधिकारियों सहित 257 नौसेना कर्मी सवार हो सकते हैं।

परियोजना17- परियोजना-17 की परिकल्‍पना भारतीय नौसेना ने की थी ताकि देश में ही ऐसे युद्ध पोत बनाए जाएं जिनकी टोह लगाना आसान न हो। वर्ष 1997 में भारत सरकार ने तीन युद्ध पोतों की मांग की थी और फरवरी 1998 में मुम्‍बई स्थित मझगांव डॉक लिमिटेड को इन्‍हें निर्मित करने का आदेश दिया था।

नौसेना डिजाइन महानिदेशालय (डीएनडी) ने परियोजना-17 वर्ग के युद्ध पोतों की शुरूआती डिजाइन तैयार की थी। बाद में मझगांव डॉक लिमिटड ने विस्‍तृत डिजाइनें तैयार कीं। खास तरह के इस्‍पात के बदलावों और रूस द्वारा मजबूत डी-40एस इस्‍पात को उपलब्‍ध कराने में विलम्‍ब होने के कारण युद्ध पोतों का निर्माण वर्ष 2000 में शुरू हो पाया। इस्‍पात आपूर्ति समस्‍याओं से निपटने के लिए, आवश्‍यक ए बी- ग्रेड इस्‍पात को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा भारतीय इस्‍पात प्राधिकरण (सेल) ने घरेलू स्‍तर पर ही विकसित किया। इस इस्‍पात से युद्ध पोतों की अगली पीढि़यों को विकसित करने में मदद मिलेगी।

रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम मझगांव डॉक लिमिटेड में 122 मॉड्युलों में जहाजों को बनाना शुरू किया। जुलाई, 2001 में पहले युद्ध पोत की तली तैयार की। अप्रैल, 2003 में इसे शिवालिक नाम दिया गया और इसे तैयार किया गया। फरवरी, 2009 में समुद्र में युद्ध पोत का परीक्षण किया गया और अप्रैल, 2010 में उसे भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया। दूसरे युद्ध पोत सतपुड़ा की तली अक्‍तूबर, 2002 में तैयार की गई और जहाज को 2004 में तैयार किया गया। अगस्‍त, 2011 में उसे नौसेना में शामिल किया गया। तीसरे युद्ध पोत सहयाद्री की तली 2003 में तैयार की गई और मई, 2005 में उसका निर्माण हुआ।

आई एन एस सहयाद्री- आई एन एस सहयाद्री जमीनी और हवाई रक्षा हथियारों से लैस है। इन हथियारों में लंबी दूरी वाली एंटी-शिप मिसाइल, एंटी एयरकराफ्ट मिसाइल और एंटी-मिसाइल रक्षा प्रणाली शामिल है, जो लंबी दूरी पर मौजूद दुश्‍मन को पहचानने और उससे युद्ध करने में सक्षम हैं। इस तरह युद्ध पोत को उल्‍लेखनीय लड़ाकू ताकत प्राप्‍त है। सहयाद्री को सहयोग देने के लिए दो बहुउद्देशीय हेलीकॉप्‍टर भी हैं जिनसे निगरानी और हमले की क्षमता बढ़ती है। युद्ध पोत में फ्रीगेट एम2ईएम 3-डी रडार, खोजी रडार, हमसा (हल-माउन्‍टेड सोनार अरे), फायर कंट्रोल रडार और बेल एलोरा इलैक्‍ट्रोनिक्‍स निगरानी उपकरण लगे हैं।

कम्‍प्‍यूटर आधारित ऐक्‍शन इन्‍फॉरमेशन ऑर्गानाइजेशन द्वारा लड़ाई के मैदान का पूरा इलैक्‍ट्रोनिक चित्र युद्ध केन्‍द्र को भेजा जा सकता है। इसमें सहयाद्री के संवेदी उपकरणों और रडारों की लक्ष्‍य सूचना भी शामिल है। यह सूचनाएं युद्ध पोत के हथियार प्रमुख एग्जिक्‍यूटिव ऑफीसर (एक्‍स ओ) तक पहुंचती है, जो प्रत्‍येक लक्ष्‍य को तबाह करने के लिए इलैक्‍ट्रोनिक रूप से हथियार का चुनाव करता है।

जहाज दो गैस टर्बाइन इंजनों से चलता है, जो उसे अधिकतम 30 नॉट (या 55 किलोमीटर प्रति घंटा से ऊपर) की गति प्रदान करते हैं। सामान्‍य गति के लिए दो डीजल इंजन मौजूद हैं। जहाज को बिजली प्रदान करने के लिए चार डीजल ऑल्‍टरनेटर लगे हैं, जो चार मेगावाट बिजली पैदा करते हैं। इतनी बिजली एक छोटे शहर को रौशन करने के लिए पर्याप्‍त होती है।

मझगांव डॉक - भावी योजनाएं शिवालिक वर्ग के युद्ध पोतों के सफल निर्माण के बाद मझगांव डॉक लिमिटड अब भविष्‍य की ओर पूरे आत्‍मविश्‍वास से देख रहा है। उसको रक्षा जहाज बनाने के इतने ऑर्डर मिल चुके हैं, जो विश्‍व की किसी भी जहाज निर्माण कंपनी के लिए डाह का कारण हो सकता है। मझगांव डॉक लिमिटेड के पास परियोजना 15ए - कोलकाता, कोच्चि और चेन्‍नई - के अंतर्गत तीन विध्वंसक जहाज बनाने का ऑर्डर है। ये जहाज आने वाले वर्षों में नौसेना के बेड़े में शामिल हो जाएंगे। परियोजना 15बी के अंतर्गत चार अन्‍य विध्‍वंसक जहाज बनाने का ऑर्डर भी कंपनी के पास है। इसके बाद परियोजना 17ए के अंतर्गत आसानी से टोह न लगने वाले चार युद्ध पोत बनाए जाएंगे। कंपनी छह स्‍कॉर्पीन पनडुब्‍बी भी बना रहा है। ये सभी 2015 और 2018 के बीच नौसेना में शामिल हो जाएंगे।

कंपनी युद्ध पोत बनाने में आत्‍मनिर्भर होने की दिशा में अग्रसर है और उसने देश को आगे ले जाने के लिए एक सार्थक रणनीति तैयार की है। आई एन एस सहयाद्री को देश को समर्पित करते समय निजी क्षेत्र की दो जहाज निर्माण कंपनियों पीपावेव डिफेंस एंड ऑफशोर इंजिनियरिंग कंपनी लिमिटेड तथा लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के साथ दो समझौते किये गए हैं। इन समझौतों के तहत रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप युद्ध पोतों और पारम्‍परिक पनडुब्बियों का निर्माण किया जाएगा।

सरकार भारत के समुद्री हितों पर पूरा ध्‍यान दे रही है, जिसके लिए भारतीय नौसेना को युद्ध पोतों की आवश्‍यकता बढ़ रही है। इन परिस्थितियों के मद्देनजर रक्षा जहाज निर्माताओं ने अपने कार्यों को सुनिश्चित कर लिया है।

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