बुधवार, 21 अगस्त 2013

एंटीबॉयोटिक नीति

देश में एंटीबॉयोटिक/रोगाणुरोधी दवाओं के व्यापक और अनियमित प्रयोग के कारण बहु-दवा प्रतिरोध के समस्या का समाधान करने के उद्देश्य से सरकार ने पहले ही रोगाणुरोधी प्रतिरोध रोकथाम नामक एक व्यापक राष्ट्रीय नीति तैयार की है। यह नीति स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स द्वारा विकसित की गई है। यह नीति केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इस नीति की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

1. देश में एंटीबॉयोटिक के विनिर्माण, प्रयोग और दुरूपयोग के संबंध में मौजूदा स्थिति की समीक्षा करना।

2. एंटीबॉयोटिक प्रतिरोध के लिए राष्ट्रीय निगरानी प्रणाली के निर्माण संबंधी प्रारूप की सिफारिश करना।

3. परामर्श मानदंड संबंधी दस्तावेज का अध्ययन और उसके लिए एक निगरानी प्रणाली स्थापित करना।

4. मानव एवं पशु चिकित्सा तथा औद्योगिक उपयोग में एंटीबॉयोटिक दवाओं के प्रयोग के लिए विनियामक प्रावधानों को लागू करना।

5. अस्पतालों में एंटीबॉयोटिक दवाओं और एंटीबॉयोटिक नीतियों का उचित उपयोग हो, इसके लिए विशेष उपायों की सिफारिश करना।

6. रोगाणुरोधी प्रतिरोध निगरानी से संबंधित निदान के तरीके।


12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान देश में रोगाणुरोधी प्रतिरोध की रोकथाम के लिए 30 प्रयोगशाला नेटवर्क तथा एंटीबॉयोटिक के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए जागरूकता कार्यक्रम के जरिए उपाय सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है।

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