रविवार, 9 जून 2013

विशेष आर्थिक क्षेत्रों का बुनियादी ढांचे और भूपरिदृश्‍य निर्माण में योगदान

पूर्वी राज्‍य पश्चिमी बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 55 किलोमीटर दूर फाल्‍टा में एक विशेष आर्थिक क्षेत्र-सेज़ स्थित है, जिसके पश्चिम की ओर हुगली नदी बहती है। दक्षिण 24 परगना जिले में सेज़ की स्‍थापना के साथ यह स्‍थान सड़क नेटवर्क, दो बंदरगाहों और एक अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डे के साथ भली-भांति जुड़ा हुआ है। दिन-रात जलापूर्ति, निर्बाधित बिजली आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाओं के साथ फाल्‍टा सेज़ निवेशकों को सरलीकृत प्रक्रियाओं के साथ एक वास्‍तविक समर्थक वातावरण प्रदान करता है।
फाल्‍टा क्षेत्र का यह काया-कल्‍प सरकार की उस विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज़) नीति का परिणाम है जो वर्ष 2000 में तैयार की गई थी। उससे थोड़ा पीछे जाकर देखें तो पता चलता है तो सरकार ने ईपीजैड (अर्थात् निर्यात संवर्द्धन क्षेत्र) मॉडल की खामियां दूर करने के एक मात्र लक्ष्‍य की दिशा में काम करना शुरू किया क्‍योंकि विभिन्‍न प्रकार की रूकावटों के कारण यह मॉडल निर्यात को बढ़ावा देने में सक्षम सिद्ध नहीं हो पा रहा था। इन रूकावटों में नियंत्रणों और मंजूरियों की अधिकता, विश्‍वस्‍तरीय बुनियादी ढांचे का अभाव, और एक अस्थिर राजकोषीय व्‍यवस्‍था शामिल है। इसी दौरान सेज़ की दिशा में सोचा जा रहा था। नई नीति का लक्ष्‍य गुणवत्ता पूर्ण बुनियादी सुविधाओं और केन्‍द्र तथा राज्‍य स्‍तर पर आकर्षक राजकोषीय पैकेज प्रदान करते हुए सेज़ को आर्थिक विकास का इंजन बनाना था। विभिन्‍न प्रकार की खामियों को दूर करने का प्रयास करते हुए एक व्‍यापक कानून विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम, 2005, के रूप में सामने आया। इसमें प्रकियाओं का सरल बनाने और केन्‍द्र तथा राज्‍य सरकारों से संबंधित मामलों की मंजूरी के लिए 'एकल खिड़की' का प्रावधान किया गया। नया कानून अतिरिक्‍त आर्थिक क्रियाकलापों के सृजन, माल एवं सेवाओं के निर्यात को प्रोत्‍साहन, घरेलू और विदेशी स्रोतों से निवेश संवर्द्धन, रोजगार के अवसर पैदा करने और बुनियादी ढांचा सुविधाओं के विकास की व्‍यवस्‍था करता है।
फाल्‍टा विशेष आर्थिक क्षेत्र की बात फिर से करें, तो यह उल्‍लेखनीय है कि 1984 में सरकार से मंजूरी मिलने के बाद से इस सेज़ ने अपनी स्‍थापना के आस-पास के क्षेत्र में प्रत्‍यक्ष और परोक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने, नई गतिविधियों को अंजाम देने, उपभोग पद्धति और सामाजिक जीवन में बदलाव तथा शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल और अन्‍य मानव विकास सुविधाओं के विकास में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा की है।
फाल्‍टा क्षेत्र में चार बेजोड़ इकाइयां कार्यरत हैं, अर्थात् विक्रम सोलर प्रा. लि., जे वी गोकल एंड कंपनी प्रा. लि., कार्बाइड कटिंग टूल्‍स प्रा. लि., और चेविअट कंपनी प्रा. लिमिटेड। ये इकाइयां बेजोड़ हैं, क्‍योंकि रोजगार के अवसर पैदा करने और स्‍थानीय लोगों को उनमें शामिल करने के अलावा, ये इकाइयां ऐसे उत्‍पाद बनाती हैं जो पारिस्थितिकी के अनुकूल और जैव-अपघटनीय हैं। इसके अलावा वे पर्यावरण संरक्षण के अनेक उपायों को भी अंजाम देती हैं।
वर्ष 2006 में स्‍थापित विक्रम सोलर प्रा. लि. सोलर फोटोवोलटैइक मोड्यूल्‍स और प्रणालियों के विनिर्माण एवं बिक्री में संलग्‍न है, जो स्‍वच्‍छ एवं हरित ऊर्जा पैदा करने में सक्षम हैं, अत: यह कंपनी पर्यावरण के स्‍थायी विकास में योगदान कर रही है। इसने अपने को पर्यावरण निष्‍पादन में सुधार की एक अनवरत प्रक्रिया के साथ भी जोड़ा है और कर्मचारियों को समुचित प्रशिक्षण प्रदान करने की प्रणालियां भी विकसित की हैं। वर्ष 2010 में विक्रम ग्रुप ऑफ इंडस्‍ट्रीज ने फाल्‍टा सेज़ में 100 करोड़ रुपये की लागत से 25 मेगावाट सोलर फोटोवोल्‍टैइक मॉड्यूल विनिर्माण संयंत्र का शुभारंभ किया। विक्रम सोलर अपने हरित उत्‍पादों के लिए बेजोड़ मानी जाती है और भारत में एकमात्र कंपनी है जो मॉड्यूलों में इस्‍तेमाल से पहले सेल्‍स के लिए इलेक्‍ट्रोलूमनेसन्स का इस्‍तेमाल करती है।
जे वी गोकल एंड कंपनी प्रा. लि. 60 वर्ष पुरानी भारतीय चाय निर्यात कंपनी है जो महिलाओं को सर्वाधिक रोजगार देने के लिए प्रसिद्ध है। कंपनी ने 2006 में फाल्‍टा में अपने प्रचालन का विस्‍तार किया। भारत की पांच प्रमुख चाय निर्यात कंपनियों में से एक समझी जाने वाली यह कंपनी मूल्‍य संवर्द्धित चाय पैकेजिंग कार्यों में 80 प्रतिशत महिलाओं को काम पर रखती है।
इं‍डस्ट्रियल कटिंग्‍स टूल्‍स के विनिर्माण और निर्यात में संलग्‍न, कार्बाइड कटिंग टूल्‍स (सीसीटी) प्रा. लि. की स्‍थापना सेज़ में की गई है, जिसमें 125 कर्मचारी ड्रिल्‍स, एंडमिल्‍स और विभिन्‍न प्रकार के अन्‍य विशेष टूल्‍स के निर्माण में लगे हैं। अप्रैल-मार्च 2012 की अवधि में सीसीटी का वार्षिक कारोबार 18.06 करोड़ रुपये का था, जिसके संपूर्ण भाग को कंपनी ने फाल्‍टा सेज़ में निष्‍पादित किया है। सीसीटी का संबंध ओएसजी जापान के साथ होने से इसे विश्‍व स्‍तरीय अनुसंधान और विकास का लाभ प्राप्‍त होता है जिससे यह सर्वोत्‍कृष्‍ट डिजाइन एवं गुणवत्‍ता वाली कंपनियों में से एक है। इसके उत्‍पादों के अंतिम इस्‍तेमालकर्ताओं में अन्‍य के अलावा बोइंग, होंडा, जनरल मोटर्स, एलएंडटी, अशोक लेलैंड और टाटा शामिल हैं।
चेविअट कंपनी प्रा. लिमिटेड बारीक पटसन धागे की प्रमुख विनिर्माता और निर्यातक कंपनियों में से एक है। 2003 में कंपनी ने फाल्‍टा सेज़ में शतप्रतिशत निर्यातोन्‍मुखी इकाई लगायी। कपंनी अच्‍छी क्‍वालिटी का औद्योगिक फैब्रिक्‍स बनाने के लिए परम्‍परागत पटसन धागे का इस्‍तेमाल करती है। चेविअट के पास अत्‍याधुनिक विनिर्माण सुविधाएं हैं, और इसके सभी उत्‍पाद पारिस्थिकी अनुकूल और जैव अपघटीय हैं।
एम एल डालमिया एंड कंपनी लिमिटेड  ने बैंटोला में आईटी/आईटीईएस सेज़ का विकास किया। ग्रीन टेक पार्क एक आईटी पार्क है, जो बैंटोला सेज़ के भीतरी भागों में स्थित है। इसमें आईटी की बड़ी कंपनी कोगनिज़ैंट का कार्यालय है, जिसने ग्रीन टेक पार्क में विधिवत रूप से जनवरी 2011 में अपना प्रचालन प्रारंभ किया था। इस पार्क में सेज़ का विस्‍तार करीब 20 एकड़ क्षेत्र में है। कोगनिज़ैंट इस सेज़ में अपने कर्मचारियों को सर्वोत्‍कृष्‍ट, स्‍वस्‍थ और सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करने के प्रति वचनबद्ध है। कंपनी पर्यावरण संरक्षण के उपायों को भी लागू कर रही है जिनमें से एक उपाय यह है कि कंपनी के कर्मचारी अपने ई-कचरे का निपटान जिम्‍मेदारीपूर्ण ढंग करते हैं।
मणिकंचन सेज़ कोलकाता हवाईअड्डे के निकट  स्थित है, जो उन सेंज में एक है जो रत्‍नाभूषणों के निर्यातकों को विश्‍व स्‍तरीय बुनियादी सुविधाएं प्रदान करते हैं। पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले इस सेज़ में श्री गणेष जेवेलरी हाउस (आई) लि. का उद्यम परिसर भी है। इस कंपनी ने मणिकंचन सेज़ में विस्‍तृत अत्‍याधुनिक विनिर्माण सुविधाएं कायम की हैं। सेज़ में स्थित कंपनी के प्‍लांट में करीब 600 कर्मचारी काम करते हैं। जेवेलरी हाउस ने उल्‍लेखनीय कार्यनिष्‍पादन के लिए 2007-2012 की अवधि में लगातार पांच वर्षों तक रत्‍नाभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद का पुरस्‍कार जीता।

इस प्रकार सरकार विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम के माध्‍यम से वांछित उपलब्ध्यिां हासिल करने में सफल रही है। सेज़ कार्यक्रम की सफलता का पता इस तथ्‍य से चलता है कि विशेष आर्थिक क्षेत्रों में निवेश का प्रवाह बढ़ा है और इनमें रोजगार के अतिरिक्‍त अवसर पैदा हुए हैं। सेज़ कार्यक्रम ने घरेलू और विदेशी दोनों   ही निवेशकों को आकर्षित किया है। प्रत्‍यक्ष और परोक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने, नई गतिविधियों को अंजाम देने, उपभोग पद्धति और सामाजिक जीवन में बदलाव तथा शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल और अन्‍य मानव विकास सुविधाओं के विकास में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करते हुए फाल्‍टा सेज़ और इसी तरह के अन्‍य सेज़ स्‍थानीय इलाकों पर महत्‍वपूर्ण प्रभाव डालने में सफल रहे हैं।


अमित गुइन


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